पिथौरागढ़: मुनस्यारी के सुरिंगगाड़ में पैदल पुल नहीं होने से लोग जान जोखिम में डालकर आवाजाही करने को मजबूर है. गांव तक जाने के लिए कोई रास्ता नहीं होने से ग्रामीण लोहे की सीढ़ी की मदद से उफनती नदी को पार कर रहे हैं. सोमवार को सीढ़ी से नदी पार करते समय एक व्यक्ति गिरने से बाल-बाल बचा है. वहीं, ग्रामीणों ने इस जगह पर जल्द से जल्द पुल बनाने की मांग की है.
मुनस्यारी तहसील में सुरिंगगाड़ पर बना लकड़ी का पुल बह गया है. जिसके बाद ग्रामीण अपनी जिंदगी को दांव पर लगाकर आवाजाही करने को मजबूर हैं. आलम ये है कि लोग जान जोखिम में डालकर लोहे की सीढ़ी के जरिए उफनती नदी को पार कर रहे हैं. जो किसी भी वक्त बड़े हादसे को न्यौता दे सकता है. इस पुल के जरिए ढ़ीलम, कुलथम, फल्याटी, लैंगा, उग्राली, धुरातोली गांव के करीब 500 से ज्यादा परिवार आवाजाही करते हैं.
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गौर हो कि सुरिंगगाड़ से गोरीपार क्षेत्र को जोड़ने वाला पुल 2018 की आपदा में बह गया था. इसके बाद लोगों ने आवागमन के लिए लकड़ी की अस्थायी पुलिया बनाई, लेकिन नदी का जलस्तर बढ़ने से ये पुल बह गया था. पिथौरागढ़ में आपदा का कहर भी लगातार जारी है. जबकि, कई लोग इसमें जान गंवा चुके हैं. जबकि, कई लोग बेघर हो चुके हैं. वहीं, स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर क्षेत्र की अनदेखी का आरोप लगाया है.