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उफनती नदी में गिरने से बाल-बाल बचा युवक, सीढ़ी पर अटकी ग्रामीणों की 'जान'

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Published : Aug 25, 2020, 4:53 PM IST

Updated : Aug 25, 2020, 5:19 PM IST

आपदाग्रस्त मुनस्यारी के सुरिंगगाड़ नदी पार करते समय एक युवक उफनती नदी में गिरने से बाल-बाल बचा. जिसे देख लोगों के रोंगटे खड़े हो गए. गनीमत रही कि मौके पर मौजूद एक अन्य युवक ने उसे पकड़ लिया. जिससे बड़ा हादसा होने से टल गया. इस तरह का कोई पहला मामला नहीं है. यहां के लोग अपनी जान दांव पर लगाकर ही आवाजाही करते हैं.

pithoragarh disaster
पिथौरागढ़ न्यूज

पिथौरागढ़: मुनस्यारी के सुरिंगगाड़ में पैदल पुल नहीं होने से लोग जान जोखिम में डालकर आवाजाही करने को मजबूर है. गांव तक जाने के लिए कोई रास्ता नहीं होने से ग्रामीण लोहे की सीढ़ी की मदद से उफनती नदी को पार कर रहे हैं. सोमवार को सीढ़ी से नदी पार करते समय एक व्यक्ति गिरने से बाल-बाल बचा है. वहीं, ग्रामीणों ने इस जगह पर जल्द से जल्द पुल बनाने की मांग की है.

उफनती नदी में गिरने से बाल-बाल बचा युवक.

मुनस्यारी तहसील में सुरिंगगाड़ पर बना लकड़ी का पुल बह गया है. जिसके बाद ग्रामीण अपनी जिंदगी को दांव पर लगाकर आवाजाही करने को मजबूर हैं. आलम ये है कि लोग जान जोखिम में डालकर लोहे की सीढ़ी के जरिए उफनती नदी को पार कर रहे हैं. जो किसी भी वक्त बड़े हादसे को न्यौता दे सकता है. इस पुल के जरिए ढ़ीलम, कुलथम, फल्याटी, लैंगा, उग्राली, धुरातोली गांव के करीब 500 से ज्यादा परिवार आवाजाही करते हैं.

ये भी पढ़ेंः घायल महिला को आईटीबीपी जवानों ने पहुंचाया अस्पताल, प्रशासन के रवैये से नाराज ग्रामीण

गौर हो कि सुरिंगगाड़ से गोरीपार क्षेत्र को जोड़ने वाला पुल 2018 की आपदा में बह गया था. इसके बाद लोगों ने आवागमन के लिए लकड़ी की अस्थायी पुलिया बनाई, लेकिन नदी का जलस्तर बढ़ने से ये पुल बह गया था. पिथौरागढ़ में आपदा का कहर भी लगातार जारी है. जबकि, कई लोग इसमें जान गंवा चुके हैं. जबकि, कई लोग बेघर हो चुके हैं. वहीं, स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर क्षेत्र की अनदेखी का आरोप लगाया है.

पिथौरागढ़: मुनस्यारी के सुरिंगगाड़ में पैदल पुल नहीं होने से लोग जान जोखिम में डालकर आवाजाही करने को मजबूर है. गांव तक जाने के लिए कोई रास्ता नहीं होने से ग्रामीण लोहे की सीढ़ी की मदद से उफनती नदी को पार कर रहे हैं. सोमवार को सीढ़ी से नदी पार करते समय एक व्यक्ति गिरने से बाल-बाल बचा है. वहीं, ग्रामीणों ने इस जगह पर जल्द से जल्द पुल बनाने की मांग की है.

उफनती नदी में गिरने से बाल-बाल बचा युवक.

मुनस्यारी तहसील में सुरिंगगाड़ पर बना लकड़ी का पुल बह गया है. जिसके बाद ग्रामीण अपनी जिंदगी को दांव पर लगाकर आवाजाही करने को मजबूर हैं. आलम ये है कि लोग जान जोखिम में डालकर लोहे की सीढ़ी के जरिए उफनती नदी को पार कर रहे हैं. जो किसी भी वक्त बड़े हादसे को न्यौता दे सकता है. इस पुल के जरिए ढ़ीलम, कुलथम, फल्याटी, लैंगा, उग्राली, धुरातोली गांव के करीब 500 से ज्यादा परिवार आवाजाही करते हैं.

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गौर हो कि सुरिंगगाड़ से गोरीपार क्षेत्र को जोड़ने वाला पुल 2018 की आपदा में बह गया था. इसके बाद लोगों ने आवागमन के लिए लकड़ी की अस्थायी पुलिया बनाई, लेकिन नदी का जलस्तर बढ़ने से ये पुल बह गया था. पिथौरागढ़ में आपदा का कहर भी लगातार जारी है. जबकि, कई लोग इसमें जान गंवा चुके हैं. जबकि, कई लोग बेघर हो चुके हैं. वहीं, स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर क्षेत्र की अनदेखी का आरोप लगाया है.

Last Updated : Aug 25, 2020, 5:19 PM IST
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