बेरीनाग: पिछले तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश के बाद धूप खिलने के साथ होली का रंग भी खिल उठा, ग्रामीण क्षेत्रों में होली की धूम मची हुई है. गांव में खड़ी होली में ग्रामीण जमकर लुत्फ उठा रहे हैं. वहीं, विकासखंड के गढतिर गांव में मनाई जाने वाली होली की विशेष पहचान पूरे उत्तराखंड में है. यहां मनाई जाने वाली होली की फाल्गुन माह में विशेष तैयारी की जाती है. सबसे खास बात इस होली की ये है कि इस दौरान गढ़तिर गांव का कोई भी ग्रामीण किसी भी प्रकार का नशा नहीं करता है.
गांव में सभी लोग होली को चीर बाधने के दिन से छलरी तक घर-घर जाकर होली का गायन करते है, जिसमें सामूहिक रूप बैठकी होली बैठकर और खड़ी होली खड़े होकर गायी जाती है. इसमें सभी लोग एक सी होली की वेशभूषा पहने होते है. होली गायन में महिलाएं भी बढ़-चढ़ कर भाग लेती है. होली के दौरान गांव में पूरा मेले की तरह माहौल रहता है. साल भर मैदानी क्षेत्रों या अन्य स्थानों पर नौकरी करने वाले भी होली के मौके पर घर अवश्यक आती है. होली के दौरान गांव युवा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी करते है.
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बुजुर्ग केशर सिंह बोरा ने बताया कि पिछले कई दशकों से गांव में नशा मुक्ति होली खेली जाती है. होली के दौरान कोई भी शराब पीकर हुड़दंग नहीं करता है. यहां की होली को देखने के लिए आसपास के जिन गांव में होली नहीं होती है. वहां के ग्रामीण भी होली देखने यहां पर पहुंचते है. गांव की होली पुगेश्वर महादेव मंदिर में जाने के दौरान वहां पर बड़ी संख्या में ग्रामीण और महिलाएं भी पहुंचती है, जिससे वहां पर मेले लगता है.
बेरीनाग विकास खंड के विभिन्न क्षेत्रों में होली की धूम मची हुई है. कोटेश्वर महादेव मंदिर में क्षेत्र के कई गांव की सामूहिक होली पहुंची, जहां पर खड़ी और बैठकी होली का आयोजन किया गया. वहीं, कांडे किरोली, उडियारी, चौकोड़ी, पुरानाथल, बडेत बाफिला, बरसायत, देवीनगर, पांखू आदि क्षेत्रों में जमकर होली खेली गई. होली को लेकर बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों में काफी जोश देखने को मिल रहा है. वहीं, होली के त्योहार को देखते हुए स्थानीय प्रशासन भी हुड़दंगियों में कड़ी नजर बनाए हुए है.