पिथौरागढ़: चीन और नेपाल सीमा (China and Nepal border) से सटे जनपद के करीब 35 गांव आजादी के 7 दशक बाद डिजिटल सेवा (digital service) से जुड़ने जा रहा है. भारत सरकार की डिजिटल इंडिया योजना (Digital India Scheme) के तहत देश के अंतिम गांवों में वी-सेट का जाल (V-set network) बिछाया जा रहा है.
फिलहाल इस योजना के तहत दारमा के 13, व्यास के 7, चौंदास के 3 और मिलम घाटी के 12 गांवों में वी-सेट लगाया जा रहा है. इसके अलावा डीडीहाट और बेरीनाग के 2-2, गंगोलीहाट के 3 और पिथौरागढ़ के 4 गांवों में भी वी-सेट स्थापित किए जाएंगे. वी-सेट से जुड़ने के बाद इन गांवों में वाई-फाई कोड लेकर एक साथ 10 लोग इंटरनेट की दुनिया (Internet World ) से जुड़ सकेंगे.
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बता दें कि चीन और नेपाल से सटे सीमांत गांवों में अभी तक संचार का कोई साधन नहीं था. जिसके चलते बॉर्डर के हजारों ग्रामीण शेष दुनिया से जुड़ने के लिए नेपाली टेलीकॉम के भरोसे थे. वी-सेट से जुड़ने के बाद अंतिम छोर पर बसे ग्रामीणों तक सूचनाओं का आदान-प्रदान होगा और भारत तकनीकी तौर पर आत्मनिर्भर बनेगा.
भारत सरकार की डिजिटल इंडिया योजना के तहत BBNL (Bharat Broadband Network) कंपनी द्वारा सीमांत क्षेत्र के 35 गांवों में वी-सेट लगाये जा रहे हैं. इस योजना के जरिये पहली भारत-चीन सीमा से सटे दुर्गम इलाके डिजिटल दुनिया से जुड़ेंगे. जिसके बाद अंतिम छोर पर बसे लोग भी वीडियो और ऑडियो कॉल आसानी से कर सकेंगे. यही नहीं छात्र ऑनलाइन एजुकेशन का भी लाभ उठा सकते हैं. सामरिक नजरिये से महत्वपूर्ण चीन और नेपाल बॉर्डर में (China and Nepal border) डिजिटल सेवा शुरू होने से भारत ने तकनीकी तौर पर अपनी मजबूत स्थिति दर्ज की है.
ये गांव होंगे डिजिटल
- दारमा घाटी में 13 गांव: बोगलिंग, सेला, चल, नागलिंग, बालिंग, दुग्तु, दांतु, गो, बोन, फिलम, तिदांग, मारछा और सीपु.
- व्यास घाटी में 7 गांव: बुदि, गर्ब्यांग, नप्लचु, गुंजी, नाबी, रोंकांग और कुटी.
- मुनस्यारी में 12 गांव: बरफू, रिंगुनिया, टांगा, चुलकोट, पचू, पातो, बोना, डिमदीमिया, भवानी, नामिक और दुनामनी.
- चौदास घाटी में 3 गांव: धारपांगु, बुंगबुंग (सिमखोला) और जिप्ति.