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पिथौरागढ़: परवान नहीं चढ़ पा रही 13 डिस्ट्रिक्ट 13 डेस्टिनेशन योजना

पिथौरागढ़ में नया पर्यटन केंद्र बनाने के लिए थर्टिन डिस्ट्रिक्ट-थर्टिन डेस्टिनेशन योजना की शुरुआत होनी थी. लेकिन अभीतक जमीनी स्तर पर इस योजना को कोई मूर्त रूप नहीं दिया जा सका है.

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Published : Dec 27, 2019, 2:24 PM IST

pithoragarh
दो साल बाद भी राज्य सरकार की योजना को नहीं दिया जा सका मूर्तरूप

पिथौरागढ़: उत्तराखंड सरकार ने दो साल पहले सभी जिलों में नए पर्यटन केन्द्र बनाने के लिए 13 डिस्ट्रिक्ट और 13 डेस्टिनेशन योजना की शुरुआत की थी. वहीं, पिथौरागढ़ में इस योजना के तहत चंडाक के मोस्टामानू इलाके को भी शामिल किया गया था. ये इलाका प्रकृति के बेहतरीन नजारों के लिए जाना जाता है. लेकिन प्रशासन द्वारा यहां पर इस योजना की पहल अभी तक नहीं हो सकी है.

दो साल बाद भी राज्य सरकार की योजना को नहीं दिया जा सका मूर्तरूप

पिथौरागढ़ के इस योजना मे शामिल होने से पहले भी पर्यटक यहां पर आते रहे हैं. यही वजह थी कि, पर्यटन महकमे ने यहां सैलानियों को आकर्षित करने के लिए कई तरह के प्लान तैयार किए थे. जिनमें से एक 13 डिस्ट्रिक्ट-13 डेस्टिनेशन के तहत टूरिस्ट सेंटर के अलावा यहां एशिया का सबसे बड़ा ट्यूलिप गार्डन भी तैयार होना था. लेकिन इस दिशा में भी कहीं से कोई पहल होती नही दिखाई दे रही है.

ये भी पढ़ें: नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : कचरे से निपटने के लिए GHMC बना रहा है ग्रीन स्ट्रीट वेंडिंग जोन

ईको टूरिज्म थीम पर यहां ईको कैफेटेरिया के साथ ही चिल्ड्रन पार्क, डेढ़ किलोमीटर का ट्रेक रूट, व्यू प्वाइंट और बर्ड वॉचिंग सेंटर बनना था. लेकिन हैरानी की बात ये है कि, अभी तक इनमें से किसी कार्य को मूर्तरूप नहीं दिया जा सका है. बताया जा रहा है कि, दो चरणों में इस इलाके को पर्यटन केन्द्र के रूप में स्थापित किया जाना था. लेकिन अभी तक पहला चरण ही सरकारी फाइलों में धूल फांक रहा है. वहीं, प्रशासन ने योजना की डीपीआर शासन को भेज दी है, लेकिन जमीन स्तर पर काम की शुरुआत कब होगी ये अपने आप में सबसे बड़ा सवाल है.

पिथौरागढ़: उत्तराखंड सरकार ने दो साल पहले सभी जिलों में नए पर्यटन केन्द्र बनाने के लिए 13 डिस्ट्रिक्ट और 13 डेस्टिनेशन योजना की शुरुआत की थी. वहीं, पिथौरागढ़ में इस योजना के तहत चंडाक के मोस्टामानू इलाके को भी शामिल किया गया था. ये इलाका प्रकृति के बेहतरीन नजारों के लिए जाना जाता है. लेकिन प्रशासन द्वारा यहां पर इस योजना की पहल अभी तक नहीं हो सकी है.

दो साल बाद भी राज्य सरकार की योजना को नहीं दिया जा सका मूर्तरूप

पिथौरागढ़ के इस योजना मे शामिल होने से पहले भी पर्यटक यहां पर आते रहे हैं. यही वजह थी कि, पर्यटन महकमे ने यहां सैलानियों को आकर्षित करने के लिए कई तरह के प्लान तैयार किए थे. जिनमें से एक 13 डिस्ट्रिक्ट-13 डेस्टिनेशन के तहत टूरिस्ट सेंटर के अलावा यहां एशिया का सबसे बड़ा ट्यूलिप गार्डन भी तैयार होना था. लेकिन इस दिशा में भी कहीं से कोई पहल होती नही दिखाई दे रही है.

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ईको टूरिज्म थीम पर यहां ईको कैफेटेरिया के साथ ही चिल्ड्रन पार्क, डेढ़ किलोमीटर का ट्रेक रूट, व्यू प्वाइंट और बर्ड वॉचिंग सेंटर बनना था. लेकिन हैरानी की बात ये है कि, अभी तक इनमें से किसी कार्य को मूर्तरूप नहीं दिया जा सका है. बताया जा रहा है कि, दो चरणों में इस इलाके को पर्यटन केन्द्र के रूप में स्थापित किया जाना था. लेकिन अभी तक पहला चरण ही सरकारी फाइलों में धूल फांक रहा है. वहीं, प्रशासन ने योजना की डीपीआर शासन को भेज दी है, लेकिन जमीन स्तर पर काम की शुरुआत कब होगी ये अपने आप में सबसे बड़ा सवाल है.

Intro:पिथौरागढ़: उत्तराखंड सरकार ने दो साल पहले सभी जिलों में नए पर्यटन केन्द्र बनाने के लिए थर्टिन डिस्ट्रिक्ट- थर्टिन डेस्टिनेशन योजना का आगाज किया था। पिथौरागढ़ में इस योजना के तहत चंडाक के मोस्टामानू इलाके को शामिल किया गया। ये इलाका प्रकृति के बेहतरीन नजारों के लिए जाना जाता है। योजना मे शामिल होने से पहले भी यहां सैलानी अक्सर आते रहे हैं। यही वजह थी कि पर्यटन महकमें ने यहां सैलानियों को आकर्षित करने के लिए कई प्लान तैयार किए थे। थर्टिन डिस्ट्रिक्ट- थर्टिन डेस्टिनेशन के तहत टूरिस्ट सेंटर के अलावा यहां एशिया का सबसे बड़ा ट्यूलिप गार्डन भी तैयार होना था। लेकिन इस दिशा में भी कहीं से कोई पहल होती नही दिखाई दे रही है।
Body:ईको टूरिज्म थीम पर यहां ईको कैफेटएरिया के साथ ही चिड्रन पार्क, डेढ़ किलोमीटर का ट्रेक रूट , व्यू प्वाइंट और बर्ड वॉचिंग सेंटर बनना था। लेकिन हैरानी इस बात है कि अभी तक इनमें से कुछ भी धरातल में नही आया है। दो चरणों में इस इलाके को पर्यटन केन्द्र के बतौर स्थापित किया जाना था। मगर अब तक पहला चरण ही फाइलों में दौड़ रहा है। प्रशासन ने योजना की डीपीआर शासन को भेज दी है, लेकिन जमीन पर काम कब शुरू होगा कोई नही जानता।
Byte1: अमित लोहनी, जिला पर्यटन अधिकारी
Byte2: विजय कुमार, डीएमConclusion:
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