ETV Bharat / state

पौड़ी: लॉकडाउन में गांव वापस लौटे युवाओं की नई पहल, कर रहे सामूहिक खेती - The youth of Pali village are farming

पाबौ ब्लॉक के पाली गांव में युवाओं ने सामूहिक रूप से खेती करनी शुरू कर दी है. इन युवाओं का कहना है कि सामूहिक रूप से खेती करने पर मानव संसाधनों की कमी नहीं खलेगी. बंजर पड़े खेतों को भी आबाद किया जा सकेगा.

पौड़ी में युवा कर रहे  सामूहिक खेती
पौड़ी में युवा कर रहे सामूहिक खेती
author img

By

Published : Jun 15, 2020, 11:47 AM IST

Updated : Jun 16, 2020, 9:17 PM IST

पौड़ी: पाबौ ब्लॉक के पाली गांव में युवाओं ने खेती के लिए एक नई पहल शुरू की है. लॉकडाउन के दौरान गांव लौटे युवाओं ने सामूहिक रूप से खेती करनी शुरू कर दी है. इन युवाओं का कहना है कि सामूहिक रूप से खेती करने पर मानव संसाधनों की कमी नहीं खलेगी. बंजर पड़े खेतों को भी आबाद किया जा सकेगा. युवाओं की इस पहल को अन्य ग्रामीणों ने भी खूब सराहा है. बुजुर्ग ग्रामीण इन युवाओं को खेती के गुर भी सिखा रहे हैं. लॉकडाउन के चलते रोजगार समाप्त होने से गांव की ओर लौटे युवा प्रवासी अब गांव में ही रह कर स्वरोजगार का मन बना रहे हैं. कुछ युवाओं ने पशुपालन तो कुछ ने खेती का काम भी शुरू का दिया है, जो कि आने वाले समय में पूरे गांव को स्वरोजगार के क्षेत्र में विकसित कर पायेगा.

गौरतलब है कि, लॉकडाउन के बाद हजारों की संख्या में प्रवासी अपने गांव वापस लौट रहे हैं. इनमें अधिकतर युवा हैं जो नौकरी की तलाश में शहरों की तरफ गए थे. अब ये लोग अपने गांव वापस आकर कृषि और बागवानी के क्षेत्र में कार्य शुरू कर रहे हैं जिसे सकारात्मक शुरुआत माना जा रहा है. ये पहल आने वाले समय में रोजगार के क्षेत्र में गांवों को विकसित करने में काफी मददगार साबित होगी.

पौड़ी में युवा कर रहे सामूहिक खेती

दरअसल, शहरों से लौटे ये युवा नए तरीके से खेती कर रहे हैं. ऐसा ही एक उदाहरण विकासखंड पाबौ के पाली गांव के युवाओं ने पेश किया है. पाबौ के युवाओं ने सामूहिक रूप से खेती शुरू कर दी है. ये युवा एक साथ मिलकर खेती का कार्य कर रहे हैं. यहां तक की युवाओं ने खेतों में ही टेंट लगा कर डेरा डाला हुआ है.

पढ़ें- सुशांत की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आत्महत्या की पुष्टि, मुंबई में होगा अंतिम संस्कार

वहीं युवाओं का कहना है कि पहाड़ में खेती स्वरोजगार का सबसे किफायती विकल्प है. हमें नए तरीकों से खेती करनी होगी. लेकिन, प्रशासन की बेरुखी से खफा ये युवा बताते हैं कि उनके गांव में पहले प्याज और आलू की अच्छी पैदावार होती थी जो पूरे साल भर चलती थी. धीरे-धीरे जंगली जानवरों ने फसलों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया. ऐसे में प्रशासन हमारी फसलों को बचाने में सहयोग करे तो हम गांव छोड़ कर नहीं जाएंगे.

पौड़ी: पाबौ ब्लॉक के पाली गांव में युवाओं ने खेती के लिए एक नई पहल शुरू की है. लॉकडाउन के दौरान गांव लौटे युवाओं ने सामूहिक रूप से खेती करनी शुरू कर दी है. इन युवाओं का कहना है कि सामूहिक रूप से खेती करने पर मानव संसाधनों की कमी नहीं खलेगी. बंजर पड़े खेतों को भी आबाद किया जा सकेगा. युवाओं की इस पहल को अन्य ग्रामीणों ने भी खूब सराहा है. बुजुर्ग ग्रामीण इन युवाओं को खेती के गुर भी सिखा रहे हैं. लॉकडाउन के चलते रोजगार समाप्त होने से गांव की ओर लौटे युवा प्रवासी अब गांव में ही रह कर स्वरोजगार का मन बना रहे हैं. कुछ युवाओं ने पशुपालन तो कुछ ने खेती का काम भी शुरू का दिया है, जो कि आने वाले समय में पूरे गांव को स्वरोजगार के क्षेत्र में विकसित कर पायेगा.

गौरतलब है कि, लॉकडाउन के बाद हजारों की संख्या में प्रवासी अपने गांव वापस लौट रहे हैं. इनमें अधिकतर युवा हैं जो नौकरी की तलाश में शहरों की तरफ गए थे. अब ये लोग अपने गांव वापस आकर कृषि और बागवानी के क्षेत्र में कार्य शुरू कर रहे हैं जिसे सकारात्मक शुरुआत माना जा रहा है. ये पहल आने वाले समय में रोजगार के क्षेत्र में गांवों को विकसित करने में काफी मददगार साबित होगी.

पौड़ी में युवा कर रहे सामूहिक खेती

दरअसल, शहरों से लौटे ये युवा नए तरीके से खेती कर रहे हैं. ऐसा ही एक उदाहरण विकासखंड पाबौ के पाली गांव के युवाओं ने पेश किया है. पाबौ के युवाओं ने सामूहिक रूप से खेती शुरू कर दी है. ये युवा एक साथ मिलकर खेती का कार्य कर रहे हैं. यहां तक की युवाओं ने खेतों में ही टेंट लगा कर डेरा डाला हुआ है.

पढ़ें- सुशांत की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आत्महत्या की पुष्टि, मुंबई में होगा अंतिम संस्कार

वहीं युवाओं का कहना है कि पहाड़ में खेती स्वरोजगार का सबसे किफायती विकल्प है. हमें नए तरीकों से खेती करनी होगी. लेकिन, प्रशासन की बेरुखी से खफा ये युवा बताते हैं कि उनके गांव में पहले प्याज और आलू की अच्छी पैदावार होती थी जो पूरे साल भर चलती थी. धीरे-धीरे जंगली जानवरों ने फसलों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया. ऐसे में प्रशासन हमारी फसलों को बचाने में सहयोग करे तो हम गांव छोड़ कर नहीं जाएंगे.

Last Updated : Jun 16, 2020, 9:17 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.