श्रीनगरः वीरचंद्र सिंह राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर (बेस अस्पताल) में अब दूरबीन विधि से ऑपरेशन किया जाएगा. जिससे मरीज को कम तकलीफ होगी. साथ ही मरीज 2 से 3 दिन में अपने घर भी जा सकेगा. बीते दिनों भी श्रीनगर में पहली बार दूरबीन विधि से एक महिला का सफल ऑपरेशन किया गया. महिला को इलाज के बाद छुट्टी भी दे दी गई है. वहीं, इस सुविधा के मिलने से अब पौड़ी, रुद्रप्रयाग, चमोली, टिहरी के मरीजों को दिल्ली और देहरादून का रुख नहीं करना पड़ेगा.
दरअसल, श्रीनगर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में दूरबीन विधि से पहला ऑपरेशन किया गया. पहला ऑपरेशन उखीमठ से रेफर मरीज विश्वेश्वरी देवी (48 वर्ष) का किया गया. महिला बीते लंबे समय से पेट दर्द की शिकायत से परेशान थी. परिजनों ने पहले रुद्रप्रयाग में उनका इलाज करवाया, लेकिन बाद में उन्हें श्रीनगर के लिए रेफर कर दिया गया. श्रीनगर मेडिकल कॉलेज पहुंचने पर जब डॉक्टरों ने मरीज की जांच की तो पाया कि मरीज के बच्चेदानी में ट्यूमर (Tumor in Uterus) है. जिसके कारण महिला के पेट में दर्द हो रहा था.
श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के सर्जरी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर श्वेताभ प्रधान ने बताया कि विश्वेश्वरी देवी लंबे समय से तेज दर्द से पीड़ित थी. जांच करने पर महिला के बच्चेदानी में 5 सेंटीमीटर का ट्यूमर मिला. महिला के ऑपरेशन के लिए पहली बार दूरबीन विधि का प्रयोग किया गया. आमतौर पर सामान्य ऑपरेशन के लिए 15 से 17 सेंटीमीटर का चीरा दिया जाता है. घाव बंद करने के लिए 20 से 22 टांके लगते हैं, लेकिन दूरबीन विधि से विश्वेश्वरी देवी के पेट में 1 सेंटीमीटर का एक चीरा और 3 चीरे 5 एमएम के किए गए.
उन्होंने बताया कि महिला के बच्चेदानी को हटा कर वहां से ट्यूमर को भी हटा दिया गया है. महिला अब बिल्कुल ठीक है. महिला को चार से छ: टांके लगे. जबकि, महिला को दो दिन में छुट्टी भी दे दी गई. उन्होंने बताया कि अब श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में पित्त की थैली, अप्रेंटिस, हर्निया का ऑपरेशन (Telescopic Surgery in Srinagar) इसी विधि से किया जाएगा. जिससे मरीजों को लाभ मिल सकें. इससे घाव के पकने, ड्रेसिंग, इंफेक्शन की संभावना न के बराबर होती है.