श्रीनगरः पौड़ी के मुख्य बाजार में एक दुकान पर साल 2004 में ब्लास्ट जैसी घटना हुई थी, इस घटना में दुकान के मालिक उमेश पंत की मौके पर ही मौत हो गई थी. तब पहाड़ी इलाके में इस घटना की गंभीरता को समझते हुए सरकार ने जांच के आदेश दिए थे, लेकिन तब से लेकर अब तक इस मामले में क्या हुआ किसी को पता नहीं? अब 19 साल बाद उमेश पंत की पत्नी ऊषा पंत ने आवाज उठाई है. ऊषा पंत ने इस मामले में पौड़ी एसएसपी से मुलाकात की है. जिसमें पीड़िता ने परिजनों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. इन आरोपों में फॉर्जरी, संपत्ति विवाद को प्रमुखता से रखा है. मामले में पीड़िता ने संपत्ति विवाद को ही उनके पति की मौत का कारण बताया है, जिसकी उन्होंने जांच की मांग की है.
दरअसल, 25 नवंबर 2004 में पौड़ी के पंत इलेक्ट्रॉनिक में संदिग्ध परिस्थितियों में धमाका हुआ था. जिसमें उमेश पंत की मौत हो गई थी. मामले में तत्कालीन सरकार ने सीबीआई और सीआईडी समेत अन्य एजेंसियों से जांच कराने का आश्वासन दिया था, लेकिन मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई. हालांकि, सीबीसीआईडी (CBCID) ने मामले की जांच की, लेकिन ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच पाई. आरोप है कि अब संबंधित संपत्ति पर उमेश पंत के परिजनों पर कब्जा कर लिया है. जिसे लेकर उमेश पंत की पत्नी उषा पंत इंसाफ की गुहार को लेकर दर दर भटक रही हैं. इतना ही नहीं अब पीड़िता उषा पंत ने पौड़ी एसएसपी श्वेता चौबे से मुलाकात कर न्याय की गुहार लगाई है.
पीड़िता महिला उषा पंत ने बताया कि पंत इलेक्ट्रॉनिक में हुए ब्लास्ट में उनके पति उमेश पंत की मौत हो गई थी. तमाम आश्वासन उन्हें मिले, लेकिन 19 साल बीत जाने के बावजूद भी उन्होंने आज तक न्याय नहीं मिल पाया है. जब उनके पति की मौत हुई थी, तब उनका बेटा महज ढाई साल का था. इस वजह से मामले में कार्रवाई करने में लाचार थी. उन्होंने आरोप लगाया कि अपने जेठ और देवर पर धोखाधड़ी से उनकी पति की चल अचल संपत्ति को हड़पने का प्रयास कर रहे हैं. साथ ही उसे मानसिक रूप से परेशान भी कर रहे हैं. पीड़िता उषा पंत ने बताया कि उनके पति इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकान चलाते थे.
पति की मौत के बाद उनके देवर और जेठ ने उस भवन में उमेशा नाम से होटल खोल दिया. जिसे उनके जेठ और देवर ललित व बुद्धि पंत चलाते हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि अब उनके देवर और जेठ उनके पति का हिस्सा हड़पना चाहते हैं. उनका आरोप है कि संभवत संपत्ति हड़पने की नियत से उनके पति की हत्या करवाई गई हो. ऐसे में वो चाहती हैं कि मामले की फिर से जांच हो, ताकि यह पता चल पाए कि उनके पति की मौत कैसे हुई? वहीं, पीड़िता ने जांच पूरी होने तक उमेशा होटल समेत संबंधित चल अचल संपत्ति को फ्रीज करने की मांग की है. साथ ही एसएसपी श्वेता चौबे से जान का खतरा बताते हुए सुरक्षा की गुहार भी लगाई है.
पीड़िता की ओर से एक शिकायती पत्र दिया गया है. जिसमें संपत्ति विवाद और फर्जी कागजात तैयार कर संपत्ति को उनके नाम पर कराने के प्रयास किए जाने की बात कही गई है. पूरे मामले की जांच पौड़ी सीओ सदर सौंपी गई है. साथ ही जो भी कागजात और तथ्य पीड़िता की ओर से दिए गए हैं, उसकी जांच करने के निर्देश दिए गए हैं. - श्वेता चौबे, एसएसपी, पौड़ी