श्रीनगर: पिछले 8 महीने से तोता घाटी में बड़े वाहनों का परिचालन बंद है. घाटी में सिर्फ छोटे वाहनों का संचालन हो रहा है. वहीं, बड़े वाहन जैसे बस, ट्रक अभी भी ऋषिकेश नरेंद्रनगर टिहरी से होते हुए श्रीनगर आ रहे हैं. इससे मूल्यगांव, देवप्रयाग, बागवान, तीन धारा, बछेली खाल के लोगों को परेशानी हो रही है.
यातायात के लिए लोग बसों का सहारा लेते हैं, लेकिन पिछले 8 माह से इस रूट पर बसों का संचालन नहीं हो पा रहा है. विभाग के इस पैच यानी कौड़ियाला से देवप्रयाग के लिए 147.47 करोड़ की धनराशि आवंटित की गई है. इसमें 112 करोड़ रुपये खर्च हो गए हैं. सड़क की कुल लम्बाई 35 किलोमीटर है. यहां सबसे ज्यादा परेशानी तोता घाटी में सड़क चौड़ीकरण में दिक्कतें आ रही हैं. एक बार रोड कटिंग के दौरान पूरी सड़क ही नदी में समा गई. फिर एक बार चट्टानों को काट कर रास्ता बनाया गया, जो लगभग 6 मीटर चौड़ा है.
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वहीं, देवप्रयाग, व्यासी, तीन धारा के व्यापारियों को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. होटल और ढाबों में सवारियां नहीं आने से व्यापार प्रभावित हो रहा है. पहले यहां बसें रुका करती थीं और यात्री भोजन करते थे. हाल फिलहाल तोता घाटी में छोटे वाहनों के लिए यातायात खोल दिया गया है. जबकि अभी भी कटिंग का काम पूरा नहीं हो पाया है.
इसके पीछे की बड़ी वजह सुप्रीम कोर्ट का आदेश भी हैं. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को सड़क को 5 मीटर तक ही चौड़ा करने को कहा था, जिसके चलते तोता घाटी में कार्य अभी भी आधा-अधूरा है, लेकिन छोटे वाहनों के लिए यातायात सुचारू है.
लोक निर्माण विभाग एनएच खंड के सहायक अभियंता राजीव शर्मा ने बताया कि अभी भी कटिंग का कार्य बचा हुआ है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कटिंग का कार्य बंद है. फिलहाल राजमार्ग छोटे वाहनों के लिए खुला है.