पौड़ी: गोविंद बल्लभ पंत इंजीनियरिंग कॉलेज घुड़दौड़ी के प्रेक्षागृह में वन विभाग की ओर से जल संरक्षण एवं संवर्धन पर एक प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें जनपद के विभिन्न ब्लॉकों से ग्राम विकास अधिकारी, एडीओ पंचायत एवं संबंधित अधिकारियों को जल संरक्षण एवं संवर्धन के लिये वैज्ञानिक दृष्टिकोण से कार्य करने को कहा गया. इस कार्यशाला में बारिश के पानी को बर्बाद होने से रोकने और इसे संरक्षित करने की लिए जानकारी दी गई.
वन विभाग के एसडीओ एमके बहुखंडी ने बताया कि चाल-खाल के पानी को साइंटिफक तरीके से कैसे संरक्षित किया जाए, इसके बारे में जानकारी दी गई. अब इस जानकारी को समस्त ग्राम विकास अधिकारी, सहायक विकास अधिकारी पंचायत एवं संबंधित अधिकारी गांव-गांव तक पहुंचाने का काम करेंगे. साथ ही मैदानी एवं ढालदार भमि पर चाल-खाल को किस प्रकार तैयार किया जाए, इस बारे में भी प्रशिक्षण दिया गया, जिससे मृदा संरक्षण के साथ-साथ जल स्रोतों का रिचार्ज हो सकें.
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एसडीओ एमके बहुखंडी ने बताया कि पौड़ी में जनपद में लगभग 967 जल स्रोत हैं. जिसमें 50 सूख चुके हैं तथा 100 के करीब में पानी घट रहा है. उत्तराखंड वन विभाग ऐसी रूपरेखा तैयार कर रहा है, जिससे जल स्रोतों को रिचार्ज किया जा सकेगा.