श्रीनगरः नगर निगम श्रीनगर में शामिल किए गए गांवों के ग्रामीणों का आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है. श्रीनगर नगर निगम में शामिल किए जाने पर फरासू, कलियासौड़ व डुंगरीपंथ में नगर निगम की अधिसूचना का नोटिस चस्पा करने गई टीम को ग्रामीणों का भारी विरोध झेलना पड़ा. ग्रामीणों का कहना है कि वह नगर निगम में शामिल नहीं होना चाहते हैं.
मंगलवार को नगर पालिका के स्वच्छता निरीक्षक शशि पंवार के नेतृत्व में पालिका प्रशासन की टीम फरासू, कलियासौड़ एवं डुंगरीपंथ गांव के लोगों को विधिवत नगर निगम में शामिल होने की सूचना का नोटिस चस्पा करने गई थी. लेकिन टीम को ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा. इससे पूर्व खिर्सू प्रखंड के गहण एवं स्वीत गांव में गई टीम को भी ग्रामीणों का विरोध झेलना पड़ा था. नगर पालिका के स्वच्छता निरीक्षक शशि पंवार ने बताया कि वह गांव के पंचायत भवन में अधिसूचना का नोटिस चस्पा करने गये थे, लेकिन जैसे ही ग्रामीणों को प्रशासन की टीम के गांव में पहुंचने की सूचना मिली तो बड़ी संख्या में ग्रामीण वहां आ पहुंचे.
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ग्रामीणों ने पंचायत भवन में नोटिस चस्पा करने से साफ मना किया. उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि उन्हें गांव के पंचायत भवन में नोटिस चस्पा करने का आदेश मिला है. वह इसी के तहत यहां पहुंचे हैं, लेकिन ग्रामीणों ने टीम की नहीं सुनी. फरासू प्रधान सुरभि रावत, कलियासौड़ प्रधान सावित्री देवी ने कहा कि वे नगर निगम में शामिल नहीं होना चाहते हैं. लेकिन सरकार जबरन गांवों को नगर निगम में शामिल कर रही है. उन्होंने कहा कि हर स्तर पर इसका विरोध किया जाएगा. ग्रामीण इसके खिलाफ बड़ा आंदोलन छेड़ेंगे.
वहीं, इस पूरे मामले पर स्थानीय विधायक व कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत का कहना है कि अगर किसी चीज का विकास होता है, तो उसका विरोध भी होता है. सरकार ग्रामीणों से वार्ता करेगी. इसके लिए नगर निगम में शामिल किए जाने वाले गांव के ग्रामीणों की जनसुनवाई भी की जाएगी, जिसके बाद ही नगर पालिका श्रीनगर को नगर निगम बनाने की ओर कार्रवाई की जाएगी.