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गुलदार और टाइगर की दस्तक से खौफजदा ग्रामीण, लोगों ने की निजात दिलाने की मांग - गुलदार

पौड़ी जिले के नैनीडांडा ब्लॉक में गुलदार और टाइगर की दशहत से ग्रामीण खौफजदा हैं. साथ ही ग्रामीणों ने वन विभाग से गुलदार और टाइगर से निजात दिलाने की मांग की है.

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कोटद्वार में गुलदार का आतंक
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Published : Jan 8, 2020, 3:02 PM IST

Updated : Jan 8, 2020, 6:13 PM IST

कोटद्वार: पौड़ी जिले के नैनीडांडा ब्लॉक में गुलदार और टाइगर की दशहत से ग्रामीण खौफजदा हैं. क्षेत्र में गुलदार और टाइगर की दहशत से ग्रामीण शाम होते ही घरों में दुबकने को मजबूर हो जाते हैं. ग्रामीणों ने वन विभाग से क्षेत्र में पिंजरा लगाने की मांग की है.

बता दें कि नैनीडांडा के चामसैण गांव में गुलदार और टाइगर ने पिछले तीन महीने में तीन दर्जन से अधिक मवेशियों को अपना निवाला बना चुका है. तो वहीं, हल्दुखाल में राशन ले जा रही महिलाओं पर भी गुलदार झपट चुका है. वहीं क्षेत्र के ग्रामीणों ने गुलदार के बढ़ते आंतक को देखते हुए वन विभाग से इलाके में पिंजरा लगाने की मांग की है.

गुलदार और टाइगर की दस्तक से खौफजदा ग्रामीण.

ये भी पढ़ें:कोटद्वार: यहां अनोखे तरीके से मनाया जाता है मकर संक्रांति का त्योहार


ग्राम प्रधान देवेंद्र सिंह ने बताया कि पिछले तीन महीने से ग्राम सभा झंडगु, चामसैण, कमंदा, लुथिया गांवों में गुलदार ने तीन दर्जन से ज्यादा मवेशियों को अपना निवाला बना चुका है. पिछले एक सप्ताह पूर्व हल्दुखाल से खड़िया गांव राशन लेकर जा रही महिलाओं पर भी टाइगर ने हमला किया था. किसी तरह उस दौरान महिलाओं ने राशन छोड़कर सुरक्षित गांव पहुंची थी. ग्रामीणों ने घटना की सूचना वन विभाग को दी. लेकिन वन विभाग ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए कोई ठोस कदम नही उठाया.

ये भी पढ़ें: माधो सिंह भंडारी ने अकेले कर डाला था गुल का निर्माण, गांव की खुशहाली के लिए दी बेटे की बलि

वन मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि पूरे प्रदेश के लिए यह बहुत ही चिंताजनक विषय है. इसके लिए महाराष्ट्र और दक्षिण भारत में कर्मचारियों का एक दल भेजा गया है. जो अध्ययन करेगा की मानव और वन्यजीवों के मध्य बढ़ रहे संघर्षों को कैसे कम किया जाए. इसके लिए सरकार और वन विभाग चिंतित है. उन्होंने कहा कि चाहे जंगली जानवरों या पालतू जानवरों से नुकसान हो उसे आपदा माना जाएगा. ग्रामीणों को आपदा के नियमों के मुताबिक ही राहत सहायता राशि दी जाएगी.

कोटद्वार: पौड़ी जिले के नैनीडांडा ब्लॉक में गुलदार और टाइगर की दशहत से ग्रामीण खौफजदा हैं. क्षेत्र में गुलदार और टाइगर की दहशत से ग्रामीण शाम होते ही घरों में दुबकने को मजबूर हो जाते हैं. ग्रामीणों ने वन विभाग से क्षेत्र में पिंजरा लगाने की मांग की है.

बता दें कि नैनीडांडा के चामसैण गांव में गुलदार और टाइगर ने पिछले तीन महीने में तीन दर्जन से अधिक मवेशियों को अपना निवाला बना चुका है. तो वहीं, हल्दुखाल में राशन ले जा रही महिलाओं पर भी गुलदार झपट चुका है. वहीं क्षेत्र के ग्रामीणों ने गुलदार के बढ़ते आंतक को देखते हुए वन विभाग से इलाके में पिंजरा लगाने की मांग की है.

गुलदार और टाइगर की दस्तक से खौफजदा ग्रामीण.

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ग्राम प्रधान देवेंद्र सिंह ने बताया कि पिछले तीन महीने से ग्राम सभा झंडगु, चामसैण, कमंदा, लुथिया गांवों में गुलदार ने तीन दर्जन से ज्यादा मवेशियों को अपना निवाला बना चुका है. पिछले एक सप्ताह पूर्व हल्दुखाल से खड़िया गांव राशन लेकर जा रही महिलाओं पर भी टाइगर ने हमला किया था. किसी तरह उस दौरान महिलाओं ने राशन छोड़कर सुरक्षित गांव पहुंची थी. ग्रामीणों ने घटना की सूचना वन विभाग को दी. लेकिन वन विभाग ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए कोई ठोस कदम नही उठाया.

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वन मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि पूरे प्रदेश के लिए यह बहुत ही चिंताजनक विषय है. इसके लिए महाराष्ट्र और दक्षिण भारत में कर्मचारियों का एक दल भेजा गया है. जो अध्ययन करेगा की मानव और वन्यजीवों के मध्य बढ़ रहे संघर्षों को कैसे कम किया जाए. इसके लिए सरकार और वन विभाग चिंतित है. उन्होंने कहा कि चाहे जंगली जानवरों या पालतू जानवरों से नुकसान हो उसे आपदा माना जाएगा. ग्रामीणों को आपदा के नियमों के मुताबिक ही राहत सहायता राशि दी जाएगी.

Intro:summary पौड़ी जिले के नैनीडांडा ब्लाक में इन दिनों गुलदार की दहशत बनी हुई है, नैनीडांडा ब्लॉक में गुलदार की दहशत से लोग सायं ढलते ही घरों में कैद होने को मजबूर हैं, लेकिन वन विभाग इस और ध्यान देने के बजाय चैन की नींद सो रहा है। intro kotdwar चौबटाखाल विधानसभा के बीरोंखाल के बाद अब नैनीडांडा ब्लाक में भी गुलदार की दहशत बनी हुई है, नैनीडांडा के चामसैण गांव में गुलदार ने विगत 3 महीनों में 3 दर्जन से भी अधिक मवेशियों को अपना शिकार बना डाला, तो वही हल्दुखाल में शासन ले जा रही महिलाओं पर भी टाइगर ने झपटा मारा, गुलदार और टाइगर की हरकत बढ़ने से ग्रामीण दहशत में है ग्रामीणों ने वन विभाग से इलाके में पिंजरे लगाने की मांग की वही वन मंत्री ने वन्यजीवों से हुए नुकसान को आपदा घोषित किया।


Body:वीओ1- ग्राम प्रधान देवेंद्र सिंह ने बताया कि विगत 3 माह से नैनीडांडा ब्लाक के ग्राम सभा झंडगु, चामसैण, कमंदा, लुथिया गांवों में टाइगर ने अभी तक 3 दर्जन से भी ज्यादा मवेशियों को अपना निवाला बना दिया है। विगत 1 सप्ताह पूर्व हल्दुखाल से खड़िया गांव राशन लेकर जा रही महिलाओं पर भी टाइगर ने हमला किया था, किसी तरह उस दौरान महिलाओं ने राशन छोड़कर सुरक्षित गांव पहुंची, कई बार इन घटनाओं की सूचना पर विभाग के अधिकारियों को दे दी गई, लेकिन ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए वन विभाग के द्वारा अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए लगातार ग्रामीण घरों में कैद होने को मजबूर है। वीओ2 - वही वन मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि पूरे प्रदेश के लिए बहुत ही चिंताजनक स्थिति है इसके लिए हमने महाराष्ट्र में भी एक दल भेजा है और दक्षिण भारत में भी वन विभाग के कर्मचारियों अधिकारियों का एक दल भेजा, जो अध्ययन करेगा की मानव और वन्यजीवों का संघर्ष है इसे न्यूनतम कैसे किया जाए, इसके लिए सरकार बहुत चिंतित है वन विभाग बहुत चिंतित है, अब हमने जंगली जानवरों से फसलों को नुकसान हो, चाहे पालतू जानवरों को नुकसान हो, या इंसान को नुकसान हो इसको हमने आपदा माना है आपदा के नियमों के मुताबिक ही रात राशि सहायता दी जाएगी। । बाइट डॉ हरक सिंह रावत फीड रिपोर्टर एप से भेजी गई है


Conclusion:
Last Updated : Jan 8, 2020, 6:13 PM IST
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