कोटद्वार: पौड़ी जिले के नैनीडांडा ब्लॉक में गुलदार और टाइगर की दशहत से ग्रामीण खौफजदा हैं. क्षेत्र में गुलदार और टाइगर की दहशत से ग्रामीण शाम होते ही घरों में दुबकने को मजबूर हो जाते हैं. ग्रामीणों ने वन विभाग से क्षेत्र में पिंजरा लगाने की मांग की है.
बता दें कि नैनीडांडा के चामसैण गांव में गुलदार और टाइगर ने पिछले तीन महीने में तीन दर्जन से अधिक मवेशियों को अपना निवाला बना चुका है. तो वहीं, हल्दुखाल में राशन ले जा रही महिलाओं पर भी गुलदार झपट चुका है. वहीं क्षेत्र के ग्रामीणों ने गुलदार के बढ़ते आंतक को देखते हुए वन विभाग से इलाके में पिंजरा लगाने की मांग की है.
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ग्राम प्रधान देवेंद्र सिंह ने बताया कि पिछले तीन महीने से ग्राम सभा झंडगु, चामसैण, कमंदा, लुथिया गांवों में गुलदार ने तीन दर्जन से ज्यादा मवेशियों को अपना निवाला बना चुका है. पिछले एक सप्ताह पूर्व हल्दुखाल से खड़िया गांव राशन लेकर जा रही महिलाओं पर भी टाइगर ने हमला किया था. किसी तरह उस दौरान महिलाओं ने राशन छोड़कर सुरक्षित गांव पहुंची थी. ग्रामीणों ने घटना की सूचना वन विभाग को दी. लेकिन वन विभाग ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए कोई ठोस कदम नही उठाया.
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वन मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि पूरे प्रदेश के लिए यह बहुत ही चिंताजनक विषय है. इसके लिए महाराष्ट्र और दक्षिण भारत में कर्मचारियों का एक दल भेजा गया है. जो अध्ययन करेगा की मानव और वन्यजीवों के मध्य बढ़ रहे संघर्षों को कैसे कम किया जाए. इसके लिए सरकार और वन विभाग चिंतित है. उन्होंने कहा कि चाहे जंगली जानवरों या पालतू जानवरों से नुकसान हो उसे आपदा माना जाएगा. ग्रामीणों को आपदा के नियमों के मुताबिक ही राहत सहायता राशि दी जाएगी.