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काश्तकारों की फसलें चौपट कर रहे हाथी, वन विभाग पर अनदेखी का आरोप - forest department

कोटद्वार के दुगड्डा ब्लॉक के घाड क्षेत्र में कई दिनों से जंगली जानवरों का आतंक मचा हुआ है. ग्रामीणों ने इसकी शिकायत वन विभाग से की, लेकिन ग्रामीणों ने अधिकारियों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है.

animal terror
जंगली जानवरों का आतंक.
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Published : Jan 12, 2020, 8:27 PM IST

कोटद्वार: दुगड्डा ब्लॉक के घाड क्षेत्र में कई दिनों से जंगली जानवरों का आतंक मचा हुआ है. वन विभाग पर सुस्त रवैये का आरोप लगाते हुए ग्रामीण कहते हैं कि कई बार शिकायत करने के बाद भी वन विभाग के अधिकारियों के कान में जू तक नहीं रेंगती.

ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र में आए दिन जंगली जानवर फसल को नुकसान पहुंचाते रहते हैं. जिसके कारण उनके आगे अब रोजी-रोटी का संकट पैदा होने लगा है. घाड क्षेत्र में उत्पादित आलू ,प्याज, अदरक, मूली और लहसुन सहित अन्य सब्जियों का उत्पादन होता है. इन सब्जियों की कोटद्वार शहर में भारी मात्रा में मांग रहती है. लेकिन जानवरों के फसल चौपट करने से उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

ये भी पढ़ें:अपनी लेखनी से युवाओं को राह दिखा रहा 'मित्र पुलिस' का ये जवान

बताया जा रहा है कि हाथियों ने खेतों में रोपी तमाम सब्जियों और पौधों को रौंद डाला. घाड क्षेत्र के चरेख, भरत नगर, पुलिंडा, उर्तिच्छा, कांडई, रामडी, गिठाला और धूराताल गांव आलू, प्याज, मूली, केला और लहसुन के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन इन क्षेत्रों में हाथी का आतंक है. लंबे समय से ग्रामीण वन विभाग से हाथियों के आतंक से मुक्त दिलाने की मांग कर रहे हैं. लेकिन लैंसडौन वन प्रभाग के अधिकारी उनकी बात की अनदेखी कर रहे हैं. जिस कारण गांव के काश्तकार अब खेती छोड़ने के लिए मजबूर हो रहे हैं.

कोटद्वार: दुगड्डा ब्लॉक के घाड क्षेत्र में कई दिनों से जंगली जानवरों का आतंक मचा हुआ है. वन विभाग पर सुस्त रवैये का आरोप लगाते हुए ग्रामीण कहते हैं कि कई बार शिकायत करने के बाद भी वन विभाग के अधिकारियों के कान में जू तक नहीं रेंगती.

ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र में आए दिन जंगली जानवर फसल को नुकसान पहुंचाते रहते हैं. जिसके कारण उनके आगे अब रोजी-रोटी का संकट पैदा होने लगा है. घाड क्षेत्र में उत्पादित आलू ,प्याज, अदरक, मूली और लहसुन सहित अन्य सब्जियों का उत्पादन होता है. इन सब्जियों की कोटद्वार शहर में भारी मात्रा में मांग रहती है. लेकिन जानवरों के फसल चौपट करने से उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

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बताया जा रहा है कि हाथियों ने खेतों में रोपी तमाम सब्जियों और पौधों को रौंद डाला. घाड क्षेत्र के चरेख, भरत नगर, पुलिंडा, उर्तिच्छा, कांडई, रामडी, गिठाला और धूराताल गांव आलू, प्याज, मूली, केला और लहसुन के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन इन क्षेत्रों में हाथी का आतंक है. लंबे समय से ग्रामीण वन विभाग से हाथियों के आतंक से मुक्त दिलाने की मांग कर रहे हैं. लेकिन लैंसडौन वन प्रभाग के अधिकारी उनकी बात की अनदेखी कर रहे हैं. जिस कारण गांव के काश्तकार अब खेती छोड़ने के लिए मजबूर हो रहे हैं.

Intro:Summary दुगड्डा ब्लॉक के घाड क्षेत्र में विगत कई दिनों से जंगली जानवरों का आतंक मचा हुआ है, कई बार ग्रामीणों ने इसकी शिकायत वन विभाग से की, लेकिन वन विभाग के अधिकारियों ने ग्रामीणों की फरियाद नही सुनी, आए दिन जंगली जानवर ग्रामीणों की फसल को नुकसान पहुंचाते रहते हैं जिसके कारण ग्रामीणों के आगे अब रोजी-रोटी का संकट गहराने लगा है।

Intro kotdwar कोटद्वार के घाड क्षेत्र में उत्पादित आलू ,प्याज, अदरक, मूली, लहसुन, सहित अन्य सब्जियों का उत्पादन होता है, इन सब्जियों की कोटद्वार शहर में भारी मात्रा में मांग रहती है, लेकिन आने वाले समय में शायद ही ये सब्जियां कोटद्वार की जनता को नसीब हो पाएगी।
दरअसल सब्जी उत्पादक क्षेत्र में पिछले कई दिनों से हाथियों ने आतंक मचाया हुवा है हाथियों ने खेतों में रोपी गई तमाम सब्जियों और पौधों को रौंद डाला, घाड क्षेत्र के चरेख, भरत नगर, पुलिंडा, उर्तिच्छा, कांडाई, रामडी, गिठाला, धूराताल आलू, प्याज, मूली, केला, लहसुन के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन पुलिंडा, गिठाला, धूराताल क्षेत्रों में हाथी का आतंक मचा हुआ है, काफी समय से ग्रामीण हाथियों के आतंक से मुक्ति दिलाने की मांग पर वन विभाग से कर रहे है , लैंसडौन वन प्रभाग के अधिकारी ग्रामीणों की बात को अनदेखी कर रहे हैं , जिस कारण गांव के काश्तकार खेती छोड़ने के लिए विवश हो रहे हैं।Body:वीओConclusion:वीओ2
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