कोटद्वार: दुगड्डा ब्लॉक के घाड क्षेत्र में कई दिनों से जंगली जानवरों का आतंक मचा हुआ है. वन विभाग पर सुस्त रवैये का आरोप लगाते हुए ग्रामीण कहते हैं कि कई बार शिकायत करने के बाद भी वन विभाग के अधिकारियों के कान में जू तक नहीं रेंगती.
ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र में आए दिन जंगली जानवर फसल को नुकसान पहुंचाते रहते हैं. जिसके कारण उनके आगे अब रोजी-रोटी का संकट पैदा होने लगा है. घाड क्षेत्र में उत्पादित आलू ,प्याज, अदरक, मूली और लहसुन सहित अन्य सब्जियों का उत्पादन होता है. इन सब्जियों की कोटद्वार शहर में भारी मात्रा में मांग रहती है. लेकिन जानवरों के फसल चौपट करने से उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
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बताया जा रहा है कि हाथियों ने खेतों में रोपी तमाम सब्जियों और पौधों को रौंद डाला. घाड क्षेत्र के चरेख, भरत नगर, पुलिंडा, उर्तिच्छा, कांडई, रामडी, गिठाला और धूराताल गांव आलू, प्याज, मूली, केला और लहसुन के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन इन क्षेत्रों में हाथी का आतंक है. लंबे समय से ग्रामीण वन विभाग से हाथियों के आतंक से मुक्त दिलाने की मांग कर रहे हैं. लेकिन लैंसडौन वन प्रभाग के अधिकारी उनकी बात की अनदेखी कर रहे हैं. जिस कारण गांव के काश्तकार अब खेती छोड़ने के लिए मजबूर हो रहे हैं.