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कोटद्वार: भालू की दहशत से ग्रामीण खौफजदा, कई मवेशियों को बना चुका है निवाला

कोटद्वार के अनेक गांवों में इन दिनों भालू का आतंक बना हुआ है. भालू मवेशियों को अपना शिकार बना रहा है.

भालू की दहशत
भालू की दहशत
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Published : Feb 3, 2020, 10:37 AM IST

Updated : Feb 3, 2020, 12:42 PM IST

कोटद्वारः यमकेश्वर विधानसभा के कई गांव में इन दिनों भालू का आतंक छाया हुआ है. भालू गौशाला की छत तोड़कर मवेशियों को अपना निवाला बना रहा है. विगत एक सप्ताह से भालू ने कई गौशाला का दरवाजा तोड़कर कई गाय और बछड़ों को मार चुका है, जिसके चलते पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल बना हुआ है.

गौर हो कि यमकेश्वर विधानसभा में भेलड़ूंगा, सिन्दूडी, इंडिया, कुमरण गांव में विशालकाय भालू के आतंक से ग्रामीण परेशान हैं. भालू गौशाला की छत तोड़कर मवेशियों को मार रहा है. दो दिन पूर्व भालू ने विनोद जुगलान की तीन गाय मार दिया. भालू के आतंक को देखते हुए ग्रामीणों ने अपने मवेशियों को ऋषिकेश स्थित चीला मार्ग पर कौड़िया गांव में शिफ्ट कर दिया है.

वहीं ग्रामीण विवेकानंद कपरूवान ने कहा कि बुढ़ापे में एकमात्र पशुओं का सहारा था, वे भी जंगली जानवरों ने खत्म कर दिए हैं. दिन में गुलदार का आतंक रात में भालू की दहशत ऐसे में कैसे गांव में रहें. वन विभाग के कर्मचारी आते हैं और पटाखे फोड़ कर चले जाते हैं.

पूर्व में भी घटित हो चुकी हैं घटनाएं

क्षेत्र में यह कोई पहली घटना नहीं है. 4 वर्ष पूर्व भी भालू ने दो गाय को मार डाला था और एक को घायल कर दिया था. मंगलवार की रात को भी भालू ने दो गायों का मारा है, जबकि एक घायल हो गई. जिसके बाद में दो गायों को मारने तथा 3 घायल करने की जानकारी सामने आई.

वहीं पूरे मामले पर लालढांग रेंज के रेंजर वीरेंद्र पाल ने कहा कि वन विभाग की ओर से यमकेश्वर क्षेत्र में टीम भेजी गई है. साथ ही कैमरा ट्रैपिंग पर भी लगाया गया है. उन्होंने कहा कि भालू जिस जगह पर एक बार हमला करता है, उस जगह पर दोबारा नहीं जाता है.

यह भी पढ़ेंः बड़ी खबरः ऋषिकेश के पशुलोक डेयरी से 31 गाय गायब, भड़के विधानसभा अध्यक्ष

इसलिए इसके लिए कैमरा ट्रैपिंग बहुत जरूरी है. भालू दिसंबर, जनवरी और फरवरी के माह में अधिक हमले करता है, क्योंकि ऊंचाई वाले क्षेत्रों पर बर्फबारी हो जाती है जिस कारण वे भोजन की तलाश में निचले स्थानों पर आ जाता है.

कोटद्वारः यमकेश्वर विधानसभा के कई गांव में इन दिनों भालू का आतंक छाया हुआ है. भालू गौशाला की छत तोड़कर मवेशियों को अपना निवाला बना रहा है. विगत एक सप्ताह से भालू ने कई गौशाला का दरवाजा तोड़कर कई गाय और बछड़ों को मार चुका है, जिसके चलते पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल बना हुआ है.

गौर हो कि यमकेश्वर विधानसभा में भेलड़ूंगा, सिन्दूडी, इंडिया, कुमरण गांव में विशालकाय भालू के आतंक से ग्रामीण परेशान हैं. भालू गौशाला की छत तोड़कर मवेशियों को मार रहा है. दो दिन पूर्व भालू ने विनोद जुगलान की तीन गाय मार दिया. भालू के आतंक को देखते हुए ग्रामीणों ने अपने मवेशियों को ऋषिकेश स्थित चीला मार्ग पर कौड़िया गांव में शिफ्ट कर दिया है.

वहीं ग्रामीण विवेकानंद कपरूवान ने कहा कि बुढ़ापे में एकमात्र पशुओं का सहारा था, वे भी जंगली जानवरों ने खत्म कर दिए हैं. दिन में गुलदार का आतंक रात में भालू की दहशत ऐसे में कैसे गांव में रहें. वन विभाग के कर्मचारी आते हैं और पटाखे फोड़ कर चले जाते हैं.

पूर्व में भी घटित हो चुकी हैं घटनाएं

क्षेत्र में यह कोई पहली घटना नहीं है. 4 वर्ष पूर्व भी भालू ने दो गाय को मार डाला था और एक को घायल कर दिया था. मंगलवार की रात को भी भालू ने दो गायों का मारा है, जबकि एक घायल हो गई. जिसके बाद में दो गायों को मारने तथा 3 घायल करने की जानकारी सामने आई.

वहीं पूरे मामले पर लालढांग रेंज के रेंजर वीरेंद्र पाल ने कहा कि वन विभाग की ओर से यमकेश्वर क्षेत्र में टीम भेजी गई है. साथ ही कैमरा ट्रैपिंग पर भी लगाया गया है. उन्होंने कहा कि भालू जिस जगह पर एक बार हमला करता है, उस जगह पर दोबारा नहीं जाता है.

यह भी पढ़ेंः बड़ी खबरः ऋषिकेश के पशुलोक डेयरी से 31 गाय गायब, भड़के विधानसभा अध्यक्ष

इसलिए इसके लिए कैमरा ट्रैपिंग बहुत जरूरी है. भालू दिसंबर, जनवरी और फरवरी के माह में अधिक हमले करता है, क्योंकि ऊंचाई वाले क्षेत्रों पर बर्फबारी हो जाती है जिस कारण वे भोजन की तलाश में निचले स्थानों पर आ जाता है.

Intro:summary यंकेस्वर विधानसभा के कई गांव में इन दिनों भालू का आतंक मचा हुआ है, यह भालू गौशाला की छत तोड़कर मवेशियों को अपना निवाला बना रहा है, विगत एक सप्ताह से भालू ने कई गौशाला का दरवाजा तोड़कर कई गाय और उनके बच्चों को मार कर खाई में घसीट हुए ले गया, जिसके चलते ही पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल बना हुआ है।

intro kotdwar यमकेश्वर विधानसभा में भेलड़ूंगा, सिन्दूडी, इंडिया, कुमरण गांव में विशालकाय भालू के आतंक से ग्रामीण परेशान है, भालू गौशाला के छत तोड़कर मवेशियों को मार रहा है, दो दिन पूर्व भालू ने विनोद जुगलान की तीन गाय मार दी, भालू के आतंक को देखते हुए ग्रामीणों ने अपने मवेशियों को ऋषिकेश स्थित चीला मार्ग पर कौड़िया गांव में शिफ्ट कर दिया है, वहीं ग्रामीण विवेकानंद कपरूवान ने कहा कि हम कैसे रहे बुढ़ापे में एकमात्र इन पशुओं का सहारा था वह भी जंगली जानवरों ने खत्म कर दिया है, दिन में गुलदार का आतंक रात में भालू की दहशत ऐसे में कैसे गांव में रहे वन विभाग के कर्मचारी आते हैं और पटाखे फोड़ कर चले जाते हैं।

यंकेस्वर में भालू की घटनाओ का विवरण

4 वर्ष पूर्व दो गाय को मारा था एक घायल

विगत मंगलवार की रात दो गाय को मार दिया था एक घायल

विगत शुक्रबार को दो गाय को मार दिया था 3 घायल


Body:वीओ1- वही पूरे मामले पर लालढांग रेंज के रेंजर वीरेंद्र पाल ने कहा कि वन विभाग की ओर से यमकेश्वर क्षेत्र में टीम भेजी गई है, साथ ही कैमरा ट्रैपिंग पर भी लगा दिया गया है, यह जानवर जिस जगह पर एक बार हमला करता है उस जगह पर दोबारा से नहीं जाता, इसलिए इसके लिए कैमरा ट्रैपिंग बहुत जरूरी है, यह जानवर दिसंबर, जनवरी और फरवरी के माह में अधिक हमला करता है, क्योंकि ऊंचाई वाले क्षेत्रों पर बर्फ बारी हो जाती है जिस कारण यह अपने भोजन की तलाश में निचले स्थानों पर आ जाता है यह जानवर कोई और नहीं है यह भालू है, मौसम के परिवर्तन होते ही यह स्वतह ही ऊंचाई वाले क्षेत्रों पर चला जाता है फिलहाल वन विभाग की ओर से इन क्षेत्रों में गश्त बढ़ा दी गई है।


Conclusion:
Last Updated : Feb 3, 2020, 12:42 PM IST
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