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स्वर्गीय दरबान सिंह नेगी की 72 वीं पुण्यतिथि, व्यक्तित्व स्कूली पाठ्यक्रम में हो शामिल

विक्टोरिया क्रॉस से सम्मानित स्व. दरबान सिंह नेगी की 72 वीं पुण्यतिथि पर बतौर मुख्य अतिथि गढ़वाल विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ अजय कुमार खंडूड़ी ने कहा कि स्व. दरबान सिंह नेगी के व्यक्तित्व व जीवनी को में स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए.

Victoria Cross Awarded Darban Singh Negi
स्वर्गीय दरबान सिंह नेगी की 72 वीं पुण्यतिथि
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Published : Jun 24, 2022, 10:14 PM IST

श्रीनगर: गंगा आरती समिति एवं पर्वतीय विकास शोध केंद्र की ओर से विक्टोरिया क्रॉस से सम्मानित स्व. दरबान सिंह नेगी की 72 वीं पुण्यतिथि पर व्याख्यानमाला आयोजित की गई. इस मौके पर लोगों ने श्रद्धाजंलि देते हुए उन्हें याद किया. वक्ताओं ने कहा कि 1914 में स्व. दरबान सिंह नेगी ने सम्राट पंचम से ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन की मांग की थी. इस पर सहमति जताते हुए 1918 से 1924 तक रेलवे लाइन बिछाने का सर्वे भी अंग्रेजों द्वारा किया गया.

वक्ताओं ने कहा कि आज हमें प्रसन्नता है कि उनका सपना अब पूरा हो रहा है और रेलवे का निर्माण कार्य काफी प्रगति से चल रहा है. इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि गढ़वाल विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ अजय कुमार खंडूड़ी ने कहा कि स्व. दरबान सिंह नेगी के व्यक्तित्व व जीवनी को में स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए.

पढ़ें- CAU के सचिव महिम वर्मा समेत 7 आरोपियों की हो सकती है गिरफ्तारी, SSP ने एसओजी की गठित

गंगा आरती समिति के अध्यक्ष प्रेमबल्लभ नैथानी ने कहा कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन का नाम विक्टोरिया क्रॉस स्व. दरबान सिंह नेगी के नाम पर किया जाना चाहिए. वहीं, पर्वतीय विकास केंद्र के नोडल अधिकारी डॉ अरविंद दरमोड़ा ने कहा कि यह स्व. नेगी की दूरदर्शिता ही थी कि उनकी पहल पर अंग्रेजों ने 1918 में कर्णप्रयाग में अंग्रेजी स्कूल की स्थापना कराई. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए गढ़वाल विवि के पत्रकारिता विभाग के पूर्व निदेशक प्रो. आशाराम डंगवाल ने स्व.नेगी के योगदान को महत्वपूर्ण बताया है.

श्रीनगर: गंगा आरती समिति एवं पर्वतीय विकास शोध केंद्र की ओर से विक्टोरिया क्रॉस से सम्मानित स्व. दरबान सिंह नेगी की 72 वीं पुण्यतिथि पर व्याख्यानमाला आयोजित की गई. इस मौके पर लोगों ने श्रद्धाजंलि देते हुए उन्हें याद किया. वक्ताओं ने कहा कि 1914 में स्व. दरबान सिंह नेगी ने सम्राट पंचम से ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन की मांग की थी. इस पर सहमति जताते हुए 1918 से 1924 तक रेलवे लाइन बिछाने का सर्वे भी अंग्रेजों द्वारा किया गया.

वक्ताओं ने कहा कि आज हमें प्रसन्नता है कि उनका सपना अब पूरा हो रहा है और रेलवे का निर्माण कार्य काफी प्रगति से चल रहा है. इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि गढ़वाल विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ अजय कुमार खंडूड़ी ने कहा कि स्व. दरबान सिंह नेगी के व्यक्तित्व व जीवनी को में स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए.

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गंगा आरती समिति के अध्यक्ष प्रेमबल्लभ नैथानी ने कहा कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन का नाम विक्टोरिया क्रॉस स्व. दरबान सिंह नेगी के नाम पर किया जाना चाहिए. वहीं, पर्वतीय विकास केंद्र के नोडल अधिकारी डॉ अरविंद दरमोड़ा ने कहा कि यह स्व. नेगी की दूरदर्शिता ही थी कि उनकी पहल पर अंग्रेजों ने 1918 में कर्णप्रयाग में अंग्रेजी स्कूल की स्थापना कराई. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए गढ़वाल विवि के पत्रकारिता विभाग के पूर्व निदेशक प्रो. आशाराम डंगवाल ने स्व.नेगी के योगदान को महत्वपूर्ण बताया है.

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