कोटद्वार: लालढांग चिल्लरखाल मोटरमार्ग पर सूर्यास्त के बाद वाहनों के आवागमन पर सख्त मनाही है, क्योंकि रात को इस मोटर मार्ग पर भारी संख्या में जंगली जानवर विचरण करते हैं. लेकिन वन प्रभाग इस ओर ध्यान देने के बजाए चैन की नींद सोया हुआ है, जिससे जानवरों की जान को खतरा हो सकता है.
दरअसल, लालढांग-चिल्लरखाल मोटरमार्ग राजाजी नेशनल पार्क से जुड़ा हुआ है. रात के समय इस मोटरमार्ग पर जंगली जानवर घूमते हैं. वन विभाग के नियमों के अनुसार सूरज ढलने के बाद यहां से वाहनों के आवागमन पर सख्त रोक है. लेकिन आरबीएम से भरे डंपर और ट्रैक्टर ट्रॉली देर शाम के बाद भी इस मोटर मार्ग पर धड़ल्ले से फर्राटा भरते देखे जा सकते हैं. हैरानी के बात है कि इस मोटरमार्ग पर चेक पोस्ट भी है, जहां वन और पुलिस विभाग की टीम भी मौजूद रहती है. बावजूद इसके वाहनों की आवाजाही लगातार जारी है.
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वहीं, इस मामले में लैंसडौन वन प्रभाग के डीएफओ अखिलेश तिवारी का कहना है कि लालढांग-चिल्लरखाल मोटरमार्ग पर सूर्यास्त के बाद वाहनों की आवाजाही नहीं होती है. अगर ऐसा है, तो लालढांग के रेंज अधिकारी को इस संबंध में निर्देशित किया जाएगा. साथ ही कि वो इस मार्ग के दोनों छोर के चेक पोस्टों पर वाहनों की आवाजाही बंद कराएं.