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उत्तराखंड की तहसीलों में काम हुआ ठप, अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गए पटवारी

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Published : Dec 24, 2021, 6:22 PM IST

उत्तराखंड में राजस्व निरीक्षक व उपनिरीक्षक अनिश्चितकालीन हड़ताल (uttarakhand revenue inspector indefinite strike) पर हैं. उनके हड़ताल पर जाने से तहसीलों में काम काज ठप पड़ गए हैं.

uttarakhand revenue inspector indefinite strike
उत्तराखंड में राजस्व निरीक्षक की हड़ताल

श्रीनगर/विकासनगर: प्रांतीय महासंघ के आह्वान पर 23 दिसंबर से पर्वतीय राजस्व निरीक्षक एवं राजस्व सेवक संघ की अनिश्चितकालीन कलमबंद हड़ताल दूसरे दिन भी जारी (uttarakhand revenue inspector indefinite strike) रही. अपनी 4 सूत्रीय मांगों को लेकर अब कर्मचारियों का आक्रोश सरकार के प्रति बढ़ रहा है. पर्वतीय राजस्व निरीक्षक व उपनिरीक्षक पिछले लंबे समय से एकीकरण व्यवस्था का विरोध करते हुए राजस्व पुलिस को रेगुलर पुलिस की भांति ग्रेड-पे वेतनमान दिए जाने की मांग सरकार से कर रहे हैं.

राजस्व उप निरीक्षक और राजस्व निरीक्षकों के संगठन ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही उनकी मांगों पर अमल नहीं होता है तो वो उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे. वहीं, उप निरीक्षकों के हड़ताल पर जाने से जहां गांवों में लोगों को बहुत परेशानी हो रही है. पटवारियों के हड़ताल पर जाने से तहसीलों पर भी इसका असर साफ दिखाई पड़ रहा है. पौड़ी में कागजी कार्रवाई के लिए लोग दूर दराज से तहसील पहुंच रहे हैं, लेकिन हड़ताल के कारण उन्हें निराश होकर खाली हाथ लौटना पड़ रहा है.

हड़ताल पर गए पटवारी

पछवादून की तहसीलों में कामकाज ठपः वहीं, विकासनगर के कालसी तहसील मुख्यालय में चकराता, त्यूणी व कालसी में भी पूरी तरह से कामकाज ठप रहा. आय, जाति व अन्य प्रमाण पत्र बनाने के लिए तहसील पहुंचे लोगों को खाली हाथ लौटना पड़ा. वहीं, कालसी तहसील में धरने पर बैठे कर्मचारियों ने शासन-प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की व एसडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया.

ये भी पढ़ेंः पटवारी, लेखपाल और नायब तहसीलदार के लिए खुशखबरी, एकमुश्त मिलेंगे इतने रुपए

राजस्व पटवारी संघ के सचिव मोतीलाल जिन्नाटा ने कहा कि राजस्व निरीक्षक तथा रजिस्टर कानूनगो के पदों को एकीकृत न किए जाने के संबंध में संगठन द्वारा घोर आपत्ति दर्ज किए जाने के बावजूद एकीकरण का प्रस्ताव शासन को प्रेषित किया गया है. समान कार्य के लिए समान वेतन व समान संसाधन दिए जाने के संबंध में वर्तमान समय तक राज्य से परिषद द्वारा कोई सार्थक कार्रवाई नहीं की गई है.

इसके साथ ही 16वें बैच के राजस्व निरीक्षक प्रशिक्षण में राजस्व निरीक्षक क्षेत्रों के पुनर्गठन तथा राजस्व निरीक्षक सेवा नियमावली पर ज्ञान के संबंध में वर्तमान समय तक राजस्व परिषद द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है. वर्गीय कर्मियों को उच्चरित वेतनमान का लाभ दिए जाने के संबंध में परिषद द्वारा प्रस्ताव तैयार कर शासन को प्रेषित किया गया था जो वर्तमान समय तक विभाग में लंबित है.

श्रीनगर/विकासनगर: प्रांतीय महासंघ के आह्वान पर 23 दिसंबर से पर्वतीय राजस्व निरीक्षक एवं राजस्व सेवक संघ की अनिश्चितकालीन कलमबंद हड़ताल दूसरे दिन भी जारी (uttarakhand revenue inspector indefinite strike) रही. अपनी 4 सूत्रीय मांगों को लेकर अब कर्मचारियों का आक्रोश सरकार के प्रति बढ़ रहा है. पर्वतीय राजस्व निरीक्षक व उपनिरीक्षक पिछले लंबे समय से एकीकरण व्यवस्था का विरोध करते हुए राजस्व पुलिस को रेगुलर पुलिस की भांति ग्रेड-पे वेतनमान दिए जाने की मांग सरकार से कर रहे हैं.

राजस्व उप निरीक्षक और राजस्व निरीक्षकों के संगठन ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही उनकी मांगों पर अमल नहीं होता है तो वो उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे. वहीं, उप निरीक्षकों के हड़ताल पर जाने से जहां गांवों में लोगों को बहुत परेशानी हो रही है. पटवारियों के हड़ताल पर जाने से तहसीलों पर भी इसका असर साफ दिखाई पड़ रहा है. पौड़ी में कागजी कार्रवाई के लिए लोग दूर दराज से तहसील पहुंच रहे हैं, लेकिन हड़ताल के कारण उन्हें निराश होकर खाली हाथ लौटना पड़ रहा है.

हड़ताल पर गए पटवारी

पछवादून की तहसीलों में कामकाज ठपः वहीं, विकासनगर के कालसी तहसील मुख्यालय में चकराता, त्यूणी व कालसी में भी पूरी तरह से कामकाज ठप रहा. आय, जाति व अन्य प्रमाण पत्र बनाने के लिए तहसील पहुंचे लोगों को खाली हाथ लौटना पड़ा. वहीं, कालसी तहसील में धरने पर बैठे कर्मचारियों ने शासन-प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की व एसडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया.

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राजस्व पटवारी संघ के सचिव मोतीलाल जिन्नाटा ने कहा कि राजस्व निरीक्षक तथा रजिस्टर कानूनगो के पदों को एकीकृत न किए जाने के संबंध में संगठन द्वारा घोर आपत्ति दर्ज किए जाने के बावजूद एकीकरण का प्रस्ताव शासन को प्रेषित किया गया है. समान कार्य के लिए समान वेतन व समान संसाधन दिए जाने के संबंध में वर्तमान समय तक राज्य से परिषद द्वारा कोई सार्थक कार्रवाई नहीं की गई है.

इसके साथ ही 16वें बैच के राजस्व निरीक्षक प्रशिक्षण में राजस्व निरीक्षक क्षेत्रों के पुनर्गठन तथा राजस्व निरीक्षक सेवा नियमावली पर ज्ञान के संबंध में वर्तमान समय तक राजस्व परिषद द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है. वर्गीय कर्मियों को उच्चरित वेतनमान का लाभ दिए जाने के संबंध में परिषद द्वारा प्रस्ताव तैयार कर शासन को प्रेषित किया गया था जो वर्तमान समय तक विभाग में लंबित है.

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