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रेशम फॉर्म पर बनेगा उत्तराखंड NIT का अस्थायी कैंपस, बोर्ड ऑफ गवर्नेंस ने दी हरी झंडी

उत्तराखंड एनआईटी का स्थायी कैंपस नहीं होने की वजह से यहां पढ़ने वाले छात्रों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. रेशम फॉर्म की भूमि पर बनने वाले अस्थायी कैंपस में छात्रों की संख्या भी बढ़ाकर 500 तक कर दी जाएगी.

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Published : Aug 13, 2020, 6:04 PM IST

Updated : Aug 13, 2020, 8:40 PM IST

श्रीनगर
श्रीनगर

श्रीनगर: बोर्ड ऑफ गवर्नेंस की तरफ से उत्तराखंड एनआईटी (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) के अस्थायी कैंपस के निर्माण के लिए हरी झंडी मिल गई है. 78 करोड़ 81 लाख रुपए की लागत से उत्तराखंड एनआईटी के अस्थायी कैंपस का निर्माण किया जाएगा. अस्थायी परिसर का निर्माण श्रीनगर में रेशम फॉर्म की भूमि पर ही होगा.

बोर्ड ऑफ गवर्नेंस ने दी हरी झंडी.

बता दें कि नैनीताल हाईकोर्ट ने हाल ही में महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए कहा था कि एनआईटी को उत्तराखंड से बाहर शिफ्ट नहीं किया जाएगा. एनआईटी पूर्व चिह्नित स्थल सुमाड़ी श्रीनगर में या फिर उत्तराखंड के किसी अन्य हिस्से में ही स्थापित होगा. कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए चार महीने में विशेषज्ञों की राय लेकर भूमि चयन करने के आदेश दिए थे.

पढ़ें- NIT मामले में सुमाड़ी के ग्रामीण निराश, कहा- लापरवाही का खामियाजा भुगत रही जनता

इस पर एनआईटी के निदेशक एसएस सोनी ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि श्रीनगर में रेशम फॉर्म की भूमि पर अभी उत्तराखंड एनआईटी का अस्थायी कैंपस बनाया जाएगा. इसके लिए सरकार की तरफ से 78 करोड़ 81 लाख रुपए स्वीकृत हो चुके हैं. भूमि पूजन 21 से 24 अगस्त में बीच में कभी भी किया जा सकता है. अस्थायी कैंपस में छात्रों की संख्या बढ़ाकर 500 तक कर दी जाएगी. कैंपस नहीं होने के कारण अभी यहां छात्रों की संख्या 300 से 350 के बीच है.

निदेशक सोनी के मुताबिक, छह से सात महीने के अंदर अस्थायी कैंपस का निर्माण हो जाएगा. कैंपस बनने के बाद यहां इंजीनियरिंग के पांच बैच संचालित हो सकेंगे. किसी भी बैच को जयपुर कैंपस में जाने की जरूरत नहीं होगी. बाद में जब एनआईटी का स्थायी कैंपस बनेगा तो छात्रों को वहां शिफ्ट कर दिया जाएगा. जिसके बाद एनआईटी की इस अस्थायी बिल्डिंग में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर एनवायरमेंटल स्टेबिलिटी ऑफ हिमालयाज की स्थापना की जाएगी ताकि यहां हिमालय पर होने वाली गतिविधियों पर रिसर्च की जा सके.

श्रीनगर: बोर्ड ऑफ गवर्नेंस की तरफ से उत्तराखंड एनआईटी (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) के अस्थायी कैंपस के निर्माण के लिए हरी झंडी मिल गई है. 78 करोड़ 81 लाख रुपए की लागत से उत्तराखंड एनआईटी के अस्थायी कैंपस का निर्माण किया जाएगा. अस्थायी परिसर का निर्माण श्रीनगर में रेशम फॉर्म की भूमि पर ही होगा.

बोर्ड ऑफ गवर्नेंस ने दी हरी झंडी.

बता दें कि नैनीताल हाईकोर्ट ने हाल ही में महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए कहा था कि एनआईटी को उत्तराखंड से बाहर शिफ्ट नहीं किया जाएगा. एनआईटी पूर्व चिह्नित स्थल सुमाड़ी श्रीनगर में या फिर उत्तराखंड के किसी अन्य हिस्से में ही स्थापित होगा. कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए चार महीने में विशेषज्ञों की राय लेकर भूमि चयन करने के आदेश दिए थे.

पढ़ें- NIT मामले में सुमाड़ी के ग्रामीण निराश, कहा- लापरवाही का खामियाजा भुगत रही जनता

इस पर एनआईटी के निदेशक एसएस सोनी ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि श्रीनगर में रेशम फॉर्म की भूमि पर अभी उत्तराखंड एनआईटी का अस्थायी कैंपस बनाया जाएगा. इसके लिए सरकार की तरफ से 78 करोड़ 81 लाख रुपए स्वीकृत हो चुके हैं. भूमि पूजन 21 से 24 अगस्त में बीच में कभी भी किया जा सकता है. अस्थायी कैंपस में छात्रों की संख्या बढ़ाकर 500 तक कर दी जाएगी. कैंपस नहीं होने के कारण अभी यहां छात्रों की संख्या 300 से 350 के बीच है.

निदेशक सोनी के मुताबिक, छह से सात महीने के अंदर अस्थायी कैंपस का निर्माण हो जाएगा. कैंपस बनने के बाद यहां इंजीनियरिंग के पांच बैच संचालित हो सकेंगे. किसी भी बैच को जयपुर कैंपस में जाने की जरूरत नहीं होगी. बाद में जब एनआईटी का स्थायी कैंपस बनेगा तो छात्रों को वहां शिफ्ट कर दिया जाएगा. जिसके बाद एनआईटी की इस अस्थायी बिल्डिंग में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर एनवायरमेंटल स्टेबिलिटी ऑफ हिमालयाज की स्थापना की जाएगी ताकि यहां हिमालय पर होने वाली गतिविधियों पर रिसर्च की जा सके.

Last Updated : Aug 13, 2020, 8:40 PM IST
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