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इंजीनियरों के निलंबन मामले ने पकड़ा तूल, उत्तराखंड डिप्लोमा इंजीनियर महासंघ ने किया कार्य बहिष्कार

मुख्यमंत्री ने कुछ दिनों पहले सड़क निर्माण मामले में लापरवाही बरतने के मामले में दो इंजीनियरों को निलंबित कर दिया था. अब निलंबित इंजीनियरों के समर्थन में उत्तराखंड डिप्लोमा इंजीनियर महासंघ ने स्थलीय कार्य बहिष्कार दिया है.

Uttarakhand Diploma Engineer Federation boycott work in suspension of engineers
इंजीनियरों के निलंबन मामले ने पकड़ा तूल
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Published : Mar 19, 2021, 7:18 PM IST

कोटद्वार: मुख्यमंत्री द्वारा लोक निर्माण विभाग दुगड्डा के दो इंजीनियरों के निलंबन का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. लोक निर्माण विभाग दुगड्डा सहायक अभियंता और अपर अभियंता के निलंबन को एकतरफा कार्यवाही बताते हुए उत्तराखंड डिप्लोमा इंजीनियर महासंघ ने स्थलीय कार्य बहिष्कार दिया है. शुक्रवार को सभी ने पीएमजीएसवाई कोटद्वार कार्यालय में एकत्रित होकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.

इंजीनियरों के निलंबन मामले ने पकड़ा तूल

इंजीनियर महासंघ ने सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के आधार पर की गई कार्यवाही को अन्यायपूर्ण बताया है. महासंघ ने दोनों इंजीनियरों के निलंबन वापस लेने तक स्थलीय कार्य बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. सभी का कहना है कि सोमवार तक सरकार ने अपने फैसले को वापस नहीं लिया तो प्रदेश में डिप्लोमा इंजीनियर महासंघ की बैठक कर प्रदेशभर में कार्य बहिष्कार करेगा.

पढ़ें- कमीशन की भेंट चढ़ी पांच दिन पहले बनी सड़क, हाथ लगाते ही उखड़ने लगी

इंजीनियर दीपेंद्र रावत ने बताया कि हमारे दुगड्डा, रतुवाढ़ाब, नैनीडांडा मोटर मार्ग पर डामरीकरण का कार्य चल रहा है. इसमें किलोमीटर 154-155 पर 14 मार्च को डामरीकरण हुआ था. उसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. जिस पर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने बिना तथ्यों के जांच किए हुए दो इंजीनियरों को सस्पेंड कर दिया. जिसका हम विरोध करते हैं.

पढ़ें- कमीशन की भेंट चढ़ी पांच दिन पहले बनी सड़क, हाथ लगाते ही उखड़ने लगी

उन्होंने कहा उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत भी नॉन टेक्निकल हैं, एक नॉन टेक्निकल मुख्यमंत्री ने बिना किसी टेक्निकल आदमी से जांच कराए बिना तुरंत प्रभाव से दो इंजीनियरों को सस्पेंड कर दिया, जो कि निश्चित रूप से हम इंजीनियरों का मनोबल गिरा है.

कोटद्वार: मुख्यमंत्री द्वारा लोक निर्माण विभाग दुगड्डा के दो इंजीनियरों के निलंबन का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. लोक निर्माण विभाग दुगड्डा सहायक अभियंता और अपर अभियंता के निलंबन को एकतरफा कार्यवाही बताते हुए उत्तराखंड डिप्लोमा इंजीनियर महासंघ ने स्थलीय कार्य बहिष्कार दिया है. शुक्रवार को सभी ने पीएमजीएसवाई कोटद्वार कार्यालय में एकत्रित होकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.

इंजीनियरों के निलंबन मामले ने पकड़ा तूल

इंजीनियर महासंघ ने सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के आधार पर की गई कार्यवाही को अन्यायपूर्ण बताया है. महासंघ ने दोनों इंजीनियरों के निलंबन वापस लेने तक स्थलीय कार्य बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. सभी का कहना है कि सोमवार तक सरकार ने अपने फैसले को वापस नहीं लिया तो प्रदेश में डिप्लोमा इंजीनियर महासंघ की बैठक कर प्रदेशभर में कार्य बहिष्कार करेगा.

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इंजीनियर दीपेंद्र रावत ने बताया कि हमारे दुगड्डा, रतुवाढ़ाब, नैनीडांडा मोटर मार्ग पर डामरीकरण का कार्य चल रहा है. इसमें किलोमीटर 154-155 पर 14 मार्च को डामरीकरण हुआ था. उसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. जिस पर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने बिना तथ्यों के जांच किए हुए दो इंजीनियरों को सस्पेंड कर दिया. जिसका हम विरोध करते हैं.

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उन्होंने कहा उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत भी नॉन टेक्निकल हैं, एक नॉन टेक्निकल मुख्यमंत्री ने बिना किसी टेक्निकल आदमी से जांच कराए बिना तुरंत प्रभाव से दो इंजीनियरों को सस्पेंड कर दिया, जो कि निश्चित रूप से हम इंजीनियरों का मनोबल गिरा है.

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