पौड़ी: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज 30 सिंतबर को अंकिता के घर पहुंचे और उनके माता-पिता मुलाकात की. इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत भी मौजूद थे. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अंकिता के माता पिता को आश्वासन दिया कि आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी. उन्होंने कहा कि आरोपियों पर फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाया जाएगा.
अंकिता भंडारी का घर पौड़ी जिले के डोभ श्रीकोट गांव में है. शुक्रवार को अचानक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत अंकिता के घर पहुंचे और अंकिता के माता-पिता से बातचीत की. इस दौरान सीएम धामी ने कहा कि राज्य में इस तरह के जघन्य अपराध बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे. हम पूरी कोशिश करेंगे कि अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले. पूरे राज्य अंकिता के परिवार के साथ है. उनकी हरसंभव मदद की जाएगी. इस दौरान सीएम धामी ने अंकिता के परिजनों को सहायता राशि का चेक भी सौंपा.
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बता दें कि एक दिन पहले ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अंकिता भंडारी के परिजनों को 25 लाख रुपए की आर्थिक मदद देने का भी ऐलान किया है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से पहले सरकार की तरफ से कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने अंकिता के माता-पिता से मुलाकात की थी. वहीं, कांग्रेस के तमाम बड़े नेता जिसमें पूर्व सीएम हरीश रातव, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य भी अंकिता के घर पहुंचे चुके है.
गौरतलब है कि 19 साल की अंकिता भंडारी श्रीकोट के पास ही स्थित वनंत्रा रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट थी. ये रिसॉर्ट बीजेपी के बड़े नेता विनोद आर्य के छोटे बेटे पुलकित आर्य का था. आरोप है कि यहां पर पुलकित आर्य अंकिता भंडारी ने गलत काम करना चाहता था, जिसका अंकिता भंडारी ने विरोध किया था. इस वजह से पुलकित आर्य और वनंत्रा रिसॉर्ट के दो मैनेजरों सौरभ भास्कर व अंकित गुप्ता के साथ मिलकर अंकिता भंडारी की 18 सितंबर की रात को हत्या कर दी थी. उसका शव चीला नहर में फेंक दिया था.
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अंकिता भंडारी की लाश 24 सितंबर को चीला नहर से मिली थी. अंकिता भंडारी के तीनों हत्यार इस समय पुलिस की गिरफ्त में है. इस मामले में रोज नए-नए खुलासे हो रहे है. मामले की जांच के लिए सरकार ने डीआईजी पी रेणुका के नेतृत्व में एसआईटी का गठन भी किया है, जो इस मामले की जांच कर रही है. आज 30 सितंबर को एसआईटी ने तीनों आरोपियों को जेल से तीन दिन की पुलिस रिमांड पर लिया है.