श्रीनगर: हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्विद्यालय के प्रति कुलपति राकेश भट्ट ने बताया कि पीएचडी प्रवेश में बदलाव हुआ है. यूजीसी ने पीएचडी पाठ्यक्रम में नेट (National Eligibility Test) / जेआरएफ (Junior Research Fellowship) क्वालीफाई करने वाले अभ्यर्थियों के लिए 60 फीसदी सीट आरक्षित करने का प्रस्ताव रखा है. शेष 40 फीसदी सीटों पर विश्वविद्यालय परीक्षा या विवि संयुक्त प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) के माध्यम से प्रवेश होगा. फिलहाल, यूजीसी ने इस संबंध में सार्वजनिक सूचना जारी कर शिक्षकों अधिकारियों एवं छात्रों से सुझाव मांगे हैं.
बता दें, एनईपी (national education policy) के परिप्रेक्ष्य में शिक्षा क्षेत्र में कई बदलाथ किए जा रहे हैं. इसी के तहत यूजीसी ने भी पीएचडी प्रवेश, योग्यता और पाठ्यक्रम में संशोधन किए हैं. यूजीसी (University Grants Commission) ने इस ड्राफ्ट को वेबसाइट में अपलोड कर दिया है. गढ़वाल विवि के प्रति कुलपति प्रो. राकेश भट्ट ने बताया ने कि यूजीसी से पीएचडी प्रवेश परीक्षा संबंधी संशोधनों का ड्राफ्ट मिला है.
यूजीसी ने संबंधित प्रकरण पर सुझाव मांगे हैं. उन्होंने बताया कि पीएचडी की 60 फीसदी सीट नेट/जेआरएफ उत्तीर्ण अभ्यर्थी के लिए आरक्षित रखने का प्रस्ताव रखा गया है, जबकि 40 फीसदी सीट विवि अपने स्तर से प्रवेश परीक्षा के माध्यम से भरेगा. यहां बता दे कि वर्तमान में गढ़वाल विवि में नेट/जेआरएफ व प्रवेश परीक्षा के माध्यम से पीएचडी की सीट भरी जाती है, लेकिन इसके कोई निर्धारित मानक नहीं है. आवश्यकता के अनुसार सीटें भरी जाती हैं.
पढ़ें- कुमाऊं मंडल के पहाड़ों में घूमने आ रहे हैं तो देख लें ट्रैफिक का नया प्लान
उन्होंने बताया कि पीएचडी की 60 फीसदी सीट नेट/जेआरएफ उत्तीर्ण अभ्यर्थी के लिए आरक्षित रखने का प्रस्ताव रखा गया है, जबकि 40 फीसदी सीट विवि अपने स्तर से प्रवेश परीक्षा के माध्यम से भरेगा. यहां बता दें कि वर्तमान में गढ़वाल विवि में नेट/जेआरएफ व प्रवेश परीक्षा के माध्यम से पीएचडी की सीट भरी जाती है, लेकिन इसके कोई निर्धारित मानक नहीं है. आवश्यकता के अनुसार सीटें भरी जाती है. इसके साथ साथ पीएचडी पाठ्यक्रम में बदलाव होंगे साथ में थीसिस जमा करने के समय मे को भी सुनिश्चित कर दिया जाएगा.