पौड़ीः लोकसभा चुनाव का बिगुल बजते ही सभी दल रणनाति बनाने में जुट गए हैं. राज्य की क्षेत्रीय पार्टी उत्तराखंड क्रांति दल भी राज्य की सभी पांचों सीटों पर उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रही है. इसी क्रम में उक्रांद के केंद्रीय प्रवक्ता शांति प्रसाद भट्ट ने पौड़ी संसदीय सीट से चुनाव लड़ने का फैसला किया है. उन्होंने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि केंद्र की भाजपा सरकार ने देश को लूटने का काम किया है. वहीं भाजपा की राज्य सरकार भी उत्तराखंड का विकास करने में नाकामयाब रही है.
उन्होंने बताया कि आगामी लोकसभा चुनाव में उक्रांद जैसी क्षेत्रीय पार्टी को जीत दिलाने के लिए मैदान में उतरेंगे. प्रदेश व केंद्र की भाजपा सरकार से परेशान जनता इस बार क्षेत्रीय पार्टी की मांग कर रही है और उत्तराखंड क्रांति दल को प्राथमिकता दे रही है. भट्ट ने कहा कि उक्रांद इन चुनावों में केंद्र व राज्य सरकार की नाकायमाबियों को उजागर करेगी.
उत्तराखंड में 11 अप्रैल को मतदान को मतदान होना है. वहीं अभी तक किसी भी राष्ट्रीय पार्टी की ओर से प्रत्याशियों की घोषणा नहीं हुई है. उत्तराखंड क्रांति दल के प्रत्याशी के रूप में केंद्रीय प्रवक्ता शांति प्रसाद भट्ट ने गढ़वाल संसदीय सीट से चुनाव लड़ने का फैसला किया है.
भट्ट ने कहा की पहाड़ों में तेजी से हो रहे पलायन पर रोक लगाने में सरकार नाकामयाब रही है और प्रदेश की जनता को मूलभूत सुविधाएं तक मुहैया नहीं करवाई जा रही है. जिसका नतीजा है कि प्रदेश की जनता का इन नेताओं से मोह भंग हो गया है और जनता राष्ट्रीय पार्टियों को छोड़कर अन्य विकल्प तलाश रही हैं.
राष्ट्रीय पार्टियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि इन पार्टियों से जुड़े नेता अपना फायदा देख समय-समय पर पार्टियां बदलते रहते हैं लेकिन जनता के फायदे के लिए कभी सोचने का प्रयास तक नहीं करते. जिसके चलते आज प्रदेश पलायन से ग्रस्त है और पहाड़ के युवा रोजगार की तलाश में शहरों में दर-दर भटकने को मजबूर हैं.
उक्रांद के केंद्रीय प्रवक्ता शांति प्रसाद भट्ट ने गढ़वाल संसदीय सीट के सांसद भुवन चंद्र खंडू़ड़ी पर तंज कसते हुए कहा कि पिछले ढाई सालों से क्षेत्र में सांसद के दर्शन तक नहीं हुए. राष्ट्रीय पार्टियों से टिकट पाने के बाद दिल्ली में आराम फरमाते हुए सांसद आखिर कैसे अपनी संसदीय क्षेत्र का विकास कर पाएंगे.
सांसदों द्वारा लंबे समय से क्षेत्रों का भ्रमण तक नहीं किया जाता और चुनाव के समय टिकट की मांग कर खुद को दावेदार बताने वाले ऐसे नेताओं को सिरे से खारिज कर देना चाहिए.
उन्होंने कहा कि इस बार जनता नेताओं की इन आदतों को समझ गई है और अब राष्ट्रीय पार्टियों को छोड़कर क्षेत्रीय पार्टियों पर उम्मीद लगा रही है और इस बार उत्तराखंड क्रांति दल उनकी उम्मीदों पर खरा उतरेगी.