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गढ़वाल विवि के चौरास पर‍िसर में पंचायती राज विभाग के दो दिवसीय कार्यक्रम का शुभारंभ - Two day workshop at Garhwal University

गढ़वाल विश्वविद्यालय के चौरास परिसर में पंचायती राज व‍िभाग उत्तराखंड की ओर से दो द‍िवसीय प्रश‍िक्षण एवं कार्यशाला कार्यक्रम का शुभारंभ हो गया है. कार्यक्रम का शुभारंभ अत‍िथ‍ि पंचायती राज मंत्री सतपाल महाराज ने दीप प्रज्‍ज्वल‍ित करके किया. इस कार्यक्रम में दूर-दूर से ग्रामीण क्षेत्रों के जनप्रत‍िन‍िध‍ियों ने श‍िरकत की.

Two day workshop at Garhwal University
पंचायत राज विभाग का दो दिवसीय कार्यक्रम का शुभारंभ
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Published : Dec 17, 2022, 12:19 PM IST

श्रीनगर: गढ़वाल विवि के चौरास पर‍िसर स्‍थ‍ित स्‍वामी मनमथन प्रेक्षागृह में पंचायतीराज व‍िभाग उत्तराखंड की ओर से दो द‍िवसीय प्रश‍िक्षण एवं कार्यशाला कार्यक्रम की शुरुआत की गई. मुख्‍य अत‍िथ‍ि पंचायती राज मंत्री सतपाल महाराज ने दीप प्रज्‍ज्वल‍ित करके कार्यक्रम की शुरुआत की. कार्यक्रम में दूर-दूर से ग्रामीण क्षेत्रों के जनप्रत‍िन‍िध‍ियों ने श‍िरकत की. इस कार्यक्रम के माध्‍यम से सतत व‍िकास लक्ष्‍यों के स्‍थानीयकरण एवं ग्राम पंचायत व‍िकास योजना व‍िषय पर त्र‍िस्‍तरीय पंचायत प्रत‍िन‍िध‍ियों एवं कार्म‍िकों को प्रशि‍क्षण द‍िया जा रहा है.

इस कार्यक्रम के माध्‍यम से ग्रामीण क्षेत्रों में व‍िकास लक्ष्‍यों के स्‍थानीयकरण एवं ग्राम पंचायत ‍विकास योजना व‍िषय पर त्र‍िस्‍तरीय पंचायत प्रत‍िन‍िध‍ियों एवं कार्म‍िकों को प्रशि‍क्षण द‍िया जा रहा है. दो द‍िवसीय कार्यशाला को संबोध‍ित करते हुए पंचायत राज मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि प्रदेश में हमारी कोशिश है कि जिला पंचायत अध्यक्ष और क्षेत्र पंचायत प्रमुख का चुनाव आम चुनाव हो. उन्‍होंने कहा क‍ि राज्य स्तरीय अभिमुखीकरण कार्यशाला में पांच जनपदों के प्रतिनिधि इसमें प्रतिभाग कर रहे हैं.

इस कार्यशाला के माध्यम से सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति, ठोस तरल अपशिष्ट प्रबंधन और जल जीवन मिशन को कैसे सफल किया जा सके, इसी मंशा से कार्यशाला आयोजित की गई है. इस दौरान उन्‍होंने स्‍थानीय जरूरतों को देखते और समझते हुए जनप्रत‍िन‍िध‍ियों को ग्रामीणों के सतत व‍िकास की रूपरेखा बनाने का सुझाव द‍िया है.

इससे पहले कार्यक्रम को संबोध‍ित कर हुए पंचायती राज व‍िभाग के संयुक्‍त न‍िदेशक राजीव कुमार नाथ त्र‍िपाठी ने कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों की यह कार्यशाला जनप्रतिनिधियों के क्षमता विकास के लिए आयोजित की गई है, ताकि सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सके. विकास योजनाओं को बनाने और योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए कैसे कार्यनीति बने यह इस अभिमुखीकरण कार्यशाला का उद्देश्य है. उन्‍होंने सभी त्र‍िस्‍तरीय जनप्रतिनिधियों से कार्यक्रम को सफल बनाने की अपील करते हुए संवाद के रूप में कार्यशाला में भाग लेने के ल‍िये कहा है.
ये भी पढ़ें- उत्तराखंड में 'मुफ्त' की योजना का 'अधूरा' प्रचार, लाभ से वंचित अंत्योदय परिवार

कार्यक्रम को संबोध‍ित करते हुए पंचायती राज विभाग के पूर्व संयुक्‍त न‍िदेशक डीपी देवराड़ी ने कहा क‍ि सतत व‍िकास की प्रक्र‍िया को साकार करने के ल‍िये एसडीजी लक्ष्‍यों की प्राप्‍ति करना बहुत अन‍िवार्य है. उन्‍होंने अपने संबोधन में जनप्रत‍िन‍िध‍ियों को ग्रामीणों की आजीव‍िका को बढ़ाने और उन्‍हें आज की जरूरतों के अनुरूप व‍िकास को दर्शाने वाली सभी सुव‍िधाओं को मुहैया कराने पर जोर द‍िया. ठोस अपश‍िष्‍ट प्रबंधन के बारे में भी उन्‍होंने व‍िस्‍तार से जानकारी दी.

वहीं, पाणी राखो आंदोलन के प्रणेता सच्चिदानंद भारती ने कहा कि ग्रामीण अंचल में पंचायत राज को सशक्त बनाने के लिए एसी कार्यशालाओं का अत्यधिक महत्त्व है. सरकार का गांव की सरकार को स्वराज की ओर ले जाने का यही सबसे बेहतरीन तरीका है. कार्यशाला में प्रतिभाग कर रहे जनप्रतिनिधिगण इस आयोजन को लेकर अति उत्साहित हैं. उनका कहना है कि ऐसी कार्यशालाओं के माध्यम से वित्तीय और प्रशासनिक समझ के साथ ही योजनाओं को लागू कराने में भी कारगर साबित होती हैं.

श्रीनगर: गढ़वाल विवि के चौरास पर‍िसर स्‍थ‍ित स्‍वामी मनमथन प्रेक्षागृह में पंचायतीराज व‍िभाग उत्तराखंड की ओर से दो द‍िवसीय प्रश‍िक्षण एवं कार्यशाला कार्यक्रम की शुरुआत की गई. मुख्‍य अत‍िथ‍ि पंचायती राज मंत्री सतपाल महाराज ने दीप प्रज्‍ज्वल‍ित करके कार्यक्रम की शुरुआत की. कार्यक्रम में दूर-दूर से ग्रामीण क्षेत्रों के जनप्रत‍िन‍िध‍ियों ने श‍िरकत की. इस कार्यक्रम के माध्‍यम से सतत व‍िकास लक्ष्‍यों के स्‍थानीयकरण एवं ग्राम पंचायत व‍िकास योजना व‍िषय पर त्र‍िस्‍तरीय पंचायत प्रत‍िन‍िध‍ियों एवं कार्म‍िकों को प्रशि‍क्षण द‍िया जा रहा है.

इस कार्यक्रम के माध्‍यम से ग्रामीण क्षेत्रों में व‍िकास लक्ष्‍यों के स्‍थानीयकरण एवं ग्राम पंचायत ‍विकास योजना व‍िषय पर त्र‍िस्‍तरीय पंचायत प्रत‍िन‍िध‍ियों एवं कार्म‍िकों को प्रशि‍क्षण द‍िया जा रहा है. दो द‍िवसीय कार्यशाला को संबोध‍ित करते हुए पंचायत राज मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि प्रदेश में हमारी कोशिश है कि जिला पंचायत अध्यक्ष और क्षेत्र पंचायत प्रमुख का चुनाव आम चुनाव हो. उन्‍होंने कहा क‍ि राज्य स्तरीय अभिमुखीकरण कार्यशाला में पांच जनपदों के प्रतिनिधि इसमें प्रतिभाग कर रहे हैं.

इस कार्यशाला के माध्यम से सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति, ठोस तरल अपशिष्ट प्रबंधन और जल जीवन मिशन को कैसे सफल किया जा सके, इसी मंशा से कार्यशाला आयोजित की गई है. इस दौरान उन्‍होंने स्‍थानीय जरूरतों को देखते और समझते हुए जनप्रत‍िन‍िध‍ियों को ग्रामीणों के सतत व‍िकास की रूपरेखा बनाने का सुझाव द‍िया है.

इससे पहले कार्यक्रम को संबोध‍ित कर हुए पंचायती राज व‍िभाग के संयुक्‍त न‍िदेशक राजीव कुमार नाथ त्र‍िपाठी ने कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों की यह कार्यशाला जनप्रतिनिधियों के क्षमता विकास के लिए आयोजित की गई है, ताकि सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सके. विकास योजनाओं को बनाने और योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए कैसे कार्यनीति बने यह इस अभिमुखीकरण कार्यशाला का उद्देश्य है. उन्‍होंने सभी त्र‍िस्‍तरीय जनप्रतिनिधियों से कार्यक्रम को सफल बनाने की अपील करते हुए संवाद के रूप में कार्यशाला में भाग लेने के ल‍िये कहा है.
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कार्यक्रम को संबोध‍ित करते हुए पंचायती राज विभाग के पूर्व संयुक्‍त न‍िदेशक डीपी देवराड़ी ने कहा क‍ि सतत व‍िकास की प्रक्र‍िया को साकार करने के ल‍िये एसडीजी लक्ष्‍यों की प्राप्‍ति करना बहुत अन‍िवार्य है. उन्‍होंने अपने संबोधन में जनप्रत‍िन‍िध‍ियों को ग्रामीणों की आजीव‍िका को बढ़ाने और उन्‍हें आज की जरूरतों के अनुरूप व‍िकास को दर्शाने वाली सभी सुव‍िधाओं को मुहैया कराने पर जोर द‍िया. ठोस अपश‍िष्‍ट प्रबंधन के बारे में भी उन्‍होंने व‍िस्‍तार से जानकारी दी.

वहीं, पाणी राखो आंदोलन के प्रणेता सच्चिदानंद भारती ने कहा कि ग्रामीण अंचल में पंचायत राज को सशक्त बनाने के लिए एसी कार्यशालाओं का अत्यधिक महत्त्व है. सरकार का गांव की सरकार को स्वराज की ओर ले जाने का यही सबसे बेहतरीन तरीका है. कार्यशाला में प्रतिभाग कर रहे जनप्रतिनिधिगण इस आयोजन को लेकर अति उत्साहित हैं. उनका कहना है कि ऐसी कार्यशालाओं के माध्यम से वित्तीय और प्रशासनिक समझ के साथ ही योजनाओं को लागू कराने में भी कारगर साबित होती हैं.

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