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LOCKDOWN में फंसे 'अपने' ही संवारेंगे देवभूमि, यहां शुरू हो गई त्रिवेन्द्र सरकार की ये योजना

लॉकडाउन के बाद जनपद पौड़ी में आए लोगों को यहीं पर रोककर रोजगार मुहैया कराना, सरकार के लिए बड़ी चुनौती के साथ-साथ एक बेहतर विकल्प भी बनकर आया है.

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Published : Apr 27, 2020, 4:01 PM IST

Updated : Apr 28, 2020, 10:28 AM IST

पौड़ी: कुछ दिन पहले सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गढ़वाली बोली में प्रवासी उत्तराखंडियों को एक मार्मिक पत्र लिखा था. जिसमें सीएम ने कहा था कि खेतों को फिर से आबाद करके हम पहाड़ से पलायन को रोक सकते हैं. इसी कड़ी में पौड़ी जिला प्रशासन ने काम भी शुरू कर दिया है.

LOCKDOWN में फंसे 'अपने' ही संवारेंगे देवभूमि

लॉकडाउन के बाद जनपद पौड़ी में आए लोगों को यहीं पर रोककर रोजगार मुहैया कराना, सरकार के लिए बड़ी चुनौती के साथ-साथ एक बेहतर विकल्प भी बनकर आया है. दरअसल लॉकडाउन के बाद 12 हजार से अधिक लोग जनपद पौड़ी में आए हैं और इन लोगों को रोजगार के साधन मुहैया करवाना सरकार के लिए बेहतर मौका है. वहीं बड़ी चुनौती यह भी है कि इन सभी लोगों को कैसे रोजगार मुहैया करवाया जाएगा?

उत्तराखंड सरकार की ओर से कृषि और बागवानी के क्षेत्र में बीजों के साथ-साथ उपकरण देने में सब्सिडी भी बढ़ा दी गई है. वहीं कुछ ऐसे भी लोग हैं जो कि कृषि और बागवानी के अलावा अन्य क्षेत्रों में काम करना चाहते हैं.ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि जो लोग रोजगार के लिए पहाड़ों को छोड़कर मैदानी क्षेत्र में गए थे, वह यहीं पर रुककर अपने पहाड़ों को संवारने का काम करेंगे.

लॉकडाउन में फंसे लोग ही रोक सकेंगे पहाड़ से पलायन

लॉकडाउन के बाद जनपद पौड़ी में 12 हजार से अधिक लोगों ने प्रवेश कर लिया है. इनमें से अधिकतर लोग वही हैं, जो रोजगार की तलाश में पहाड़ छोड़कर मैदानी क्षेत्रों की तरफ गए थे. लेकिन लॉकडाउन होने के बाद ये सभी लोग अपने-अपने गांव की तरफ वापस लौट आये हैं. उत्तराखंड सरकार की ओर से इन सभी लोगों को यहीं पर रोकने के जो प्रयास किए जा रहे हैं, उसके लिए सरकार कृषि बागवानी के क्षेत्र में कार्य करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है.

वहीं सरकार के समक्ष बड़ी चुनौती यह भी है कि इस वक्त इन सभी लोगों को यहीं पर विभिन्न प्रकार के रोजगार कैसे दिए जाएं? यदि सरकार इन सभी लोगों को अपने-अपने गांव में रोजगार देती है तो पलायन का जो आंकड़ा हर साल बढ़ता जा रहा है, उस पर कहीं न कहीं अंकुश लग जायेगा.

पढ़े: कोरोना से लड़ाई में PM मोदी को मिलेगा मां गंगा का आशीर्वाद, जानिए पूरी खबर

क्या कहते हैं अधिकारी

कृषि अधिकारी पौड़ी देवेंद्र सिंह ने बताया कि जनपद में जितने भी लोग पहले से कृषि कर रहे हैं और जो लोग लॉकडाउन के बाद पहुंचे हैं. इन सभी लोगों को कृषि के क्षेत्र में प्रोत्साहित करने के लिए विभाग की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. वहीं इन सभी लोगों को बीजों के साथ-साथ उपकरण भी मुहैया करवाए जा रहे हैं.

वहीं जिलाधिकारी पौड़ी धीराज सिंह गर्ब्याल ने बताया कि जितने भी किसान हैं, उनको दी जाने वाली सब्सिडी को भी बढ़ा दिया गया है और कृषकों को खेती से संबंधित किसी भी प्रकार की सहायता हो तो जिला प्रशासन हमेशा मदद के लिए उनके साथ है. किसानों को कृषि और बागवानी के क्षेत्र में प्रोत्साहित करने के लिए उनकी ओर से पहले से प्रयास किए जा रहे हैं.

डीएम ने कहा कि वर्तमान में जो लोग लॉकडाउन के बाद पौड़ी पहुंचे हैं, उन्हें भी उनके गांव में रोजगार देने के लिए जिला प्रशासन की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. ऐसे में उम्मीद है कि ये लोग कृषि और बागवानी के क्षेत्र में कार्य कर अपने गांव को संवारने का काम करेंगे.

पौड़ी: कुछ दिन पहले सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गढ़वाली बोली में प्रवासी उत्तराखंडियों को एक मार्मिक पत्र लिखा था. जिसमें सीएम ने कहा था कि खेतों को फिर से आबाद करके हम पहाड़ से पलायन को रोक सकते हैं. इसी कड़ी में पौड़ी जिला प्रशासन ने काम भी शुरू कर दिया है.

LOCKDOWN में फंसे 'अपने' ही संवारेंगे देवभूमि

लॉकडाउन के बाद जनपद पौड़ी में आए लोगों को यहीं पर रोककर रोजगार मुहैया कराना, सरकार के लिए बड़ी चुनौती के साथ-साथ एक बेहतर विकल्प भी बनकर आया है. दरअसल लॉकडाउन के बाद 12 हजार से अधिक लोग जनपद पौड़ी में आए हैं और इन लोगों को रोजगार के साधन मुहैया करवाना सरकार के लिए बेहतर मौका है. वहीं बड़ी चुनौती यह भी है कि इन सभी लोगों को कैसे रोजगार मुहैया करवाया जाएगा?

उत्तराखंड सरकार की ओर से कृषि और बागवानी के क्षेत्र में बीजों के साथ-साथ उपकरण देने में सब्सिडी भी बढ़ा दी गई है. वहीं कुछ ऐसे भी लोग हैं जो कि कृषि और बागवानी के अलावा अन्य क्षेत्रों में काम करना चाहते हैं.ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि जो लोग रोजगार के लिए पहाड़ों को छोड़कर मैदानी क्षेत्र में गए थे, वह यहीं पर रुककर अपने पहाड़ों को संवारने का काम करेंगे.

लॉकडाउन में फंसे लोग ही रोक सकेंगे पहाड़ से पलायन

लॉकडाउन के बाद जनपद पौड़ी में 12 हजार से अधिक लोगों ने प्रवेश कर लिया है. इनमें से अधिकतर लोग वही हैं, जो रोजगार की तलाश में पहाड़ छोड़कर मैदानी क्षेत्रों की तरफ गए थे. लेकिन लॉकडाउन होने के बाद ये सभी लोग अपने-अपने गांव की तरफ वापस लौट आये हैं. उत्तराखंड सरकार की ओर से इन सभी लोगों को यहीं पर रोकने के जो प्रयास किए जा रहे हैं, उसके लिए सरकार कृषि बागवानी के क्षेत्र में कार्य करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है.

वहीं सरकार के समक्ष बड़ी चुनौती यह भी है कि इस वक्त इन सभी लोगों को यहीं पर विभिन्न प्रकार के रोजगार कैसे दिए जाएं? यदि सरकार इन सभी लोगों को अपने-अपने गांव में रोजगार देती है तो पलायन का जो आंकड़ा हर साल बढ़ता जा रहा है, उस पर कहीं न कहीं अंकुश लग जायेगा.

पढ़े: कोरोना से लड़ाई में PM मोदी को मिलेगा मां गंगा का आशीर्वाद, जानिए पूरी खबर

क्या कहते हैं अधिकारी

कृषि अधिकारी पौड़ी देवेंद्र सिंह ने बताया कि जनपद में जितने भी लोग पहले से कृषि कर रहे हैं और जो लोग लॉकडाउन के बाद पहुंचे हैं. इन सभी लोगों को कृषि के क्षेत्र में प्रोत्साहित करने के लिए विभाग की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. वहीं इन सभी लोगों को बीजों के साथ-साथ उपकरण भी मुहैया करवाए जा रहे हैं.

वहीं जिलाधिकारी पौड़ी धीराज सिंह गर्ब्याल ने बताया कि जितने भी किसान हैं, उनको दी जाने वाली सब्सिडी को भी बढ़ा दिया गया है और कृषकों को खेती से संबंधित किसी भी प्रकार की सहायता हो तो जिला प्रशासन हमेशा मदद के लिए उनके साथ है. किसानों को कृषि और बागवानी के क्षेत्र में प्रोत्साहित करने के लिए उनकी ओर से पहले से प्रयास किए जा रहे हैं.

डीएम ने कहा कि वर्तमान में जो लोग लॉकडाउन के बाद पौड़ी पहुंचे हैं, उन्हें भी उनके गांव में रोजगार देने के लिए जिला प्रशासन की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. ऐसे में उम्मीद है कि ये लोग कृषि और बागवानी के क्षेत्र में कार्य कर अपने गांव को संवारने का काम करेंगे.

Last Updated : Apr 28, 2020, 10:28 AM IST
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