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निगम लगा रहा 'स्वच्छ भारत अभियान' को पलीता, शौचालय न बनने पर लोगों ने लगाए गंभीर आरोप - hindi news

कोटद्वार नगर निगम के वार्ड नंबर 10 में आज भी शौचालय न बन पाने के कारण बस्ती में रहने वाले लोग खोह नदी के किनारे शौच करने को मजबूर हैं. खुले में शौच करने से एक ओर जहां नदियां दूषित हो रही हैं. साथ ही लोगों ने नगर निगम पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

शौचालय के लिए भटक रहे लोग.
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Published : Jun 1, 2019, 10:47 AM IST

Updated : Jun 1, 2019, 10:59 AM IST

पौड़ी: स्वच्छ भारत अभियान के तहत गरीब एवं निर्धन परिवारों को खुले में शौच मुक्त करने के लिए शौचालय बनाने की योजना चल रहीं है, वहीं, कोटद्वार नगर निगम में इस योजना को पलीता लगता नजर आ रहा है. नगर निगम के वार्ड नंबर 10 में आज भी लोग खुले में शौच करने को मजबूर हैं. साथ ही नगर निगम बस्तियों में रहने वाले लोगों के लिए अभी तक शौचालय का निर्माण नहीं करवा पाया है.

शौचालय के लिए भटक रहे लोग.

कोटद्वार नगर निगम के वार्ड नंबर 10 में आज भी शौचालय न बन पाने के कारण बस्ती में रहने वाले लोग खोह नदी के किनारे शौच करने को मजबूर हैं. खुले में शौच करने से एक ओर जहां नदियां दूषित हो रही हैं, वहीं, दूसरी ओर महिलाओं के साथ किसी अनहोनी के होने का डर भी बना रहता है. वहीं, लोगों का आरोप है कि नगर निगम के अधिकारी और स्थानीय प्रशासन इस ओर ध्यान ही नहीं दे रहे हैं.

स्थानीय महिला महेंद्री देवी ने बताया कि शौचालय निर्माण के लिए 12 हजार रुपये आए थे, उन्होंने कहा कि पैसे को नगर निगम के अधिकारियों ने हड़प लिए हैं. वार्ड में पार्षद कुछ काम नहीं कर रहे हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि घर में 2 लड़कियां होने से आए दिन किसी अनहोनी होने का खतरा बना रहता है.

ये भी पढ़ें: खुशखबरी: सूबे में जल्द शुरू होगी भर्ती प्रक्रिया, भरे जाएंगे 40 हजार रिक्त पद

स्थानीय निवासी पंकज ने बताया कि शौचालय निर्माण के लिए 12 हजार रुपये आए थे, जिनमें से नगर निगम के कर्मचारियों ने शौचालय निर्माण के लिए सिर्फ 2 हजार रुपये दिए. बाकी रुपयों का हिसाब पता ही नहीं चला.

वहीं इस पूरे मामले पर सहायक नगर आयुक्त ने बताया कि वार्ड नंबर 10 में 12 सीटर सार्वजनिक शौचालय स्वच्छ भारत अभियान के तहत बनकर तैयार हो गया है. इसका लाभ स्थानीय निवासियों को मिलेगा. साथ ही हमारे पास व्यक्तिगत 89 शौचालयों का प्रार्थना पत्र आए थे, जो सेक्शन हो गए. साथ ही शौचालय निर्माण के लिए रुपये उनके खातों में डाल दिए गए हैं, जो लोग छूट गए हैं वह नगर निगम में आवेदन कर सकते हैं.

पौड़ी: स्वच्छ भारत अभियान के तहत गरीब एवं निर्धन परिवारों को खुले में शौच मुक्त करने के लिए शौचालय बनाने की योजना चल रहीं है, वहीं, कोटद्वार नगर निगम में इस योजना को पलीता लगता नजर आ रहा है. नगर निगम के वार्ड नंबर 10 में आज भी लोग खुले में शौच करने को मजबूर हैं. साथ ही नगर निगम बस्तियों में रहने वाले लोगों के लिए अभी तक शौचालय का निर्माण नहीं करवा पाया है.

शौचालय के लिए भटक रहे लोग.

कोटद्वार नगर निगम के वार्ड नंबर 10 में आज भी शौचालय न बन पाने के कारण बस्ती में रहने वाले लोग खोह नदी के किनारे शौच करने को मजबूर हैं. खुले में शौच करने से एक ओर जहां नदियां दूषित हो रही हैं, वहीं, दूसरी ओर महिलाओं के साथ किसी अनहोनी के होने का डर भी बना रहता है. वहीं, लोगों का आरोप है कि नगर निगम के अधिकारी और स्थानीय प्रशासन इस ओर ध्यान ही नहीं दे रहे हैं.

स्थानीय महिला महेंद्री देवी ने बताया कि शौचालय निर्माण के लिए 12 हजार रुपये आए थे, उन्होंने कहा कि पैसे को नगर निगम के अधिकारियों ने हड़प लिए हैं. वार्ड में पार्षद कुछ काम नहीं कर रहे हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि घर में 2 लड़कियां होने से आए दिन किसी अनहोनी होने का खतरा बना रहता है.

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स्थानीय निवासी पंकज ने बताया कि शौचालय निर्माण के लिए 12 हजार रुपये आए थे, जिनमें से नगर निगम के कर्मचारियों ने शौचालय निर्माण के लिए सिर्फ 2 हजार रुपये दिए. बाकी रुपयों का हिसाब पता ही नहीं चला.

वहीं इस पूरे मामले पर सहायक नगर आयुक्त ने बताया कि वार्ड नंबर 10 में 12 सीटर सार्वजनिक शौचालय स्वच्छ भारत अभियान के तहत बनकर तैयार हो गया है. इसका लाभ स्थानीय निवासियों को मिलेगा. साथ ही हमारे पास व्यक्तिगत 89 शौचालयों का प्रार्थना पत्र आए थे, जो सेक्शन हो गए. साथ ही शौचालय निर्माण के लिए रुपये उनके खातों में डाल दिए गए हैं, जो लोग छूट गए हैं वह नगर निगम में आवेदन कर सकते हैं.

Intro:एंकर- स्वच्छ भारत अभियान भारत सरकार के द्वारा प्रारंभ राष्ट्रीय स्तर का अभियान है इसका उद्देश्य गलियों सड़कों तथा अंधोसंरचना को साफ-सुथरा करना है यह अभियान महात्मा गांधी के जन्म दिवस 2 अक्टूबर 2014 को आरंभ किया गया था स्वच्छ भारत का उद्देश्य व्यक्ति क्लस्टर और सामुदायिक शौचालयों के निर्माण के माध्यम से खुले में शौच की समस्या को कम करना या समाप्त करना है स्वच्छ भारत मिशन विसर्जन उपयोग की निगरानी के जवाबदेह तंत्र को स्थापित करने की एक पहल थी भारत सरकार ने शौचालयों का निर्माण करके खुले में शौच मुक्त भारत (ओडीएफ) को हासिल करने का लक्ष्य रखा था लेकिन भारत सरकार के इस लक्ष्य पर कोटद्वार नगर निगम पलीता लगाते नजर आ रहा है मामला कोटद्वार नगर निगम के वार्ड नंबर 10 का है जहां पर आज भी लोग खुले में शौच करने को मजबूर है नगर निगम के द्वारा बस्तियों में रह रहे लोगों के लिए शौचालय का निर्माण नहीं करवाया गया,


Body:वीओ1- भारत सरकार के द्वारा स्वच्छ भारत अभियान के तहत गरीब एवं निर्धन परिवारों को खुले में शौच मुक्त करने के लिए शौचालय बनाने की योजना तैयार की थी जिसमें ग्रामीण से लेकर शहरी क्षेत्रों में तक शौचालय बनाए गए लेकिन कोटद्वार नगर निगम के वार्ड नंबर 10 में आज भी शौचालय नहीं बनाए गए जिस कारण वार्ड नंबर 10 में खोह नदी के किनारे रह रहे लोग शौच के लिए नदी में जाते हैं जिससे सिर्फ नदिया ही नहीं दूषित हो रही बल्कि हर दम महिलाओं को किसी अनहोनी का डर भी सताता रहता है लेकिन नगर निगम के अधिकारी व स्थानीय प्रशासन इस ओर ध्यान देने की वजह चैन की नींद सो रहा है,


वीओ2- स्थानीय महिला महेंद्री देवी का कहना है कि हमें शौचालय हमारी जवान लड़कियां हैं ₹12 हजार आए थे शौचालय के लिए सब नगर निगम के अधिकारी गोल माल कर गए, वार्ड में पार्षद कुछ काम नहीं कर रही है।

बाइट महेन्द्री देवी

विओ3- वही अंजली का कहना है कि शौचालय नहीं है दिन हो या रात हो हमें दूर नदियों में शौच के लिए जाना पड़ता है बस हमारी एक ही मांग है कि हमारे लिए शौचालय बनाया जाए
बाइट- अंजली

वीओ4- स्थानीय निवासी पंकज का कहना है कि शौचालय एक भी नहीं है शौचालय के लिए ₹12 हजार रुपये आए थे नगर निगम के कर्मचारियों के द्वारा शौचालय बनाने के लिए ₹2 हजार रुपये दिए गए बाकी नगर निगम के अधिकारी गोलमाल कर गए
बाइट पंकज


वीओ5- सहायक नगर आयुक्त का कहना है कि वार्ड नंबर 10 में 12 सीटर सार्वजनिक शौचालय स्वच्छ भारत अभियान के तहत बनकर तैयार हो गया है उसका लाभ भी स्थानीय निवासियों को मिलेगा साथ ही हमारे पास व्यक्तिगत 89 शौचालयों का प्रार्थना पत्र आए थे जो सेक्शन हो गए जिनके पैसे उनके खातों में डाल दिए गए हैं जो लोग छूट गए हैं वह नगर निगम में आवेदन करें आवेदन के बाद उनकी जांच होगी जांच के बाद उन्हें भारत सरकार की साइड में डाल दिया जाता है वहां से पास होने के बाद उनकी धन की स्वीकृति होने के बाद उनके खातों में शौचालय के लिए पैसे डाल दिए जाएंगे।
बाइट राजेश नैथानी सहायक नगर आयुक्त



Conclusion:
Last Updated : Jun 1, 2019, 10:59 AM IST
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