कोटद्वारः नगर निगम के पार्षदों ने पूर्व नगर पालिका के कार्यकाल के दौरान हाईटेक शौचालय और डस्टबिन खरीद मामले में जांच की मांग उठाई है. पार्षदों ने आरोप लगाया कि सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगे जाने पर भी डस्टबिन और शौचालयों के खर्चे का ब्यौरा नहीं दिया गया है. साथ ही कहा इनकी फाइलें भी नगर निगम के कार्यालय में उपलब्ध नहीं है. वहीं, नगर आयुक्त का कहना है कि मामले की लिखित शिकायत आने पर जांच की जाएगी.
बता दें कि, बीते दिनों नगर निगम में हुई बोर्ड बैठक में पार्षदों ने आरोप लगाया कि लाखों रुपये की कीमत से कई डस्टबिन खरीदे गए थे, लेकिन शहर में कहीं भी डस्टबिन नजर नहीं आ रहे हैं. इसका जवाब नगर निगम के पास भी नहीं है. वार्ड नंबर 5 के पार्षद नईम अहमद का कहना है कि नगर निगम के बोर्ड के गठन से पहले प्लास्टिक और स्टील के कई डस्टबिन मंगाए गए थे, लेकिन इन डस्टबिन का कुछ पता नहीं है.
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उन्होंने कहा कि बोर्ड बैठक में कई बार डस्टबिन का जिक्र भी किया गया, लेकिन डस्टबिन और शौचालय की फाइल नगर निगम के कार्यालय में नहीं पाई गई है. ऐसे में डस्टबिन और शौचालय के घोटाले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए. साथ ही कहा कि जनता को इसका फायदा नहीं मिलता है, तो यह जनता के पैसे का दुरुपयोग है. इसकी जांच होनी चाहिए.
वहीं, वार्ड नंबर 11 के पार्षद विपिन डोबरियाल का कहना है कि पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष के समय जो हाईटेक शौचालय बने थे. उसमें जो भी बाथरूम के पॉट लगे थे, वो सुरक्षित नहीं हैं. साथ ही कहा कि शौचालयों से कई सामान भी गायब हैं.
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उन्होंने कहा कि डस्टबिन की फाइल भी नगर निगम के कार्यालय में उपलब्ध नहीं है. सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगे जाने के बाद भी फाइलों की कॉपी नगर निगम कार्यालय से नहीं मिल पाई है. ऐसे में पूरी तरीके से घोटाला किया गया है. इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए.