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हाईटेक शौचालय और डस्टबिन खरीद में गड़बड़ी का आरोप, RTI दाखिल करने के बाद भी नहीं मिली जानकारी - कोटद्वार न्यूज

कोटद्वार में हाईटेक शौचालय और डस्टबिन की खरीद में गड़बड़ी का आरोप लगा है. ये गड़बड़ी कोटद्वार नगर पालिका के नगर निगम बनने से पहले की है.

नगर निगम कोटद्वार
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Published : Aug 23, 2019, 9:36 PM IST

कोटद्वारः नगर निगम के पार्षदों ने पूर्व नगर पालिका के कार्यकाल के दौरान हाईटेक शौचालय और डस्टबिन खरीद मामले में जांच की मांग उठाई है. पार्षदों ने आरोप लगाया कि सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगे जाने पर भी डस्टबिन और शौचालयों के खर्चे का ब्यौरा नहीं दिया गया है. साथ ही कहा इनकी फाइलें भी नगर निगम के कार्यालय में उपलब्ध नहीं है. वहीं, नगर आयुक्त का कहना है कि मामले की लिखित शिकायत आने पर जांच की जाएगी.

बता दें कि, बीते दिनों नगर निगम में हुई बोर्ड बैठक में पार्षदों ने आरोप लगाया कि लाखों रुपये की कीमत से कई डस्टबिन खरीदे गए थे, लेकिन शहर में कहीं भी डस्टबिन नजर नहीं आ रहे हैं. इसका जवाब नगर निगम के पास भी नहीं है. वार्ड नंबर 5 के पार्षद नईम अहमद का कहना है कि नगर निगम के बोर्ड के गठन से पहले प्लास्टिक और स्टील के कई डस्टबिन मंगाए गए थे, लेकिन इन डस्टबिन का कुछ पता नहीं है.

कोटद्वार नगर निगम में शौचालय और डस्टबिन खरीद मामला गहराया.

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उन्होंने कहा कि बोर्ड बैठक में कई बार डस्टबिन का जिक्र भी किया गया, लेकिन डस्टबिन और शौचालय की फाइल नगर निगम के कार्यालय में नहीं पाई गई है. ऐसे में डस्टबिन और शौचालय के घोटाले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए. साथ ही कहा कि जनता को इसका फायदा नहीं मिलता है, तो यह जनता के पैसे का दुरुपयोग है. इसकी जांच होनी चाहिए.

वहीं, वार्ड नंबर 11 के पार्षद विपिन डोबरियाल का कहना है कि पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष के समय जो हाईटेक शौचालय बने थे. उसमें जो भी बाथरूम के पॉट लगे थे, वो सुरक्षित नहीं हैं. साथ ही कहा कि शौचालयों से कई सामान भी गायब हैं.

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उन्होंने कहा कि डस्टबिन की फाइल भी नगर निगम के कार्यालय में उपलब्ध नहीं है. सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगे जाने के बाद भी फाइलों की कॉपी नगर निगम कार्यालय से नहीं मिल पाई है. ऐसे में पूरी तरीके से घोटाला किया गया है. इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए.

कोटद्वारः नगर निगम के पार्षदों ने पूर्व नगर पालिका के कार्यकाल के दौरान हाईटेक शौचालय और डस्टबिन खरीद मामले में जांच की मांग उठाई है. पार्षदों ने आरोप लगाया कि सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगे जाने पर भी डस्टबिन और शौचालयों के खर्चे का ब्यौरा नहीं दिया गया है. साथ ही कहा इनकी फाइलें भी नगर निगम के कार्यालय में उपलब्ध नहीं है. वहीं, नगर आयुक्त का कहना है कि मामले की लिखित शिकायत आने पर जांच की जाएगी.

बता दें कि, बीते दिनों नगर निगम में हुई बोर्ड बैठक में पार्षदों ने आरोप लगाया कि लाखों रुपये की कीमत से कई डस्टबिन खरीदे गए थे, लेकिन शहर में कहीं भी डस्टबिन नजर नहीं आ रहे हैं. इसका जवाब नगर निगम के पास भी नहीं है. वार्ड नंबर 5 के पार्षद नईम अहमद का कहना है कि नगर निगम के बोर्ड के गठन से पहले प्लास्टिक और स्टील के कई डस्टबिन मंगाए गए थे, लेकिन इन डस्टबिन का कुछ पता नहीं है.

कोटद्वार नगर निगम में शौचालय और डस्टबिन खरीद मामला गहराया.

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उन्होंने कहा कि बोर्ड बैठक में कई बार डस्टबिन का जिक्र भी किया गया, लेकिन डस्टबिन और शौचालय की फाइल नगर निगम के कार्यालय में नहीं पाई गई है. ऐसे में डस्टबिन और शौचालय के घोटाले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए. साथ ही कहा कि जनता को इसका फायदा नहीं मिलता है, तो यह जनता के पैसे का दुरुपयोग है. इसकी जांच होनी चाहिए.

वहीं, वार्ड नंबर 11 के पार्षद विपिन डोबरियाल का कहना है कि पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष के समय जो हाईटेक शौचालय बने थे. उसमें जो भी बाथरूम के पॉट लगे थे, वो सुरक्षित नहीं हैं. साथ ही कहा कि शौचालयों से कई सामान भी गायब हैं.

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उन्होंने कहा कि डस्टबिन की फाइल भी नगर निगम के कार्यालय में उपलब्ध नहीं है. सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगे जाने के बाद भी फाइलों की कॉपी नगर निगम कार्यालय से नहीं मिल पाई है. ऐसे में पूरी तरीके से घोटाला किया गया है. इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए.

Intro:summary नगर निगम के पार्षदों ने पूर्व नगरपालिका के कार्यकाल के समय हाईटेक शौचालय और डस्टबिन खरीद में हुए घोटाले की जांच की मांग उठाई, पार्षद इस मामले को विगत दिनों में हुई बोर्ड बैठक में भी उठा चुके हैं डस्टबिन और शौचालय की फाइले भी नगर निगम में नही।

intro कोटद्वार नगर निगम के पार्षदों ने पूर्व नगरपालिका के कार्यकाल के समय बनी हाईटेक शौचालय में हुए घोटाले और डस्टबिन खरीद में हुए घोटाले की जांच की मांग उठाई पार्षदों ने इस मामले को विगत दिनों में हुई बोर्ड बैठक में भी उठाया पार्षदों ने आरोप लगाया कि सूचना के अधिकार में मांगे जाने पर भी डस्टबिन और शौचालयों के वह खर्चे का ब्यूरो नहीं दिया गया साथ ही इनकी फाइलें भी नगर निगम के कार्यालय में उपलब्ध नहीं है। पार्षदों ने आरोप लगाते हैं यह भी कहा कि लाखों रुपए के डस्टबिन खरीद की खरीद पर की गई थी लेकिन शहर के अंदर कहीं भी डस्टबिन नजर नहीं आ रहे हैं आखिर या डस्टबिन को जमीन खा गई या नगर निगम इसका जवाब किसी के पास भी नहीं है, नगर आयुक्त का कहना है कि मामले की लिखित शिकायत आने पर जांच की जाएगी।


Body:वीओ1- वहीं वार्ड नंबर 5 के पार्षद नईम अहमद का कहना है कि डस्टबिन का कहीं अता पता नहीं है जितने भी डस्टबिन आए थे कुछ प्लास्टिक के आए थे कुछ स्टील के आए थे, पूर्व नगरपालिका के कार्यकाल में लाखों रुपए के डस्टबिन आए थे, नगर निगम के बोर्ड के गठन से पहले काफी सामान नगर निगम में आया था, उसका कहीं अता पता नहीं है, हमने इसका कई बार बोर्ड बैठक में जिक्र किया लेकिन डस्टबिन और शौचालय की फाइल नगर निगम के कार्यालय में नहीं पाई गई, मेरा मानना है कि डस्टबिन और शौचालय की घोटाले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए जो पूर्व नगरपालिका के कार्यकाल में हुए डस्टबिन घोटाला खरीदे गये थे वह सड़कों पर रखने के लिए खरीदे गए थे, अगर जनता को इसका फायदा नहीं मिलता है तो यह जनता के पैसे का दुरुपयोग हो रहा है इसकी जांच होनी जरूरी है
बाइट नईम अहमद

वीओ2- वहीं वार्ड नंबर 11 के पार्षद विपिन डोबरियाल का कहना है कि पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष के समय जो हाईटेक शौचालय बने थे उसमें जो भी बाथरूम के पॉट लगे थे वह सुरक्षित नहीं है, उसमें जितने भी स्टूमेंट लगे थे वह सारे गायब है, दूसरा जो डस्टबिन का मामला है यह ऐसा मामला है कि उन डस्टबिनो की फाइल आज भी नगर निगम के कार्यालय में उपलब्ध नहीं है, सूचना के अधिकार में मांगने के बाद भी आज तक फाइलों की कॉपी नगर निगम कार्यालय से नहीं मिल पाई, आखिर किसने नगर निगम कार्यालय से यह फाइल गायब कर दी इसका पता नहीं है, मेरा मानना है कि इससे मैं पूर्ण रुप से घोटाला हुआ है और इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए।

बाइट बिपिन डोबरियाल।

बाइट सीरियल से लगी है।


Conclusion:
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