श्रीनगर: कालागढ़ टाइगर रिजर्व की सीमा से लगे रिखणीखाल और नैनीडांडा ब्लॉक के गांवों में आदमखोर बाघ का आतंक अभी भी बना हुआ है. इन गांवों में तैनात वन विभाग की टीम वापस लौटने ही वाली थी कि एक बार फिर से बाघ का मूवमेंट दिखने लगा है. अब रिखणीखाल ब्लॉक के जूनियर हाईस्कूल के पास बाघ दिखाई दिया है. बीते रोज की इस घटना के बाद आनन फानन में शिक्षकों ने बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए स्कूल के दरवाजे बंद कर दिए थे.
लोगों में फैली है दहशत: गौर हो कि इससे पहले 13 और 15 अप्रैल को बाघ ने रिखणीखाल तहसील और धुमाकोट तहसील में दो लोगों को निवाला बनाया था. इसके बाद यहां वन विभाग के साथ ही प्रशासन ने डेरा डाला हुआ है. यह टीम वापस लौटने की तैयारी कर रही थी, लेकिन फिर से बाघ का मूवमेंट दिखाई दे रहा है. जिसे लेकर वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह इलाका घने जंगलों से घिरा है. इसलिए यहां बाघों का मूवमेंट दिखाई दे रहा है. वहीं बाघ प्रभावित क्षेत्रों में डीएम आशीष चौहान ने आस पास के विद्यालयों में अवकाश घोषित किया था, लेकिन एक बार फिर स्कूल के आस पास बाघ दिखाई देने से छात्र-छात्राओं, अध्यापकों और अभिभावकों में इस घटना के बाद डर बैठ गया है.
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क्या कहना है अधिकारियों का: कालागढ़ टाइगर रिजर्व के डीएफओ नीरज कुमार का कहना है कि इससे पहले भी इन इलाकों में बाघ दिखाई दिया है. चूंकि ये सारे गांव रिजर्व फॉरेस्ट के नजदीक के इलाके हैं. इसलिए यहां बाघों और जंगली जानवरों की मौजूदगी सामान्य घटना है, लेकिन अगर इन इलाकों में फिर बाघ की चहलकदमी हुई तो यहां वन विभाग की टीमों को गश्त पर लगाया जाएगा.