पौड़ी: रिखणीखाल व नैनीडांडा ब्लॉक के कॉर्बेट नेशनल पार्क से लगे कई गांवों में इन दिनों बाघ और गुलदार का आतंक है. जिसके कारण लोग दहशत में जीने को मजबूर हैं. रविवार दोपहर को रिखणीखाल डल्ला गांव में एक बार फिर से बाघ दिखाई दिया. जिससे लोगों में भय और बढ़ गया है.
गढ़वाल वन प्रभाग के दीवा रेंज के तहत रिखणीखाल के ग्राम डल्ला व दो दिन के अंतराल में नैनीडांडा के सिमली तल्ली भैड़गांव में बाघ द्वारा बुजुर्गों को निवाला बनाए जाने से क्षेत्र के लोग दुखी, भयभीत और आक्रोशित हैं, जबकि रिखणीखाल के डल्ला गांव समेत आस पास के पडियारपाणी, जुई, क्वीराली, सतगरिया, द्वारी, सिद्धपुर, गाड़ियूं, कोटड़ी समेत नैनीडांडा के सिमली, भैड़गांव, कांडी, चमाड़ा, अपोला आदि गांवों के आस पास लोगों को इन दिनों बाघ दिखाई दे रहा है. बाघ के आतंक से लोगों की दिनचर्या प्रभावित हो रही है.
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सुबह देर से घर से बाहर निकल पाते हैं. साथ ही शाम ढलने से पहले ही लोग घरों में कैद होने को लोग मजबूर हैं. रिखणीखाल के डल्ला गांव के आसपास पड्यारपाणी, जुई पापड़ी, अमडण्डा में बाघ की गतिविधियां जारी हैं, जबकि क्षेत्र के द्वारी गांव के ग्वर्ख्यूं रौल में तीन गुलदारों की धमक से लोगों में भी भय बना हुआ है.क्षेत्र पंचायत सदस्य विनीता ध्यानी का कहना है कि इस संबंध में जिलाधिकारी डॉ आशीष चौहान, प्रभागीय वनाधिकारी गढ़वाल स्वप्निल अनिरुद्ध व कार्बेट टाइगर रिजर्व के अधिकारियों से लगातार संपर्क कर मांग की जा रही है कि बाघ को ट्रैंकुलाइज कर शीघ्र पकड़ा जाये. फिलहाल चार पिंजरे डल्ला गांव में लगाये गये हैं. जिन्हें बढ़ाकर जुई पापड़ी पड्यारपाणी तोकों में भी लगवाने की मांग की गई है. लोगों ने सांसद तीरथ सिंह रावत व क्षेत्रीय विधायक दिलीप रावत महंत से वन विभाग द्वारा झाड़ी कटान व पैदल मार्गों की सफाई करने व सभी प्रभावित गांवों में सोलर पैनल लगवाने के साथ ही गश्त बढ़ाने की मांग की है.
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आंदोलन की दी चेतावनी: बाघ के साथ ही क्षेत्र के जमणधार, जड़ाऊखांद, कोचियार, संगलिया, नाला, पंजारा, बयासी, सल्डमहादेव, शंकरपुर, औंलेथ आदि गांवों में गुलदार का भी आतंक है. आए दिन गुलदार पालतू पशुओं को निवाला बना रहा है. नैनीडांडा के सामाजिक कार्यकर्ता संजय गौड़ का कहना है कि बाघ को जल्दी न पकड़े जाने से क्षेत्र के लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है. दहशत में लोग कैसे इस तरह जीते रहेंगे. अगर बाघ काबू में न आया तो क्षेत्र के लोग बड़े आंदोलन के लिए भी मजबूर होंगे.