कोटद्वार: पनियाली नाले में बारिश के दौरान आए उफान से मंगलवार को कौडिय़ा क्षेत्र के एक घर में पानी के साथ मलबा घुस गया. इस दौरान तीन युवक घर से सामान बाहर निकाल रहे थे. तभी घर में करंट फैल गया. जिसकी चपेट में आने से तीनों युवकों की मौत हो गई. बारिश के दौरान गधेरा पिछले 2 सालों से स्थानीय लोगों के लिए तबाही का सबब बनता जा रहा है. इसके बावजूद जिम्मेदार तंत्र अतिक्रमण के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. इससे नाराज क्षेत्रवासियों ने मंगलवार को सिंचाई विभाग के कार्यालय में तालाबंदी की.
कोटद्वार में मंगलवार सुबह से बारिश हो रही थी. जिससे क्षेत्र के नदी-नाले उफान पर बहने लगे. पनियाली नाले के पानी के साथ काफी मात्रा में मलबा आम पड़ाव और कौडिय़ा स्थित कुछ घरों में घुस गया. तेज हवाएं चलने और बारिश होने के चलते पूरे इलाके में बिजली भी गुल हो गई. अफरा-तफरी में लोग घरों से बाहर निकल गए. इसी दौरान कौडिय़ा निवासी रणजीत सिंह पुत्र बलवीर सिंह अपने मित्र अरुण पुत्र कमल और शाकुन (23) पुत्र गुलशन के साथ मिलकर घर से सामान बाहर निकालने लगे.
इसी दौरान इलाके में बिजली की आपूर्ति चालू हो गई. घर में पानी के साथ मलबा भर जाने से करंट फैल गया और तीनों युवक इसकी चपेट में आ गए. आनन-फानन में परिजन घायलों को बेस चिकित्सालय कोटद्वार ले गए. जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
बता दें कि पनियाली नाले में दिन-प्रतिदिन हो रहे अतिक्रमण के चलते गधेरा काफी संकीर्ण होता जा रहा है. गधेरे के दोनों छोरों पर बनाई गई सुरक्षा दीवार की ऊंचाई कम होने और मलबा भरा होने के चलते बारिश में नाला उफान में बहते हुए आस-पास के क्षेत्र में तबाही मचाता है.
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वहीं सरकारी मशीनरी पिछले 2 सालों की गलतियों से भी सबक नहीं लिया और आज फिर एक बार तीन लोगों ने सरकार की लापरवाही के चलते अपनी जांन गंवाई.
जानकारी के अनुसार पनियाली नाले के उफान पर बहने के चलते पिछले 2 सालों में करीब 10-12 लोग अपनी जान गवां चुके हैं.