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श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में जूनियर छात्रों को धमकाना पड़ा भारी, MBBS के तीन स्टूडेंट निष्कासित

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Published : May 9, 2022, 1:13 PM IST

श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस के तीन सीनियर छात्रों को तीन माह के लिए हॉस्टल से निष्कासित किया गया है. आरोप है कि तीनों सीनियर छात्रों ने जूनियर ब्वाइज हॉस्टल में जाकर तीन जूनियर छात्रों को धमकाया है. इस पर मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने तीनों छात्रों पर कार्रवाई की है.

Srinagar Medical College
श्रीनगर मेडिकल कॉलेज

श्रीनगर: राजकीय मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस बैच 2020 के तीन छात्रों को तीन माह के लिए हॉस्टल से निष्कासित कर दिया गया है. तीनों छात्रों पर जूनियर छात्रों को डराने और अपशब्दों का प्रयोग करने का आरोप है. भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति होने पर छात्रों को शैक्षणिक गतिविधियों से बाहर किए जाने की चेतावनी दी गई है.

बताया जा रहा है कि एमबीबीएस के तीन सीनियर छात्र (नितिन डालाकोटी, निश्चय जोशी और सूर्य प्रताप सिंह) जूनियर ब्वाइज हॉस्टल-1 में घुस गए. इस दौरान जूनियर छात्र खाना खा रहे थे. तीनों छात्र जोर-जोर से गाली-गलौज करते हुए दरवाजा खटखटाने लगे. इससे जूनियर छात्र भयभीत हो गए. हॉस्टल में शोर गुल होने लगा, जिस पर पर वहां हॉस्टल वार्डन भी पहुंच गए.

हॉस्टल वॉर्डन ने इस बात की जानकारी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को दी. मेडिकल कॉलेज के प्रिसिंपल डॉ सीएमएस रावत (Principal Dr CMS Rawat) ने जांच कमेटी का गठन किया. जांच में घटना की पुष्टि हो गई. एंटी रैगिंग के नियमों के अनुसार कमेटी ने तीनों आरोपी सीनियर छात्रों के तीन माह तक हॉस्टल में प्रवेश करने पर रोक लगा दी है.
पढे़ं- रुड़की रेलवे स्टेशन समेत 23 धार्मिक स्थलों को बम से उड़ाने की धमकी, अधीक्षक कार्यालय को मिला पत्र

मेडिकल कॉलेज श्रीनगर के प्रिंसिपल सीएमएस रावत ने कहा कि मेडिकल कॉलेज में रैगिंग पूरी तरह प्रतिबंधित है. सीनियर व जूनियर छात्रों को इसकी जानकारी भी दी जाती है. इसके बावजूद तीन छात्र नियमों को तोड़ते हुए जूनियर छात्रों के हॉस्टल में गए. यह अनुशासनहीनता है. जूनियर छात्रों को भयभीत करने की कोशिश की गई है. इसलिए उन्हें तीन माह के लिए हॉस्टल से निलंबित किया गया है.

श्रीनगर: राजकीय मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस बैच 2020 के तीन छात्रों को तीन माह के लिए हॉस्टल से निष्कासित कर दिया गया है. तीनों छात्रों पर जूनियर छात्रों को डराने और अपशब्दों का प्रयोग करने का आरोप है. भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति होने पर छात्रों को शैक्षणिक गतिविधियों से बाहर किए जाने की चेतावनी दी गई है.

बताया जा रहा है कि एमबीबीएस के तीन सीनियर छात्र (नितिन डालाकोटी, निश्चय जोशी और सूर्य प्रताप सिंह) जूनियर ब्वाइज हॉस्टल-1 में घुस गए. इस दौरान जूनियर छात्र खाना खा रहे थे. तीनों छात्र जोर-जोर से गाली-गलौज करते हुए दरवाजा खटखटाने लगे. इससे जूनियर छात्र भयभीत हो गए. हॉस्टल में शोर गुल होने लगा, जिस पर पर वहां हॉस्टल वार्डन भी पहुंच गए.

हॉस्टल वॉर्डन ने इस बात की जानकारी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को दी. मेडिकल कॉलेज के प्रिसिंपल डॉ सीएमएस रावत (Principal Dr CMS Rawat) ने जांच कमेटी का गठन किया. जांच में घटना की पुष्टि हो गई. एंटी रैगिंग के नियमों के अनुसार कमेटी ने तीनों आरोपी सीनियर छात्रों के तीन माह तक हॉस्टल में प्रवेश करने पर रोक लगा दी है.
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मेडिकल कॉलेज श्रीनगर के प्रिंसिपल सीएमएस रावत ने कहा कि मेडिकल कॉलेज में रैगिंग पूरी तरह प्रतिबंधित है. सीनियर व जूनियर छात्रों को इसकी जानकारी भी दी जाती है. इसके बावजूद तीन छात्र नियमों को तोड़ते हुए जूनियर छात्रों के हॉस्टल में गए. यह अनुशासनहीनता है. जूनियर छात्रों को भयभीत करने की कोशिश की गई है. इसलिए उन्हें तीन माह के लिए हॉस्टल से निलंबित किया गया है.

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