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पंचायत चुनावः कल होगा तीसरे चरण का मतदान, जागरुक मतदाता बोले- प्रलोभन में आकर न दें वोट - panchayat elections in pauri

चुनाव के दौरान कई बार प्रत्याशी वोट के लिए धनबल और शराब परोसते हैं. कई ग्रामीण क्षेत्रों में शराब के अलावा अन्य प्रलोभन के जरिए मतदाताओं को लुभाने का प्रयास किया जाता है. ऐसे में वोटर विकास के बजाय प्रलोभन में फंस जाते हैं. जिससे विकास नहीं हो पाता है.

पौड़ी पंचायत चुनाव
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Published : Oct 15, 2019, 6:55 PM IST

Updated : Oct 15, 2019, 7:42 PM IST

पौड़ीः प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए पहले और दूसरे चरण का मतदान हो चुका है जबकि, तीसरे चरण का मतदान कल होना है. जिसे लेकर प्रशासन ने तैयारियां पूरी कर ली है. हालांकि, कई बार चुनाव के दौरान प्रत्याशी वोटरों को लुभाने के लिए धनबल और शराब का प्रलोभन भी देते हैं. ऐसे में वोटर विकास के बजाय प्रलोभन में फंस जाते हैं. वहीं, जागरुक लोगों का कहना है कि लालच में न आकर विकास करने वाले प्रत्याशियों को चुनना चाहिए.

पौड़ी में पंचायत चुनाव के लिए बुधवार को होगा तीसरे चरण का मतदान.

बता दें कि, चुनाव के दौरान कई बार प्रत्याशी वोट के लिए धनबल और शराब परोसते हैं. इसे देखते हुए जिला और पुलिस प्रशासन लगातार चेकिंग अभियान चलाती है. साथ ही शराब भी पकड़ती है, लेकिन कई ग्रामीण क्षेत्र ऐसे हैं, जहां पर शराब के अलावा भी अन्य प्रलोभन के जरिए मतदाताओं को लुभाने का प्रयास किया जाता है. इतना ही नहीं मतदाता खुद प्रत्याशियों से उनके पक्ष में होने की बात कहकर उनके चंगुल में आसानी से फंस रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः क्या पंचायत चुनाव के बाद पहाड़ चढ़ेंगे 300 शिक्षक? HRD मंत्री तक पहुंची सिफारिश

वहीं, जागरुक लोगों का कहना है कि चुनाव परिणाम आने के बाद गांव की सरकार बनेगी. ऐसे में जो प्रत्याशी चुनकर आएंगे, पहले वो चुनाव के दौरान मतदाताओं पर खर्च किए व्यय को निकालेंगे. ऐसे में प्रत्याशी का ध्यान विकास की ओर नहीं होगा. वरिष्ठ पत्रकार त्रिभुवन उनियाल ने बताया कि गांव में जो भी बुद्धिजीवी और युवा वर्ग है, वो विभिन्न कारणों से पलायन कर चुका है.

जो व्यक्ति गांव में रह रहे हैं, वे विभिन्न प्रलोभन के कारण खुद को प्रत्याशियों को बेच चुके हैं. ऐसे में चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद गांव में विकास होना संभव नजर नहीं आ रहा है. उनका कहना है कि जब चुनाव के दौरान मतदाता विभिन्न प्रकार के प्रलोभन में अपने मताधिकार को बेच चुका है तो उसे कोई अधिकार नहीं है, कि वो विकास की बात करें. इससे साफ जाहिर होता है कि गांव का विकास कैसे हो पाएगा.

पौड़ीः प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए पहले और दूसरे चरण का मतदान हो चुका है जबकि, तीसरे चरण का मतदान कल होना है. जिसे लेकर प्रशासन ने तैयारियां पूरी कर ली है. हालांकि, कई बार चुनाव के दौरान प्रत्याशी वोटरों को लुभाने के लिए धनबल और शराब का प्रलोभन भी देते हैं. ऐसे में वोटर विकास के बजाय प्रलोभन में फंस जाते हैं. वहीं, जागरुक लोगों का कहना है कि लालच में न आकर विकास करने वाले प्रत्याशियों को चुनना चाहिए.

पौड़ी में पंचायत चुनाव के लिए बुधवार को होगा तीसरे चरण का मतदान.

बता दें कि, चुनाव के दौरान कई बार प्रत्याशी वोट के लिए धनबल और शराब परोसते हैं. इसे देखते हुए जिला और पुलिस प्रशासन लगातार चेकिंग अभियान चलाती है. साथ ही शराब भी पकड़ती है, लेकिन कई ग्रामीण क्षेत्र ऐसे हैं, जहां पर शराब के अलावा भी अन्य प्रलोभन के जरिए मतदाताओं को लुभाने का प्रयास किया जाता है. इतना ही नहीं मतदाता खुद प्रत्याशियों से उनके पक्ष में होने की बात कहकर उनके चंगुल में आसानी से फंस रहे हैं.

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वहीं, जागरुक लोगों का कहना है कि चुनाव परिणाम आने के बाद गांव की सरकार बनेगी. ऐसे में जो प्रत्याशी चुनकर आएंगे, पहले वो चुनाव के दौरान मतदाताओं पर खर्च किए व्यय को निकालेंगे. ऐसे में प्रत्याशी का ध्यान विकास की ओर नहीं होगा. वरिष्ठ पत्रकार त्रिभुवन उनियाल ने बताया कि गांव में जो भी बुद्धिजीवी और युवा वर्ग है, वो विभिन्न कारणों से पलायन कर चुका है.

जो व्यक्ति गांव में रह रहे हैं, वे विभिन्न प्रलोभन के कारण खुद को प्रत्याशियों को बेच चुके हैं. ऐसे में चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद गांव में विकास होना संभव नजर नहीं आ रहा है. उनका कहना है कि जब चुनाव के दौरान मतदाता विभिन्न प्रकार के प्रलोभन में अपने मताधिकार को बेच चुका है तो उसे कोई अधिकार नहीं है, कि वो विकास की बात करें. इससे साफ जाहिर होता है कि गांव का विकास कैसे हो पाएगा.

Intro:जनपद पौड़ी में चल रहे पंचायत चुनाव को शांतिपूर्वक और शराब मुक्त करने के लिए जिला प्रशासन की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं वहीं पुलिस प्रशासन की मदद से सभी चौकियों पर चैकिंग अभियान चलाकर समय-समय पर शराब पकड़ी जा रही है लेकिन वहीं बहुत से से ग्रामीण क्षेत्र हैं जहां पर शराब के अलावा भी अन्य प्रलोभन के कारण मतदाताओं को लुभाने का प्रयास किया जा रहा है और मतदाता स्वयं प्रत्याशियों से मांग कर उनके पक्ष में होने की बात कह रहे हैं गांव की छोटी सरकार के निर्माण के बाद तय होगा कि गांव का विकास किस स्तर पर संभव है लेकिन जब मतदाता ही किसी प्रलोभन के चक्कर में सरकार का निर्माण करेगा तो इसकी एवज में कैसे कोई प्रतिनिधि गांव के विकास पर ध्यान देगा।


Body:त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव शुरू होते ही जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन की ओर से चेकिंग अभियान चलाकर शराब पर पूरी तरह से नकेल कसने के लिए प्रयास जा रहे हैं वहीं दूसरी ओर देखा जा रहा है कि आज जो बुद्धिजीवी और युवा वर्ग है वह विभिन्न कारणों से गांव छोड़ शहरों की तरफ पलायन कर चुका है और जो लोग गांव में रह चुके हैं वह मात्र शराब व अन्य प्रलोभन के कारण चुनाव में प्रत्याशी की तरफ डोल रहे हैं जिससे जाहिर होता है कि परिणाम आने के बाद जो गांव की सरकार बनेगी और जो प्रत्याशी चुनकर आएंगे वह कैसे गांव के विकास की ओर ध्यान देंगे चुनाव के दौरान मतदाताओं पर अधिक व्यय करने के बाद स्वाभाविक है कि प्रत्याशी भी विकास की तरफ ध्यान नहीं देगा जिसके चलते गांव में विकास हो पाना संभव नजर नहीं आ रहा है।


Conclusion:वरिष्ठ पत्रकार त्रिभुवन उनियाल ने पंचायत चुनाव में अनुभव को साझा करते हुए बताया कि आज गांव में जो भी बुद्धिजीवी और युवा वर्ग का मतदाता है वह विभिन्न कारणों से पलायन कर चुका है लेकिन जो व्यक्ति आज गांव में रह रहे हैं वह विभिन्न प्रलोभन के कारण अपने आप को प्रत्याशियों को दे चुके हैं चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद गांव में विकास होना संभव नजर नहीं आ रहा है जब चुनाव के दौरान मतदाता विभिन्न प्रकार के प्रलोभन के कारण अपने मताधिकार को बेच चुका है तो उसे कोई अधिकार नहीं है कि वह विकास की बात करें इसलिए उन्हें लगता है कि आने वाली गांव की जो सरकार से गांव का विकास हो पाएगा। बाईट-त्रिभुवन उनियाल(वरिष्ठ पत्रकार) बाईट-दलीप कुंवर(वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पौड़ी)
Last Updated : Oct 15, 2019, 7:42 PM IST
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