श्रीनगर: हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विवि का तीसरा दीक्षांत समारोह विधिवत सम्पन्न हो गया. कोरोना काल के चलते समारोह को ऑनलाइन आयोजित किया गया, जिसमें मुख्य अथिति, विशिष्ट अथिति, कुलाधिपति, कुलपति गढ़वाल विवि अपने स्थलों से ऑनलाइन विवि के साथ जुड़े. इसके साथ ही अन्य लोग विवि के साथ फेसबुक, ट्विटर और ईटीवी भारत के जरिये समारोह से जुड़े रहे. जबकि, कुलसचिव गढ़वाल विवि सहित सभी विभागों के विभाग अध्यक्ष मंचासीन रहे.
बता दें, दीक्षांत समारोह में विश्व विद्यालय की ओर से 1017 पीजी, 12 एमफिल और 137 पीएचडी के छात्रों को ऑनलाइन डिग्री प्रदान की गई. साथ में 44 होनहार छात्रों को स्वर्ण पदक से नवाजा गया, जिसमें 15 गोल्ड मेडल दान दाताओं द्वारा अतिरिक्त दिए गए थे. इस मौके पर देश के शिक्षा मंत्री और गढ़वाल विवि के पूर्व छात्र रमेश पोखरियाल 'निशंक' कार्यक्रम के मुख्य अथिति रहे.
इस मौके पर निशंक ने छात्रों को ऑनलाइन संबोधित करते हुए कहा कि पूरा देश इस समय भारत की नई शिक्षा पद्धति की ओर देख रहा है, जिसे विशेषज्ञों ने लचीला ओर सुलभ बनाया है. ये पद्धति देश को आगे बढ़ाने का कार्य करेगी. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि छात्रों को मात्र डिग्री और नौकरी तक ही समित नहीं रहना चाहिए. बल्कि शोध कार्यों से जुड़कर देश को आगे बढ़ाने में मदद करनी चाहिए. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि गैर हिमालयी राज्य के विश्वविद्यालय एक साथ मिलकर काम करें तो ये हिमालयी राज्यों के विकास को आगे बढ़ाने का कार्य करेगा. जिससे इन क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे.
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समारोह के विशिष्ट अथिति विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष डॉ. धीरेंद्र प्रताप सिंह ने विश्व विद्यालय की विभिन्न समितियों के सदस्यों, प्रतिभागियों एवं उनके अभिभावकों को इस आयोजन के लिए बधाई दी. उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह सभी उपाधि प्राप्त करने वालों के लिए महत्वपूर्ण दिन होता है. उन्होंने कहा कि इसके बाद सभी छात्रों को देश के लिए कार्य करना चाहिए. उन्होंने सभी के उज्ववल भविष्य की कामना की. इस मौके पर गढ़वाल विवि के चासलर डॉ. योगेंद्र नारायण सहित गढ़वाल विवि की कुलपति ने सभी अतिथियों का धन्यवाद प्रेषित किया. साथ में सभी छात्रों के उज्जवल भविष्य की कामना की.