कोटद्वारः कहते हैं बाल मन जो ठान ले, उसे पूरी शिद्दत से पूरा करने के लिए जुट जाता है. ऐसी ही प्रांसगिक तस्वीर कोटद्वार से सामने आई है. जहां एक मासूम आए दिन लोगों को नाला पार करता देख रहा था, जिसके बाद वह नाले को दुरुस्त करने में खुद ही जुट गया. साथ ही शासन-प्रशासन को आइना भी दिखाया है.
दरअसल, कोटद्वार नगर क्षेत्र के आम पड़ाव में सड़क पर एक नाला काफी लंबे समय से खुला पड़ा हुआ था. इस सड़क से कई अधिकारी और प्रशासन के नुमाइंदे गुजरे, लेकिन किसी इसकी सुध नहीं ली है. इतना ही नहीं इस नाले के चलते कई लोग गिरकर चोटिल भी हो चुके हैं. बावजूद इसके किसी ने इसे दुरुस्त करने की जहमत नहीं उठाई, लेकिन दस साल के शौर्य अग्रवाल ने नाले को ठीक करने की छोटी सी कोशिश करने की ठानी.
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जी हां, आम पड़ाव निवासी चौथी क्लास में पढ़ने वाले शौर्य अग्रवाल ने सड़क पर बने गड्ढे में कई वाहन चालकों को हादसे का शिकार होते देखा तो नाले को बंद करने की ठानी. जिसके बाद शौर्य ने अपने घर से प्लास्टिक की रस्सी लाकर नाले को बंद किया. इतना ही नहीं को टैप कर बच्चे ने खुद उस पर चल कर भी देखा.
वहीं, शौर्य अग्रवाल ने कहना है कि वो इस नाले को रस्सी से इसलिए बंद कर रहा है क्योंकि, यह नाला किसी भी स्कूटी और बाइक सवार को नजर नहीं आता है. जिसके कारण कई दोपहिया वाहन सवार गिरकर चोटिल हो जाते हैं. जिसके बाद वो सफेद रस्सी से नाले को बंद कर रहा है. जिससे बाइक-स्कूटी सवार गुजरे तो उसे गड्ढा दिख जाए.
बरहाल, मासूम ने भले ही खेल-खेल में ये काम किया हो, लेकिन शासन-प्रशासन को पहले ही सुध लेनी चाहिए. जिससे कई लोग हादसे का शिकार होने बच सके. मासूम का ये प्रयास भले ही किसी को कम लगे, लेकिन किसी को आइना दिखाने से कम नहीं है. अब जरूरत है शासन-प्रशासन को इसकी सुध लेने की.