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गढ़वाल केंद्रीय विवि के छात्रों ने राष्ट्रपति को खून से लिखा पत्र, रखी ये मांग - गढ़वाल विश्वविद्यालय

Students wrote letter to President in blood हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल यूनिवर्सिटी के छात्रों ने राष्ट्रपति को खून से पत्र लिखकर भेजा है. छात्रों का कहना है कि जिस तरह मानव शरीर में खून महत्वपूर्ण है. उसी तरह उत्तराखंड के लिए गढ़वाल विवि का अस्तित्व है, लेकिन यहां छात्र हितों की लगातार उपेक्षा हो रही है. पढ़ें पूरी खबर..

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 25, 2023, 7:20 PM IST

श्रीनगर: गढ़वाल विवि के बिड़ला परिसर प्रवेश द्वार पर छात्रसंघ का अनिश्चितकालीन धरना तीसरे दिन जारी रहा. इस दौरान छात्र-छात्राओं ने विवि प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया. आंदोलन स्थल पर छात्रसंघ अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व सचिव ने अपने खून से एक पत्र लिखा और राष्ट्रपति को भेजा. जिसमें उन्होंने विवि में प्रदेश के छात्रों को प्रवेश में 50 फीसदी आरक्षण और नियुक्तियों की सीबीआई जांच सहित विभिन्न मांगों के समाधान की मांग की है.

पहाड़ के युवाओं को गढ़वाल विवि में नहीं मिल रहा प्रवेश: छात्रसंघ अध्यक्ष गौरव मोहन नेगी, उपाध्यक्ष रॉबिन असवाल ने बताया कि गढ़वाल विवि में सीयूईटी के माध्यम से प्रवेश हो रहे हैं. सीयूईटी की परीक्षा में पहाड़ की विषम भौगोलिक परिस्थितियों को नजर अंदाज किया गया है. आज पहाड़ के ही युवाओं को गढ़वाल विवि में प्रवेश नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा कि पूर्वजों के संघर्षों की धरोहर में युवाओं की उपेक्षा हो रही है.

ये भी पढ़ें: गढ़वाल केंद्रीय विवि में उत्तरांखड के छात्रों के लिए 50 फीसदी आरक्षण की मांग, अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे छात्र

छात्रसंघ ने नियुक्तियों पर उठाए सवाल: गढ़वाल विवि की कुलपति की अध्यक्षता में विवि में असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर के पदों पर जितनी भी नियुक्तियां हुई हैं. वह विवादित रही हैं. ऐसे में सभी नियुक्तियों की सीबीआई जांच की जाए. विवि की कुलपति की नियुक्ति पर भी उच्च न्यायालय में वाद लंबित है. खून से पत्र लिखकर भेजने वालों में छात्रसंघ कोषाध्यक्ष योगेश विष्ट, सह सचिव रंजना, विवि प्रतिनिधि अमन पंवार, ऋतिक राणा, अभिनव बहुगुणा, रेशमा पंवार, प्रियंका खत्री आदि शामिल रहे.

ये भी पढ़ें: गढ़वाल विवि में आज से प्रवेश प्रक्रिया शुरू, 21 अगस्त से चलेंगी क्लासेस, कुलपति ने जारी किया एकेडमिक कैलेंडर

श्रीनगर: गढ़वाल विवि के बिड़ला परिसर प्रवेश द्वार पर छात्रसंघ का अनिश्चितकालीन धरना तीसरे दिन जारी रहा. इस दौरान छात्र-छात्राओं ने विवि प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया. आंदोलन स्थल पर छात्रसंघ अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व सचिव ने अपने खून से एक पत्र लिखा और राष्ट्रपति को भेजा. जिसमें उन्होंने विवि में प्रदेश के छात्रों को प्रवेश में 50 फीसदी आरक्षण और नियुक्तियों की सीबीआई जांच सहित विभिन्न मांगों के समाधान की मांग की है.

पहाड़ के युवाओं को गढ़वाल विवि में नहीं मिल रहा प्रवेश: छात्रसंघ अध्यक्ष गौरव मोहन नेगी, उपाध्यक्ष रॉबिन असवाल ने बताया कि गढ़वाल विवि में सीयूईटी के माध्यम से प्रवेश हो रहे हैं. सीयूईटी की परीक्षा में पहाड़ की विषम भौगोलिक परिस्थितियों को नजर अंदाज किया गया है. आज पहाड़ के ही युवाओं को गढ़वाल विवि में प्रवेश नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा कि पूर्वजों के संघर्षों की धरोहर में युवाओं की उपेक्षा हो रही है.

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छात्रसंघ ने नियुक्तियों पर उठाए सवाल: गढ़वाल विवि की कुलपति की अध्यक्षता में विवि में असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर के पदों पर जितनी भी नियुक्तियां हुई हैं. वह विवादित रही हैं. ऐसे में सभी नियुक्तियों की सीबीआई जांच की जाए. विवि की कुलपति की नियुक्ति पर भी उच्च न्यायालय में वाद लंबित है. खून से पत्र लिखकर भेजने वालों में छात्रसंघ कोषाध्यक्ष योगेश विष्ट, सह सचिव रंजना, विवि प्रतिनिधि अमन पंवार, ऋतिक राणा, अभिनव बहुगुणा, रेशमा पंवार, प्रियंका खत्री आदि शामिल रहे.

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