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इस मंदिर में निसंतान दंपतियों की मुराद होती है पूरी, खड़ा दीया अनुष्ठान शुल्क को लेकर छात्रों ने किया विरोध

Srinagar Kamleshwar Mahadev Temple उत्तराखंड में वैसे तो हर मंदिर की अपनी पौराणिक गाथा है, जिससे हर साल श्रद्धालुओं की तादाद मंदिरों में बढ़ती जा रही है. उन्हीं में से एक गढ़वाल मंडल के श्रीनगर में स्थित है. जहां निसंतान दंपतियों की मुराद पूरी होती है. इस मंदिर में निसंतान दंपति संतान प्राप्ति के लिए हाथ में दीया लेकर रातभर खड़े रहकर भगवान आशुतोष की उपासना करते हैं.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 24, 2023, 11:43 AM IST

Updated : Nov 24, 2023, 11:57 AM IST

कमलेश्वर मंदिर में खड़ा दीया अनुष्ठान शुल्क को लेकर छात्रों ने किया विरोध

श्रीनगर: पौड़ी जिले के श्रीनगर के प्रसिद्ध कमलेश्वर मंदिर में आयोजित होने वाले खड़ा दीया अनुष्ठान में लिए 5 हजार 200 रुपए शुल्क लेने पर छात्र संगठन ने आपत्ति जताई है. इस संबंध में छात्रों ने उपजिलाधिकारी श्रीनगर नूपुर वर्मा से शिकायत कर शुल्क की राशि में कमी लाने की मांग की है. छात्रों का कहना है कि इतनी धनराशि देना हर किसी व्यक्ति के बस की नहीं है. खड़ा दीया अनुष्ठान में गरीब और मध्यम वर्ग के लोग भी हिस्सा लेते हैं, इस शुल्क से उनकी आर्थिकी पर प्रभाव पड़ेगा.

गढवाल विवि के छात्र संघ के पदाधिकारी रूपेश नेगी ने कहा कि 5 हजार 200 रुपए की धनराशि का व्यय करना हर किसी के बस की बात नहीं है. मंदिर समिति को शुल्क में कमी लानी चाहिए, उतना ही नहीं मंदिर समिति उतना ही शुल्क रखें, जिसे हर कोई वहन कर सके. छात्र संघ अध्यक्ष अनमोल भंडारी ने कहा कि शुल्क में कमी लाने के संबंध में उनके द्वारा उपजिलाधिकारी श्रीनगर को ज्ञापन भी दिया गया है. उन्होंने आश्वासन दिया है कि वे इस संबंध में मंदिर समिति से बात करेंगी.वहीं इस पूरे मामले पर उपजिलाधिकारी श्रीनगर नूपुर वर्मा का कहना है कि वे मंदिर समिति को पत्र लिख कर शुल्क में कमी करने के लिए कहेंगी. साथ मे मंदिर समिति से बात भी करेंगी.

Srinagar Kamleshwar Mahadev Temple
श्रीनगर कमलेश्वर महादेव मंदिर
पढ़ें-कमलेश्वर मंदिर में खड़ा दीया अनुष्ठान, निसंतान दंपतियों की मुराद होती है पूरी

दूसरी तरफ कल से श्रीनगर में आयोजित होने वाले वैकुण्ठ चतुर्दशी मेले की तैयारियां जोरों पर चल रही है. मेले का उद्घाटन राज्यपाल ले.ज. गुरमीत सिंह द्वारा किया जायेगा. साथ में स्थानीय विधायक और कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत भी उद्घाटन समारोह में मौजूद रहेंगे. कमलेश्वर मंदिर में वेदनी बेला पर होने वाले खड़ा दीया अनुष्ठान में हिसा लेने के लिए 200 से अधिक दंपतियों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है. जिसमें दो विदेशी जोड़े भी हैं जो ऑनलाईन इस अनुष्ठान का हिस्सा लेंगे. ये अनुष्ठान देर सायं से शुरू होकर 26 नवंबर सुबह तक चलेगा.

दीया हाथ में रखकर रात भर खड़े रहते हैं निसंतान दंपतिः पौराणिक मान्यता है कि बैकुंठ चतुर्दशी के दिन जिन दंपतियों की संतान नहीं है वो सच्चे मन से भगवान शिव की उपासना करता है, उसे संतान की प्राप्ति होती है. इस दौरान निसंतान दंपति खड़ा दीया का अनुष्ठान करते हैं.

जानिए क्या है मंदिर की मान्यताः मान्यता है कि भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र की प्राप्ति के लिए कमलेश्वर मंदिर में भगवान शिव की आराधना की थी. इस दौरान व्रत के अनुसार भगवान विष्णु को 100 कमलों को शिव आराधना के दौरान शिव लिंग पर चढ़ाना था, लेकिन तब भगवान शिव ने भक्ति की परीक्षा लेने के लिए 99 कमलों के बाद एक कमल छुपा दिया. जिसके बाद कमल अर्पण करने के लिए भगवान विष्णु ने अपने नेत्र को चढ़ा दिया. जिसके बाद से ही भगवान विष्णु के नेत्रों को कमल नयन कहा जाता है.

पढ़ें-संतान प्राप्ति की कामना को लेकर कमलेश्वर मंदिर में 'खड़ा दीया' अनुष्ठान, जानें क्या हैं पौराणिक मान्यताएं

निसंतान दंपति ने देखी थी भगवान विष्णु की साधनाः पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु की भक्ति से खुश होकर भगवान शिव ने उन्हें सुदर्शन चक्र प्रदान किया था. वहीं भगवान विष्णु की इस पूजा को एक निसंतान दंपति भी देख रहा था. जिसके बाद उन्होंने भी इस विधि से भगवान भोलेनाथ की पूजा की, जिसके उपरांत उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई. तब से ही निसंतान दंपति संतान प्राप्ति के लिए खड़ा दीया अनुष्ठान करते हैं.

कमलेश्वर मंदिर में खड़ा दीया अनुष्ठान शुल्क को लेकर छात्रों ने किया विरोध

श्रीनगर: पौड़ी जिले के श्रीनगर के प्रसिद्ध कमलेश्वर मंदिर में आयोजित होने वाले खड़ा दीया अनुष्ठान में लिए 5 हजार 200 रुपए शुल्क लेने पर छात्र संगठन ने आपत्ति जताई है. इस संबंध में छात्रों ने उपजिलाधिकारी श्रीनगर नूपुर वर्मा से शिकायत कर शुल्क की राशि में कमी लाने की मांग की है. छात्रों का कहना है कि इतनी धनराशि देना हर किसी व्यक्ति के बस की नहीं है. खड़ा दीया अनुष्ठान में गरीब और मध्यम वर्ग के लोग भी हिस्सा लेते हैं, इस शुल्क से उनकी आर्थिकी पर प्रभाव पड़ेगा.

गढवाल विवि के छात्र संघ के पदाधिकारी रूपेश नेगी ने कहा कि 5 हजार 200 रुपए की धनराशि का व्यय करना हर किसी के बस की बात नहीं है. मंदिर समिति को शुल्क में कमी लानी चाहिए, उतना ही नहीं मंदिर समिति उतना ही शुल्क रखें, जिसे हर कोई वहन कर सके. छात्र संघ अध्यक्ष अनमोल भंडारी ने कहा कि शुल्क में कमी लाने के संबंध में उनके द्वारा उपजिलाधिकारी श्रीनगर को ज्ञापन भी दिया गया है. उन्होंने आश्वासन दिया है कि वे इस संबंध में मंदिर समिति से बात करेंगी.वहीं इस पूरे मामले पर उपजिलाधिकारी श्रीनगर नूपुर वर्मा का कहना है कि वे मंदिर समिति को पत्र लिख कर शुल्क में कमी करने के लिए कहेंगी. साथ मे मंदिर समिति से बात भी करेंगी.

Srinagar Kamleshwar Mahadev Temple
श्रीनगर कमलेश्वर महादेव मंदिर
पढ़ें-कमलेश्वर मंदिर में खड़ा दीया अनुष्ठान, निसंतान दंपतियों की मुराद होती है पूरी

दूसरी तरफ कल से श्रीनगर में आयोजित होने वाले वैकुण्ठ चतुर्दशी मेले की तैयारियां जोरों पर चल रही है. मेले का उद्घाटन राज्यपाल ले.ज. गुरमीत सिंह द्वारा किया जायेगा. साथ में स्थानीय विधायक और कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत भी उद्घाटन समारोह में मौजूद रहेंगे. कमलेश्वर मंदिर में वेदनी बेला पर होने वाले खड़ा दीया अनुष्ठान में हिसा लेने के लिए 200 से अधिक दंपतियों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है. जिसमें दो विदेशी जोड़े भी हैं जो ऑनलाईन इस अनुष्ठान का हिस्सा लेंगे. ये अनुष्ठान देर सायं से शुरू होकर 26 नवंबर सुबह तक चलेगा.

दीया हाथ में रखकर रात भर खड़े रहते हैं निसंतान दंपतिः पौराणिक मान्यता है कि बैकुंठ चतुर्दशी के दिन जिन दंपतियों की संतान नहीं है वो सच्चे मन से भगवान शिव की उपासना करता है, उसे संतान की प्राप्ति होती है. इस दौरान निसंतान दंपति खड़ा दीया का अनुष्ठान करते हैं.

जानिए क्या है मंदिर की मान्यताः मान्यता है कि भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र की प्राप्ति के लिए कमलेश्वर मंदिर में भगवान शिव की आराधना की थी. इस दौरान व्रत के अनुसार भगवान विष्णु को 100 कमलों को शिव आराधना के दौरान शिव लिंग पर चढ़ाना था, लेकिन तब भगवान शिव ने भक्ति की परीक्षा लेने के लिए 99 कमलों के बाद एक कमल छुपा दिया. जिसके बाद कमल अर्पण करने के लिए भगवान विष्णु ने अपने नेत्र को चढ़ा दिया. जिसके बाद से ही भगवान विष्णु के नेत्रों को कमल नयन कहा जाता है.

पढ़ें-संतान प्राप्ति की कामना को लेकर कमलेश्वर मंदिर में 'खड़ा दीया' अनुष्ठान, जानें क्या हैं पौराणिक मान्यताएं

निसंतान दंपति ने देखी थी भगवान विष्णु की साधनाः पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु की भक्ति से खुश होकर भगवान शिव ने उन्हें सुदर्शन चक्र प्रदान किया था. वहीं भगवान विष्णु की इस पूजा को एक निसंतान दंपति भी देख रहा था. जिसके बाद उन्होंने भी इस विधि से भगवान भोलेनाथ की पूजा की, जिसके उपरांत उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई. तब से ही निसंतान दंपति संतान प्राप्ति के लिए खड़ा दीया अनुष्ठान करते हैं.

Last Updated : Nov 24, 2023, 11:57 AM IST
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