श्रीनगर: प्रशासनिक विभागों में किस तरह का मिस कोऑर्डिनेशन है इसका जीता जागता उदाहरण श्रीनगर में देखने को मिल रहा है. श्रीनगर में परिवहन निगम अपनी जमीन को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए गुहार लगा है. परिवहन निगम के नए बने बस डिपो से पिछले एक साल से बसों का संचालन नहीं हो पा रहा है. अतिक्रमण होने के कारण बसों को आवाजाही के लिए रास्ता नहीं मिल पा रहा है. जिसके कारण बसों को अस्थाई जगह से चलाना पड़ रहा है. बस डिपो के निर्माण पर विभाग करोड़ो खर्च कर चुका है. इसके बाद भी इसका इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है.
दरअसल, श्रीनगर में परिवहन निगम ने अपने पुराने बस डिपो को तोड़कर बहुउपयोगी डिपो का निर्माण करवाया. जिसके निचले हिस्से में 150 वाहनों को खड़े करने की पार्किंग बनाई गई है. ऊपरी मंजिल से परिवहन निगम विभिन्न इलाकों के लिए अपनी बसों का संचालन करेगा, मगर पिछले एक साल से ऐसा होता हुआ नहीं दिखाई दे रहा है. श्रीनगर का नया परिवहन डिपो बन्द पड़ा हुआ है. परिवहन निगम के सहायक अभियंता पीके दीक्षित ने बताया डिपो के अंदर बसों के आवागमन के लिए रास्ता नहीं है. अतिक्रमण के कारण ऐसा नहीं हो पा रहा है. उन्होंने कहा अतिक्रमण हटाने के लिए प्रशासन से कई बार पत्राचार किया जा चुका है.
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उन्होंने बताया परिहवन निगम के पास नए डिपो के आस पास 22 नाली भूमि है. 16 नाली भूमि का उपयोग हुआ है. बाकी बची भूमि पर अतिक्रमण किया गया है. जिसे हटाने की मांग प्रशासन से की गई है. इस पूरे मामले में उपजिलाधिकारी श्रीनगर नूपुर वर्मा ने कहा परिवहन निगम की भूमि को लेकर डिमाक्रेसन की कार्यवाही की जा रही है, अगर भूमि पर अतिक्रमण पाया जाता है तो उसे हटाया जाएगा.