श्रीनगर: शराब की दुकान के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले सभी आंदोलनकारियों के खिलाफ दर्ज मुकदमे की सुनवाई करते हुए न्यायिक मजिस्ट्रेट ने फैसला सुनाया है. न्यायिक मजिस्ट्रेट ने अपने फैसले में सभी आरोपियों को दोष मुक्त करते हुए बाइज्जत बरी करने का आदेश दिया है.
मामला 2017 का है जब श्रीनगर के गोतीर्थ आश्रम के पास खुली शराब की दुकानों का आंदोलनकारियों ने विरोध किया था. जिसे लेकर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. जिसपर सुनवाई करते हुए आज न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी ने आंदोलनकारियों को दोष मुक्त करते हुए बाइज्जत बरी करने का फैसला सुनाया.
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आपको बता दें कि 2017 में उच्च न्यायालय ने नेशनल हाईवे से शराब की दुकानों को शिफ्ट करने के आदेश दिए थे. जिसके तहत श्रीनगर में अलकनंदा तट के किनारे गोतीर्थ आश्रम के समीप शराब की दुकान खोल दी गई थी. जिसके बाद गोतीर्थ के सदस्य, हिमालय बचाओ आंदोलन, प्रजा मंडल व गंगा आरती समिति द्वारा शराब की दुकान खोले जाने का विरोध किया गया था.
लगभग एक माह तक चले इस आंदोलन के दौरान कोतवाली में समीर रतुड़ी, प्रवीण भंडारी, राजेस्वरी जोशी समेत कई लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. वहीं मामले में आए फैसले का स्वागत करते हुए आंदोलनकारियों ने कहा कि न्यायालय का यह आदेश सामाजिक जीत है.