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Basant Panchami Mela: नरेंद्र सिंह नेगी के गीतों से गूंजा कण्वाश्रम, बसंत पंचमी मेले का रंगारंग समापन

कोटद्वार स्थित कण्वाश्रम में बसंत पंचमी मेले का समापन हो गया है. मेले के समापन समारोह में गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी ने अपने गीतों से समा बांध दिया. मेले के समापन समारोह में विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूडी ने शिरकत की. महर्षि कण्व की तपोस्थली और भारत नामदेव चक्रवर्ती सम्राट राजा भरत की जन्म स्थली में मालिनी नदी के तट पर साल 1956 से लगातार बसंत पंचमी मेले का आयोजन किया जा रहा है.

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Published : Jan 28, 2023, 9:59 AM IST

Basant Panchami mela
बसंत पंचमी मेला
कण्वाश्रम में बसंत पंचमी मेले का विधिवत समापन.

कोटद्वार: पौड़ी के कोटद्वार कण्वाश्रम में बसंत पंचमी का मेला अपनी रंग बिरंगी यादों के साथ संपन्न हो गया है. समापन समारोह में उत्तराखंड के लोक गायक गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी ने प्रस्तुति दी. लोक गायिका मीना राणा, ऊषा नेगी और उत्तराखंड नृत्य सम्राट अनिल बिष्ट ने वहां मौजूद लोगों को थिरकने पर मजबूर कर दिया. बसंत पंचमी मेले के समापन समारोह में उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने शिरकत की. पंचमी मेले में आयी लगभग 50 हजार की भीड़ को देखकर कोटद्वार विधायक गदगद दिखीं.

बसंत पंचमी मेले में लोक कलाकारों ने मेले में आये लोगों को झूमने को मजबूर कर दिया. लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी और मीना राणा ने बसंत पंचमी में 'ऋतु बसंत ऐगे' गीत से समा बांध दिया. इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी, ऊषा नेगी और मीना राणा को कण्वाश्रम स्मारक का प्रतीक चिन्ह व उत्तराखंड की गढ़वाली टोपी से सम्मानित किया.

Basant Panchami mela
महर्षि कण्व की तपस्थली

इस दौरान कोटद्वार विधायक ऋतु खंडूड़ी ने कहा कि राजा भरत की जन्म स्थली को देश विदेश में विख्यात करने के लिए उत्तराखंड सरकार द्वारा प्रयास किया जा रहा है‌. उन्होंने कहा कि कौड़ियां में भारत नामदेव राजा चक्रवर्ती सम्राट भरत द्वार बनाया जायेगा. ‌कण्वाश्रम मालिनी नदी तट पर मेला स्थान पर स्थाई मंच का निर्माण भी जल्द किया जायेगा. केंद्र सरकार व राज्य सरकार द्वारा महर्षि कण्व की तपोस्थली को विकसित करने के लिए भरपूर प्रयास किया जा रहा है. जल्द ही देश विदेश में प्राचीन कण्वाश्रम की खोई ख्याति को प्रसिद्ध देने के लिए योजना तैयार की जा रही है.
ये भी पढ़ें- History of Kanvashram: कण्व आश्रम में वसंतोत्सव की धूम, चक्रवर्ती राजा भरत की है जन्म स्थली!

कोटद्वार विधायक ने कहा कि चक्रवर्ती सम्राट भगवान भरत की जन्म स्थली कण्वाश्रम में बसन्तोत्सव मेला राज्य का महत्वपूर्ण उत्सव है. कण्वाश्रम के प्राचीन ऐतिहासिक महत्व के अनुसार केन्द्र सरकार ने इसे स्वच्छ आइकॉनिक घोषित किया है. कण्वाश्रम को राष्ट्रीय पर्यटन के तौर विकसित करने की तैयारी की जा रही है. मालिनी तट पर महर्षि कण्व की तपोस्थली कण्वाश्रम को अंतरराष्ट्रीय व राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त होगी, जिससे उत्तराखंड के पर्यटन में वृद्धि होगी.

कण्वाश्रम में बसंत पंचमी मेले का विधिवत समापन.

कोटद्वार: पौड़ी के कोटद्वार कण्वाश्रम में बसंत पंचमी का मेला अपनी रंग बिरंगी यादों के साथ संपन्न हो गया है. समापन समारोह में उत्तराखंड के लोक गायक गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी ने प्रस्तुति दी. लोक गायिका मीना राणा, ऊषा नेगी और उत्तराखंड नृत्य सम्राट अनिल बिष्ट ने वहां मौजूद लोगों को थिरकने पर मजबूर कर दिया. बसंत पंचमी मेले के समापन समारोह में उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने शिरकत की. पंचमी मेले में आयी लगभग 50 हजार की भीड़ को देखकर कोटद्वार विधायक गदगद दिखीं.

बसंत पंचमी मेले में लोक कलाकारों ने मेले में आये लोगों को झूमने को मजबूर कर दिया. लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी और मीना राणा ने बसंत पंचमी में 'ऋतु बसंत ऐगे' गीत से समा बांध दिया. इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी, ऊषा नेगी और मीना राणा को कण्वाश्रम स्मारक का प्रतीक चिन्ह व उत्तराखंड की गढ़वाली टोपी से सम्मानित किया.

Basant Panchami mela
महर्षि कण्व की तपस्थली

इस दौरान कोटद्वार विधायक ऋतु खंडूड़ी ने कहा कि राजा भरत की जन्म स्थली को देश विदेश में विख्यात करने के लिए उत्तराखंड सरकार द्वारा प्रयास किया जा रहा है‌. उन्होंने कहा कि कौड़ियां में भारत नामदेव राजा चक्रवर्ती सम्राट भरत द्वार बनाया जायेगा. ‌कण्वाश्रम मालिनी नदी तट पर मेला स्थान पर स्थाई मंच का निर्माण भी जल्द किया जायेगा. केंद्र सरकार व राज्य सरकार द्वारा महर्षि कण्व की तपोस्थली को विकसित करने के लिए भरपूर प्रयास किया जा रहा है. जल्द ही देश विदेश में प्राचीन कण्वाश्रम की खोई ख्याति को प्रसिद्ध देने के लिए योजना तैयार की जा रही है.
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कोटद्वार विधायक ने कहा कि चक्रवर्ती सम्राट भगवान भरत की जन्म स्थली कण्वाश्रम में बसन्तोत्सव मेला राज्य का महत्वपूर्ण उत्सव है. कण्वाश्रम के प्राचीन ऐतिहासिक महत्व के अनुसार केन्द्र सरकार ने इसे स्वच्छ आइकॉनिक घोषित किया है. कण्वाश्रम को राष्ट्रीय पर्यटन के तौर विकसित करने की तैयारी की जा रही है. मालिनी तट पर महर्षि कण्व की तपोस्थली कण्वाश्रम को अंतरराष्ट्रीय व राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त होगी, जिससे उत्तराखंड के पर्यटन में वृद्धि होगी.

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