श्रीनगर: हेमवती नंदन गढ़वाल केन्द्रीय विवि में आज देश भर के विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं से जुड़े वैज्ञानिक आए हुए हैं. आज आयोजित हुई बैठक मई में होने वाली जी20 की बैठक के परिप्रेक्ष्य में रखी गई. इसमें वैज्ञानिकों ने देश की सांस्कृतिक और शैक्षणिक गतिविधियों पर चर्चा की. इस दौरान कार्यक्रम की अध्यक्षता गढ़वाल केंद्रीय विवि की कुलपति अन्नपूर्णा नौटियाल द्वारा की गई. बैठक में जीबी पंत राष्ट्रीय शोध संस्थान, कलिंगा इंस्टिट्यूट ऑफ इंडो पेसिफिक स्टडीज, इंडियन हिमालयन सेंट्रल यूनिवर्सिटीज कंसोर्टियम, रिसर्च एंड इन्फॉर्मेशन सिस्टम फ़ॉर डेवलपिंग कंट्रीज से जुड़े हुए वैज्ञानिक मौजूद रहे.
कुलपति ने की अध्यक्षता: गढवाल केन्द्रीय विवि की कुलपति अन्नपूर्णा नौटियाल ने कहा कि देश इन दिनों अपने स्वर्णिम दौर में कार्य कर रहा है. दुनिया की नज़र भारत पर है. इसलिए देश भर की सभी संस्थाओं को साथ लेकर आगे बढ़ने की जरूरत है. इसके साथ-साथ आम लोगों को भी देश की समस्याओं को समझना होगा और उस पर एक साथ कार्य करना होगा. वैज्ञानिकों द्वारा दिये जा रहे सुझावों पर राज्य सरकारों व केंद्र सरकार को जनता को साथ लेकर कार्य करने की जरूरत है.
कई महत्वपूर्ण विषयों पर की गई चर्चा: इन दिनों हिमालय में परिवर्तन देखे जा रहे हैं. इसको लेकर सरकार तो काम कर ही रही है, साथ ही इन जगहों पर रहने वाले लोगों को भी इस समस्या से रूबरू होकर अपने स्तर से माइक्रो लेवल पर कार्य करने की जरूरत है. इसी तरह के कुछ मसौदे आज तैयार किये जायेंगे, जिन पर जी20 की बैठक में सभी देशों के साथ चर्चा की जाएगी. वरिष्ठ वैज्ञानिक रिसर्च एंड इन्फॉर्मेशन सिस्टम फ़ॉर डेवलपिंग कंट्रीज प्रोफ़ेसर शेषाद्रि रामानुजमचारी ने कहा कि इन दिनों पूरे इंडो पेसिफिक में विभिन्न देशों में किसी न किसी विषय पर गतिरोध है. इन गतिरोधों पर साथ बैठ कर बात करने की जरूरत है. टेबल टॉक के जरिये ही समस्याओं का हल निकाला जा सकता है.
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विभिन्न देश अपनी सीमाओं को लेकर एक दूसरे से तनातनी रखते हैं. लेकिन विकास को आगे बढ़ाने के लिए इन मुद्दों पर चर्चा करना जरूरी है. इसी तरह जीबी पंत राष्ट्रीय शोध संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. सुनील नौटियाल कहा कि उनका संस्थान 14 राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में कार्य कर रहा है. ये कार्य माइक्रो लेवल पर किये जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि उनका संस्थान भविष्य के लिए आम लोगों के रिसोर्स को बढ़ाने में जुटा है. उन नए रिसोर्स को बढ़ाने पर कार्य किये जा रहे हैं जो भविष्य में आम जनता की आय और देश को आगे बढ़ाने में काम आएंगे.