कोटद्वार: नगर निगम कोटद्वार की चेक बुक पर जाली हस्ताक्षर कर लाखों रुपए निकालने का मामला प्रकाश में आया है. जानकारी के मुताबिक, कोटद्वार नगर निगम के खाते की चेक बुक पर जाली हस्ताक्षर कर 23 लाख रुपये निकाले गये हैं. बैंक ऑफ इंडिया की ओर से नगर निगम को पूर्व में जारी दो चेक बुक में नगर आयुक्त व लेखा अधिकारी के जाली हस्ताक्षर कर धनराशि निकाली गई है. नगर आयुक्त की ओर से दी गई तहरीर के आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
वहीं, इस घोटाले के खिलाफ भाजपा युवा मोर्चा ने नगर आयुक्त के माध्यम से शहरी विकास मंत्री को ज्ञापन भेजकर पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच कराने की मांग की है. बता दें कि बीते 2 जुलाई को नगर आयुक्त द्वारा निगम के बैंक खातों की स्टेमेन्ट की जांच की जा रही थी, तभी कुछ अज्ञात खातों में निगम के खाते की चेकबुक से भुगतान का मामला प्रकाश में आया.
निगम के खाते से धनराशी 25 जून 2021 से 27 जुलाई 2021 तक कुल 26 चेको से करीब 23 लाख रुपये निकाले गए, जो कि हरीश चंद्र, रोशन कुमार, एमआर इंटरप्राइजेज द्वारा निकाली गयी थी, जांच में सभी लोग दिल्ली के पाये गये हैं.
गौर हो कि कोटद्वार नगर निगम का गठन तीन वर्ष पहले हुआ था, निगम के गठन से पूर्व सभी बैंक खातों का संचालन नगर पालिका कोटद्वार के नाम से होता था. कोटद्वार नगर पालिका ने 1979 में बैंक ऑफ इंडिया की कोटद्वार शाखा में खाता खोला था. 23 अगस्त 2005 को नगर पालिका और तीन फरवरी 2018 को नगर निगम के नाम पर इस खाते से दो चेक बुक जारी की गई थी.
नगर निगम प्रशासन की मानें तो इन चेक बुकों के संबंध में निगम के पास कोई जानकारी नहीं थी. दो-तीन दिन पूर्व खातों की जांच के दौरान पता चला कि इन चेक बुकों के जरिए बैंक से करीब 23 लाख की धनराशि निकाली गई है.
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सूत्रों की मानें तो यह धनराशि पिछले दो महीने में निकाली गई है, इस संबंध में जब बैंक से जानकारी ली गई तो निगम प्रशासन के पैरों तले जमीन खिसक गई. चेक पर नगर आयुक्त के साथ ही लेखाधिकारी के जाली हस्ताक्षर थे. मामले की गंभीरता को देखते हुए नगर आयुक्त पीएल शाह की ओर से कोटद्वार कोतवाली में तहरीर दी गई. कोतवाल प्रभारी नरेंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि तहरीर के आधार पर छह संदिग्धों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.
नगर आयुक्त प्यारे लाल शाह ने कहा कि कार्यों के विषय में मेरे द्वारा निगम के बैंक खातों की जांच की गई की, उसमें कितना पैसा शेष है. जिसमें पता चला कि जिन लोगों के नाम हमारे नगर निगम में दर्ज नहीं है, उन लोगों के नाम पर निगम के चेकों का भुगतान हुआ है.
इस पर गहराई से जांच की गई तो पता चला कि 5 लोगों द्वारा दिल्ली से चेक लगाए गए. जिन पर नगर आयुक्त और लेखा अधिकारी के हस्ताक्षर किए गए हैं. दिल्ली की विभिन्न ब्रांच से 25 जून 2021 से 27 जुलाई 2021 तक 26 चेकों के जरिए लाखों रुपए का निकाले गए है.