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तहसीलदार के सरकारी खाते से फर्जी चेक के जरिए 11 लाख रुपए निकाले गए, विभाग को भनक तक भी नहीं लगी - तहसीलदार यमकेश्वर

Rs 11 lakh withdrawn through fake check book from government account पौड़ी जिले की यमकेश्वर तहसील में बड़ा अजीब मामला सामने आया है. यहां तहसीलदार यमकेश्वर के सरकारी खाते से फर्जी चेकबुक बनाकर 13 चेक से करीब 11 लाख रुपए निकाले गए, लेकिन प्रशासन और विभाग को इसकी भनक तक भी नहीं लगी. बैंक की तरफ से भेजी गई मेल के बाद ही इस पूरे मामले का खुलासा हुआ.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 29, 2023, 5:59 PM IST

श्रीनगर: तहसीलदार यमकेश्वर के सरकारी खाते की फर्जी चेकबुक बनाकर लाखों के भुगतान का मामला सामने आया है. बताया जा रहा है कि तहसीलदार यमकेश्वर के सरकारी खाते से किसी अज्ञात व्यक्ति ने लखनऊ में अगस्त से नवंबर 2023 तक 11 लाख से अधिक निकाले है, ताज्जुब की बात ये है कि तहसील प्रशासन को इसकी भनक तक भी नहीं लगी. मामला सामने आने के बाद तहसीलदार यमकेश्वर ने थाना यमकेश्वर में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया.

वहीं प्रशासन इस मामले की विभागिय जांच की बात भी कह जा रहा है, ताकि साफ हो सके है कि इस पूरे खेल में कही विभागीय अधिकारी-कर्मचारी की संलिप्तता तो नहीं है. प्रकरण की जांच के लिए डीएम पौड़ी ने एसडीएम श्रीनगर को जांच अधिकारी नियुक्त किया है.
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तहसीलदार यमकेश्वर का सरकारी बैंक खाता एसबीआई की भृगुखाल शाखा में है. इस खाते के माध्यम से तहसील की ओर से विभागीय वित्तीय लेनदेन होता है. बैंक से आहरण-वितरण के लिए तहसीलदार यमकेश्वर ने 768 सीरीज की एक चेकबुक ली थी. इसी सीरीज की चेकबुक से 13 चेक के माध्यम से लखनऊ में बीते 21 अगस्त से 10 नवंबर 2023 के बीच अलग-अलग तिथियों में 11 लाख 17 हजार 27 रुपये निकाले गए. सभी चेक भुगतान के लिए अलग-अलग बैंको में लगाए गए थे.

तहसीलदार के सरकारी खाते से लगातार जिले से बाहर चेक के माध्यम से भुगतान पर एसबीआई के क्लीरेंस विभाग दिल्ली ने बैंक की भृगुखाल स्थित शाखा को ईमेल भेजी, जिसमें 768 सीरीज की चेकबुक के भुगतान को संदेहजनक बताया. तब मामले में शाखा प्रबंधक भृगुखाल ने तहसील प्रशासन से मामले में बातचीत की, तो पता चला कि तहसील प्रशासन ने इस सीरीज की चेकबुक से भुगतान के लिए कोई चैक काटा ही नहीं है. तब तहसील प्रशासन ने तत्काल 768 सीरीज की चेकबुक से आहरण-वितरण पर रोक लगवाते हुए थाना यमकेश्वर में अज्ञात के खिलाफ तहरीर दी थी. जिस पर पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है.
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मामले की गंभीरता देखते हुए डीएम ने प्रशासनिक जांच के निर्देश देते हुए एसडीएम को जांच अधिकारी नियुक्त किया है. जांच में यह देखा जाएगा कि जाली चेकबुक बनाने और तहसीलदार के हस्ताक्षर बनवाने में तहसील के किसी अधिकारी- कर्मचारी की संलिप्तता तो नहीं हैं.

इस बारे में डीएम पौड़ी आशीष चौहान कहा कि मामला बहुत संवेदनशील है. मामले की प्रशासनिक जांच की जाएगी. एसडीएम श्रीनगर को जांच अधिकारी नामित कर आवश्यक दिशा-निर्देश दे दिए गए हैं. वहीं थाना प्रभारी उमेश कुमार ने बताया कि मामले में तहसीलदार यमकेश्वर की तहरीर पर मूल्यवान प्रतिभूति की कूट रचना, दस्तावेजो से छेड़छाड़, धोखाधड़ी, आपराधिक षडयंत्र सहित अन्य धाराओं में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज है, जिसकी विवेचना जारी है. जल्द ही मामले का खुलासा कर लिया जाएगा.

श्रीनगर: तहसीलदार यमकेश्वर के सरकारी खाते की फर्जी चेकबुक बनाकर लाखों के भुगतान का मामला सामने आया है. बताया जा रहा है कि तहसीलदार यमकेश्वर के सरकारी खाते से किसी अज्ञात व्यक्ति ने लखनऊ में अगस्त से नवंबर 2023 तक 11 लाख से अधिक निकाले है, ताज्जुब की बात ये है कि तहसील प्रशासन को इसकी भनक तक भी नहीं लगी. मामला सामने आने के बाद तहसीलदार यमकेश्वर ने थाना यमकेश्वर में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया.

वहीं प्रशासन इस मामले की विभागिय जांच की बात भी कह जा रहा है, ताकि साफ हो सके है कि इस पूरे खेल में कही विभागीय अधिकारी-कर्मचारी की संलिप्तता तो नहीं है. प्रकरण की जांच के लिए डीएम पौड़ी ने एसडीएम श्रीनगर को जांच अधिकारी नियुक्त किया है.
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तहसीलदार यमकेश्वर का सरकारी बैंक खाता एसबीआई की भृगुखाल शाखा में है. इस खाते के माध्यम से तहसील की ओर से विभागीय वित्तीय लेनदेन होता है. बैंक से आहरण-वितरण के लिए तहसीलदार यमकेश्वर ने 768 सीरीज की एक चेकबुक ली थी. इसी सीरीज की चेकबुक से 13 चेक के माध्यम से लखनऊ में बीते 21 अगस्त से 10 नवंबर 2023 के बीच अलग-अलग तिथियों में 11 लाख 17 हजार 27 रुपये निकाले गए. सभी चेक भुगतान के लिए अलग-अलग बैंको में लगाए गए थे.

तहसीलदार के सरकारी खाते से लगातार जिले से बाहर चेक के माध्यम से भुगतान पर एसबीआई के क्लीरेंस विभाग दिल्ली ने बैंक की भृगुखाल स्थित शाखा को ईमेल भेजी, जिसमें 768 सीरीज की चेकबुक के भुगतान को संदेहजनक बताया. तब मामले में शाखा प्रबंधक भृगुखाल ने तहसील प्रशासन से मामले में बातचीत की, तो पता चला कि तहसील प्रशासन ने इस सीरीज की चेकबुक से भुगतान के लिए कोई चैक काटा ही नहीं है. तब तहसील प्रशासन ने तत्काल 768 सीरीज की चेकबुक से आहरण-वितरण पर रोक लगवाते हुए थाना यमकेश्वर में अज्ञात के खिलाफ तहरीर दी थी. जिस पर पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है.
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मामले की गंभीरता देखते हुए डीएम ने प्रशासनिक जांच के निर्देश देते हुए एसडीएम को जांच अधिकारी नियुक्त किया है. जांच में यह देखा जाएगा कि जाली चेकबुक बनाने और तहसीलदार के हस्ताक्षर बनवाने में तहसील के किसी अधिकारी- कर्मचारी की संलिप्तता तो नहीं हैं.

इस बारे में डीएम पौड़ी आशीष चौहान कहा कि मामला बहुत संवेदनशील है. मामले की प्रशासनिक जांच की जाएगी. एसडीएम श्रीनगर को जांच अधिकारी नामित कर आवश्यक दिशा-निर्देश दे दिए गए हैं. वहीं थाना प्रभारी उमेश कुमार ने बताया कि मामले में तहसीलदार यमकेश्वर की तहरीर पर मूल्यवान प्रतिभूति की कूट रचना, दस्तावेजो से छेड़छाड़, धोखाधड़ी, आपराधिक षडयंत्र सहित अन्य धाराओं में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज है, जिसकी विवेचना जारी है. जल्द ही मामले का खुलासा कर लिया जाएगा.

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