कोटद्वार: पौड़ी जिले के यमकेश्वर विधानसभा के सैंण गांव में सड़क मार्ग का निर्माण कार्य प्रारंभ होने से ग्रामीणों में खुशी का माहौल है. बता दें कि द्वारीखाल ब्लॉक का सैंण गांव पहले सीडीएस रहे जनरल बिपिन रावत का पैतृक गांव है. 29 अप्रैल 2018 को वह अपनी पत्नी मधुलिका रावत के साथ सैंण गांव पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने गांव वालों से वादा किया था कि, वह जल्द गांव को सड़क मार्ग से जोड़ेंगे.
आज स्वर्गीय जनरल बिपिन रावत और गांव वालों का सपना साकार होने जा रहा है, जिसको लेकर ग्रामीणों में जश्न का माहौल है. बता दें कि आज भी उत्तराखंड के अधिकतर गांवों में सड़क सुविधा न होने की वजह से पलायन जारी है. इनमें से एक गांव सैंण भी है, जहां पहले 30 से 40 लोग गांव में रहा करते थे, लेकिन सड़क सुविधा न होने की वजह से आज गांव वीरान होता जा रहा है. जनरल बिपिन रावत के चाचा भरत सिंह रावत बताते हैं कि जो लोग गांव से बाहर निवास कर रहे हैं. वो अब सैंण गांव के सड़क मार्ग से जुड़ने से वापस लौटने का मन बना रहे हैं.
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लोक निर्माण विभाग अधिशासी अभियंता दुगड्डा डीपी सिंह ने कहा जनरल बिपिन रावत के आग्रह के बाद तत्कालीन उत्तराखंड सरकार ने सैंण गांव में सड़क मार्ग बनाने की स्वीकृति प्रदान की है. जिसमें कांडाखाल-चेलुसैन मार्ग से 1.15 किमी सड़क मार्ग लगभग 22 लाख की लागत से द्वितीय फेज में कटिंग कार्य प्रारंभ कर दिया गया है.
वहीं डाडामण्डी-मदनपुर मोटर मार्ग से भी सैंण गांव को जोड़ा जा रहा है. डाडामण्डी मदनपुर सनखाल मोटर मार्ग का 4.75 किमी का 1.60 करोड़ की लागत से द्वितीय फेज का कार्य समाप्ति की ओर है. जबकि डाडामण्डी मदनपुर मोटर 5 किमी मार्ग 2019 में कार्य पूर्ण कर लिया गया है.
सैंण गांव की आशा देवी बताती है कि 2018 में जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका से मुलाकात हुई थी. इस दौरान उन्होंने कहा था कि अगली बार जब गांव आएंगे तो सड़क बनकर तैयार होगी, लेकिन सड़क मार्ग तो बना रहा पर दिवंगत जनरल बिपिन रावत अब गांव नहीं आ पाएंगे.