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कोटद्वार: चैनेलाइज कार्य लोगों के लिए बना सिरदर्द, अधिकारी दे रहे ये दलील

तेलीस्रोत गदेरे में चैनेलाइज कार्य पर सवाल उठते रहे हैं. वहीं, चैनलाइजेशन के कारण गदेरे में बनाई गई बाढ़ सुरक्षा दीवार धराशायी हो गई है.

Kotdwar
चैनेलाइज कार्य काश्तकारों के लिए बना सिरदर्द
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Published : Jul 23, 2021, 11:11 AM IST

कोटद्वार: तहसील के तेलीस्रोत गदेरे में हो रहा चैनेलाइज कार्य काश्तकारों के लिए अभिशाप बन गया है. चैनलाइजेशन के लिए गदेरे में बनाई गई बाढ़ सुरक्षा दीवार धराशायी हो गई है. वहीं, काश्तकारों की 10 से 12 बीघा भूमि गदेरे की भेंट चढ़ गई.

कोटद्वार क्षेत्र की प्रमुख नदियों के साथ साथ ही बरसाती गदरों में भी पिछले चार सालों से लगातार बरसात से पूर्व रिवर ट्रेनिंग का कार्य करवाया जा रहा है. नियमानुसार नदी से निकलने वाले उपखनिज को नदी के दोनों छोरों पर ही एकत्रित करने का प्रावधान है. लेकिन कोटद्वार में नदियों में से निकल रहे उपखनिज को डंपर में भरकर क्षेत्र की सीमा से बाहर भेजा जा रहा है. वहीं, खनन कार्य आमजन के लिए परेशानी का सबब बन गया है. बीते दिनों सुखरौ नदी में खनन क्षेत्र में 15 वर्षीय किशोर की नदी में डूबने से मौत हो गई थी, जो इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है.

पढ़ें-भूस्खलन के कारण केदारनाथ हाईवे बाधित, वाहनों की लगी लंबी कतार

तेलीस्रोत में भी प्रशासन की ओर से चैनलाइजेशन का कार्य करवाया जा रहा है, यहां गदेरे के दोनों किनारों पर बाढ़ सुरक्षा दीवार क्षतिग्रस्त हो गई है. खनन से काश्तकारों की 10 से 12 बीघा भूमि गदेरे की भेंट चढ़ गई है, पूर्व में क्षेत्र की जनता ने मानकों के विपरीत हो रहे खनन की शिकायत उपजिलाधिकारी से की थी, विभागीय जांच में भी खनन कार्य मानकों के विपरीत पाया गया था, लेकिन बाद में यह पूरा मामला ठंडे बस्ते में चला गया.

उपजिलाधिकारी कोटद्वार का कहना है कि कई जगह पर सुरक्षा दीवार टूटने की जानकारी मिली है, पट्टा धारक को नियमों के अनुरूप खनन की चेतावनी दे दी गई है. बाढ़ सुरक्षा दीवार की मरम्मत खनन न्यास निधि से करवाई जाएगी, इसके लिए सिंचाई विभाग को प्रस्ताव बनाने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं.

कोटद्वार: तहसील के तेलीस्रोत गदेरे में हो रहा चैनेलाइज कार्य काश्तकारों के लिए अभिशाप बन गया है. चैनलाइजेशन के लिए गदेरे में बनाई गई बाढ़ सुरक्षा दीवार धराशायी हो गई है. वहीं, काश्तकारों की 10 से 12 बीघा भूमि गदेरे की भेंट चढ़ गई.

कोटद्वार क्षेत्र की प्रमुख नदियों के साथ साथ ही बरसाती गदरों में भी पिछले चार सालों से लगातार बरसात से पूर्व रिवर ट्रेनिंग का कार्य करवाया जा रहा है. नियमानुसार नदी से निकलने वाले उपखनिज को नदी के दोनों छोरों पर ही एकत्रित करने का प्रावधान है. लेकिन कोटद्वार में नदियों में से निकल रहे उपखनिज को डंपर में भरकर क्षेत्र की सीमा से बाहर भेजा जा रहा है. वहीं, खनन कार्य आमजन के लिए परेशानी का सबब बन गया है. बीते दिनों सुखरौ नदी में खनन क्षेत्र में 15 वर्षीय किशोर की नदी में डूबने से मौत हो गई थी, जो इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है.

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तेलीस्रोत में भी प्रशासन की ओर से चैनलाइजेशन का कार्य करवाया जा रहा है, यहां गदेरे के दोनों किनारों पर बाढ़ सुरक्षा दीवार क्षतिग्रस्त हो गई है. खनन से काश्तकारों की 10 से 12 बीघा भूमि गदेरे की भेंट चढ़ गई है, पूर्व में क्षेत्र की जनता ने मानकों के विपरीत हो रहे खनन की शिकायत उपजिलाधिकारी से की थी, विभागीय जांच में भी खनन कार्य मानकों के विपरीत पाया गया था, लेकिन बाद में यह पूरा मामला ठंडे बस्ते में चला गया.

उपजिलाधिकारी कोटद्वार का कहना है कि कई जगह पर सुरक्षा दीवार टूटने की जानकारी मिली है, पट्टा धारक को नियमों के अनुरूप खनन की चेतावनी दे दी गई है. बाढ़ सुरक्षा दीवार की मरम्मत खनन न्यास निधि से करवाई जाएगी, इसके लिए सिंचाई विभाग को प्रस्ताव बनाने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं.

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