कोटद्वार: शहीद चंद्रशेखर आजाद के सहयोगी क्रांतिकारी भवानी सिंह रावत की 110वीं जयंती पर उनका भावपूर्व स्मरण किया गया. क्षेत्रवासियों ने उनकी समाधि और प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धासुमन अर्पित किए. पौड़ी जिले के दुगड्डा ब्लॉक के नाथूपुर गांव के रहने वाले क्रांतिकारी भवानी सिंह रावत की 110 वी जयंती समारोह मनाया गया.
ग्रामीणों के मुताबिक क्रांतिकारी भवानी सिंह चंद्रशेखर आजाद के करीबी मित्र में थे. आजादी के दौरान चंद्रशेखर आजाद अपने साथियों के साथ दुगड्डा स्थित भवानी सिंह के घर पर कई दिनों तक रूके थे. उन्होंने यहां पर जंगल में चंद्रशेखर आजाद ने साथियों को शस्त्र प्रशिक्षण भी दिया था. शहीद पार्क पर आजाद के अचूक निशाने का गवाह आजाद वृक्ष अब खत्म हो गया है.
क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद ने जिस जगह पर जंगल में अपना अचूक निशाना लगाया था. आज उस जगह को शहीद पार्क के नाम से जाना जाता है, लेकिन उस स्थान की स्थिति बड़ी दयनीय बनी हुई है. जिला प्रशासन भी इस ओर ध्यान देने के बजाय चैन की नींद सो रहा है. पार्क में झाड़ियां फैली हुई है, स्मृति वृक्ष के अवशेषों की जगह पर अब मिट्टी के ढेर शेष रह गए हैं.
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क्रांतिकारी भवानी सिंह रावत के पुत्र जगमोहन सिंह रावत ने बताया कि सौभाग्य है कि मैं उनका पुत्र हूं, आज उनकी 110 वी जयंती मनाई गयी है, जुलाई महीने के दूसरे सप्ताह 1930 में चंद्रशेखर आजाद अपने साथियों के साथ कुछ समय हमारे घर में रहे थे. उन्होंने अपने युवा साथियों को नौडी जंगल में शस्त्र प्रशिक्षण दिया था. वापस जाते हुए उन्होंने एक कुकाट के वृक्ष पर निशानेबाजी की थी. आज उस जगह को आजाद पार्क के नाम से जाना जाता है, लेकिन शासन प्रशासन की बेरुखी के कारण आज यह पार्क अपनी गुमनामी के आंसू रो रहा है.