पौड़ी: सरकारी सिस्टम की मार सेवानिवृत्त स्वास्थ्य कर्मचारियों पर ऐसी पड़ी कि साल 1995 से 2010 तक करीब 15 साल का एरियर का भुगतान नहीं हो पाया है. जिसको लेकर आक्रोशित कर्मचारियों ने सीएमओ कार्यालय परिसर में जमकर नारेबाजी की. कार्मिकों ने कहा वर्ष 1995 से 2010 तक के एरियर का भुगतान सेवानिवृत्त कार्मिकों को आज तक नहीं हो पाया है. उन्होंने कहा दुर्भाग्यपूर्ण है कि सेवानिवृत्त कार्मिको को अपने अधिकारों के लिए धरना-प्रदर्शन करना पड़ रहा है.
गौरतलब है कि पौड़ी जिले में करीब 200 से अधिक सेवानिवृत्त स्वास्थ्य कार्मिक हैं, जिन्हें वर्ष 1995 से लेकर 2010 तक के एरियर का भुगतान नहीं हो पाया है. इतना ही नहीं सरकार की बेरुखी से परेशान सेवानिवृत्त कार्मिकों ने हाईकोर्ट की शरण ली. हाईकोर्ट के सिंगल एवं डबल बेंच ने प्रदेश सरकार को कार्मिकों को जल्द से जल्द एरियर का भुगतान किए जाने का आदेश भी जारी किये थे.
पढे़ं- बाबा रामदेव बोले- MNC को हम शीर्षासन करा रहे, एलोपैथी बीमार कर रही इसको जमीन में गाड़ देंगे
सेवानिवृत्त स्वास्थ्य कर्मचारी-पर्यवेक्षक संगठन की जिलाध्यक्ष गणेशी नेगी ने बताया सेवानिवृत्त स्वास्थ्य कार्मिकों ने सीएमओ कार्यालय परिसर में फिलहाल सांकेतिक धरना दिया. प्रदेश सरकार ने मामले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने स्वास्थ्य कार्मिकों के हित में फैसला सुनाया. लंबित एरियर भुगतान के आदेश दिए. उन्होंने बताया सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 1995 से अक्टूबर 2000 तक के एरियर का भुगतान उत्तर प्रदेश सरकार और नवंबर 2000 से वर्ष 2010 तक का भुगतान उत्तराखंड सरकार को करने का आदेश दिया है.
पढे़ं- उत्तराखंड में 'नारी शक्ति उत्सव' के रूप में मनाई जाएगी नवरात्रि, ये है सरकार का पूरा प्लान
यूपी सरकार तो लंबित एरियर का भुगतान कर चुकी है. जनवरी 2023 में प्रदेश के स्वास्थ्य महानिदेशक ने सभी जिलों के मुख्य चिकित्साधिकारियों को एरियर के भुगतान के निर्देश जारी किये हैं, लेकिन पौड़ी में मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय से आज तक भुगतान नहीं हो पाया है. कोषाध्यक्ष मुन्नी देवी ने कहा सेवानिवृत्ति के बाद भी कार्मिको को अपने अधिकारों के लिए प्रदर्शन करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा एरियर का भुगतान जल्द नहीं किया गया तो उन्हें आमरण अनशन तक के लिए बाध्य होना पड़ेगा.