पौड़ी: जिले में लगातार वीरान होते गांव और बढ़ रहे पलायन के आंकड़े किसी से छुपे नहीं हैं. वहीं पौड़ी के कल्जीखाल ब्लॉक के रहने वाले नितिन पटवाल सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद अपने गांव में स्वरोजगार का कार्य कर रहे हैं. साथ ही गांव के युवाओं को रोजगार देकर पलायन पर अंकुश लगाने का प्रयास कर रहे हैं.
नितिन का मानना है कि स्वरोजगार की मदद से ही गांव को दोबारा से आबाद किया जा सकता है. नितिन पशुपालन, बागवानी, मुर्गी पालन जैसे कार्यों से गांव के युवाओं को रोजगार देकर पूरे क्षेत्र के लिए प्रेरणा स्रोत बने हैं.
बता दें कि बांजखाल गांव के रहने वाले नितिन पटवाल ने सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद बहुत से कार्य किए लेकिन ज्यादातर जगह उन्हें निराशा ही हासिल हुई. जिसके बाद नितिन और उनके भाई सुरजीत दोनों ने मिलकर अपने गांव में काम की शुरुआत करने का फैसला लिया. दोनों भाइयों ने मिलकर अपने गांव में बागवानी, पशुपालन, मुर्गी पालन, मत्स्य पालन के कार्य शुरू किए. साथ ही 10 से 12 युवाओं को उन्होनें रोजगार भी दिया है. इनमें से कुछ युवा मैदानी क्षेत्रों की नौकरी छोड़कर आए हैं और अब अपने घर के पास ही स्वरोजगार के कार्यों में मदद कर रहे हैं.
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नितिन पटवाल ने बताया कि उन्होंने स्वयं के प्रयासों से ही अपने भाई के साथ मिलकर स्वरोजगार की शुरुआत की है. जिसके लिए उन्होंने कोई भी सरकारी सहायता नहीं ली है. साथ ही कहा कि पहाड़ों को आबाद रखने के लिए उन्हें यह शुरुआत करनी बहुत आवश्यक थी.
लंबे समय तक सेना में जज्बे के साथ देश की सुरक्षा करने के बाद अब नितिन अपने गांव के खेतों और गांव को उसी मेहनत से आबाद करने का प्रयास कर रहे हैं. साथ ही आज पूरे क्षेत्र के लिए प्रेरणा स्रोत बन रहे हैं.
ईटीवी भारत ने पलायन पर चला रखी है विशेष मुहिम
वहीं ईटीवी भारत ने पहाड़ों से पलायन रोकने के लिए 'आ अब लौटें' मुहिम चला रखी है. इस मुहिम को कई बड़ी हस्तियों का समर्थन भी मिल चुका है. वहीं अब नितिन पटवाल द्वारा पौड़ी के बांजखाल गांव में पलायन रोकने की इस मुहिम की हम सराहना करते हैं.