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पहाड़ पर पलायन रोकने के लिए पूर्व सैनिक ने गांव में शुरू किया काम, युवाओं को रोजगार देकर बने प्रेरणा स्रोत - Self Employment

पौड़ी के कल्जीखाल ब्लॉक के रहने वाले नितिन पटवाल सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद अपने गांव में स्वरोजगार का कार्य कर रहे हैं. साथ ही गांव के युवाओं को रोजगार देकर पलायन पर अंकुश लगाने का प्रयास कर रहे हैं.

पशुपालन, बागवानी, मुर्गी पालन जैसे कार्यों से गांव के युवाओं को रोजगार दे रहे नितिन पटवाल.
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Published : Jul 27, 2019, 1:49 PM IST

Updated : Jul 27, 2019, 4:24 PM IST

पौड़ी: जिले में लगातार वीरान होते गांव और बढ़ रहे पलायन के आंकड़े किसी से छुपे नहीं हैं. वहीं पौड़ी के कल्जीखाल ब्लॉक के रहने वाले नितिन पटवाल सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद अपने गांव में स्वरोजगार का कार्य कर रहे हैं. साथ ही गांव के युवाओं को रोजगार देकर पलायन पर अंकुश लगाने का प्रयास कर रहे हैं.

नितिन का मानना है कि स्वरोजगार की मदद से ही गांव को दोबारा से आबाद किया जा सकता है. नितिन पशुपालन, बागवानी, मुर्गी पालन जैसे कार्यों से गांव के युवाओं को रोजगार देकर पूरे क्षेत्र के लिए प्रेरणा स्रोत बने हैं.

बता दें कि बांजखाल गांव के रहने वाले नितिन पटवाल ने सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद बहुत से कार्य किए लेकिन ज्यादातर जगह उन्हें निराशा ही हासिल हुई. जिसके बाद नितिन और उनके भाई सुरजीत दोनों ने मिलकर अपने गांव में काम की शुरुआत करने का फैसला लिया. दोनों भाइयों ने मिलकर अपने गांव में बागवानी, पशुपालन, मुर्गी पालन, मत्स्य पालन के कार्य शुरू किए. साथ ही 10 से 12 युवाओं को उन्होनें रोजगार भी दिया है. इनमें से कुछ युवा मैदानी क्षेत्रों की नौकरी छोड़कर आए हैं और अब अपने घर के पास ही स्वरोजगार के कार्यों में मदद कर रहे हैं.

सेना से सेवानिवृत्त नितिन पटवाल से ईटीवी भारत की खास बातचीत.

ये भी पढ़े: केबल स्टेयड पुल पर चढ़ा कांवड़िया, SI ने जान पर खेलकर उतारा नीचे

नितिन पटवाल ने बताया कि उन्होंने स्वयं के प्रयासों से ही अपने भाई के साथ मिलकर स्वरोजगार की शुरुआत की है. जिसके लिए उन्होंने कोई भी सरकारी सहायता नहीं ली है. साथ ही कहा कि पहाड़ों को आबाद रखने के लिए उन्हें यह शुरुआत करनी बहुत आवश्यक थी.

लंबे समय तक सेना में जज्बे के साथ देश की सुरक्षा करने के बाद अब नितिन अपने गांव के खेतों और गांव को उसी मेहनत से आबाद करने का प्रयास कर रहे हैं. साथ ही आज पूरे क्षेत्र के लिए प्रेरणा स्रोत बन रहे हैं.

ईटीवी भारत ने पलायन पर चला रखी है विशेष मुहिम

वहीं ईटीवी भारत ने पहाड़ों से पलायन रोकने के लिए 'आ अब लौटें' मुहिम चला रखी है. इस मुहिम को कई बड़ी हस्तियों का समर्थन भी मिल चुका है. वहीं अब नितिन पटवाल द्वारा पौड़ी के बांजखाल गांव में पलायन रोकने की इस मुहिम की हम सराहना करते हैं.

पौड़ी: जिले में लगातार वीरान होते गांव और बढ़ रहे पलायन के आंकड़े किसी से छुपे नहीं हैं. वहीं पौड़ी के कल्जीखाल ब्लॉक के रहने वाले नितिन पटवाल सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद अपने गांव में स्वरोजगार का कार्य कर रहे हैं. साथ ही गांव के युवाओं को रोजगार देकर पलायन पर अंकुश लगाने का प्रयास कर रहे हैं.

नितिन का मानना है कि स्वरोजगार की मदद से ही गांव को दोबारा से आबाद किया जा सकता है. नितिन पशुपालन, बागवानी, मुर्गी पालन जैसे कार्यों से गांव के युवाओं को रोजगार देकर पूरे क्षेत्र के लिए प्रेरणा स्रोत बने हैं.

बता दें कि बांजखाल गांव के रहने वाले नितिन पटवाल ने सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद बहुत से कार्य किए लेकिन ज्यादातर जगह उन्हें निराशा ही हासिल हुई. जिसके बाद नितिन और उनके भाई सुरजीत दोनों ने मिलकर अपने गांव में काम की शुरुआत करने का फैसला लिया. दोनों भाइयों ने मिलकर अपने गांव में बागवानी, पशुपालन, मुर्गी पालन, मत्स्य पालन के कार्य शुरू किए. साथ ही 10 से 12 युवाओं को उन्होनें रोजगार भी दिया है. इनमें से कुछ युवा मैदानी क्षेत्रों की नौकरी छोड़कर आए हैं और अब अपने घर के पास ही स्वरोजगार के कार्यों में मदद कर रहे हैं.

सेना से सेवानिवृत्त नितिन पटवाल से ईटीवी भारत की खास बातचीत.

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नितिन पटवाल ने बताया कि उन्होंने स्वयं के प्रयासों से ही अपने भाई के साथ मिलकर स्वरोजगार की शुरुआत की है. जिसके लिए उन्होंने कोई भी सरकारी सहायता नहीं ली है. साथ ही कहा कि पहाड़ों को आबाद रखने के लिए उन्हें यह शुरुआत करनी बहुत आवश्यक थी.

लंबे समय तक सेना में जज्बे के साथ देश की सुरक्षा करने के बाद अब नितिन अपने गांव के खेतों और गांव को उसी मेहनत से आबाद करने का प्रयास कर रहे हैं. साथ ही आज पूरे क्षेत्र के लिए प्रेरणा स्रोत बन रहे हैं.

ईटीवी भारत ने पलायन पर चला रखी है विशेष मुहिम

वहीं ईटीवी भारत ने पहाड़ों से पलायन रोकने के लिए 'आ अब लौटें' मुहिम चला रखी है. इस मुहिम को कई बड़ी हस्तियों का समर्थन भी मिल चुका है. वहीं अब नितिन पटवाल द्वारा पौड़ी के बांजखाल गांव में पलायन रोकने की इस मुहिम की हम सराहना करते हैं.

Intro:पौड़ी जनपद में लगातार वीरान होते गांव और बढ़ रहा पलायन का आंकड़ा किसी से छुपा नहीं है वही पौड़ी के कल जी खाल ब्लॉक के रहने वाले नितिन पटवाल जो कि सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद अपने गांव में स्वरोजगार का कार्य कर रहे हैं जिससे कि गांव के युवाओं को रोजगार देने के साथ-साथ परायण पर अंकुश लगाने का प्रयास कर रहे हैं नितिन का मानना है कि स्वरोजगार की मदद से ही गांव को दोबारा से आबाद किया जा सकता है नितिन ने पशुपालन बागवानी मुर्गी पालन आदि कार्यों से गांव के युवाओं को रोजगार देकर पूरे छेत्र के लिए प्रेरणा बन रहे है।


Body:कल्जीखाल ब्लॉक के अधिकतर गांव खाली हो गए हैं वही
बाँजखाल गांव के रहने वाले नितिन पटवाल जिन्होंने सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद बहुत से कार्य के लेकिन हर जगह होने निराशा ही हासिल हुई। वहीं उनके भाई सुरजीत और नितिन दोनों ने मिलकर अपने गांव में रोजगार की शुरुआत करने का फैसला लिया दोनों भाइयों ने मिलकर अपने गांव में बागवानी पशुपालन मुर्गी पालन मत्स्य पालन आदि का कार्य शुरू कर दिया है जिससे कि उनके गांव के ही युवाओं को रोजगार दिया जा रहा है यहां पर नंबर 10 से 12 युवा लोग कार्य करते हैं। कुछ युवा जो कि कुछ समय पूर्व मैदानी छेत्रो में नौकरी किया करते थे और अब वहां छोड़कर अपने घर के पास स्वरोजगार के कार्यों में मदद कर रहे हैं।


Conclusion:नितिन पटवाल ने बताया कि उन्होंने स्वयं के प्रयासों से ही अपने भाई के साथ मिलकर स्वरोजगार की शुरुआत की है उन्होंने अभी तक कोई भी सरकारी सहायता नहीं ली है। कहा कि पहाड़ों को आबाद रखने के लिए उन्हें यह शुरुआत करनी बहुत आवश्यक थी लंबे समय तक सेना में जज्बे के साथ देश की सुरक्षा करने के बाद अब नितिन अपने गांव के खेतों और गांव को उसी मेहनत से आबाद करने का प्रयास कर रहे हैं और आज पूरे क्षेत्र के लिए प्रेरणा बन रहे हैं। अब उम्मीद करते हैं कि नितिन के इन प्रयासों के बाद क्षेत्र में दोबारा से वही खुशहाली लौट के आए और जो लोग अपने गांव छोड़कर शहरों की तरफ चले गए हैं वह दोबारा से लौटकर अपने बंजर खेतों और गांव को खुशहाल बना सके।
Last Updated : Jul 27, 2019, 4:24 PM IST
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