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रामलीला समिति और प्रशासन में रार, होटल व्यवसायियों को पोर्टल में पंजीकरण अनिवार्य

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Published : Nov 1, 2020, 11:31 AM IST

श्रीनगर में रामलीला मैदान में पटाखे की दुकान लगाने के लिए अनुमति देने को लेकर रामलीला समिति और स्थानीय प्रशासन आमने-सामने आ गए है. रामलीला समिति ने प्रशासन ने गंभीर आरोप लगाए हैं.

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श्रीनगर रामलीला समिति

श्रीनगर/कोटद्वारः श्रीनगर में रामलीला समिति और स्थानीय प्रशासन आमने-सामने आ गए है. रामलीला समिति ने प्रशासन पर आरोप लगाया है कि स्थानीय प्रशासन ने रामलीला मंचन की अनुमति नहीं दी, लेकिन अब रामलीला मैदान में बिना रामलीला समिति को भरोसे में लेकर पटाखों की दुकान लगाने की अनुमति दे दी है. वहीं, रामलीला समिति के उपाध्यक्ष दीपक उनियाल ने प्रशासन मैदान में पटाखों की दुकान लगाने पर आमरण अनशन करने की चेतावनी दी. उधर, कोटद्वार में भीड़भाड़ वाले स्थान पर पटाखे लगाने वालों के खिलाफ टास्क फोर्स गठित की गई है.

रामलीला समिति और स्थानीय प्रशासन के बीच रार.

श्रीनगर में रामलीला समिति और स्थानीय प्रशासन के बीच रार
दरअसल, बीते दिनों कोतवाली श्रीनगर में व्यापारियों, नगर पालिका, तहसील प्रसासन और पुलिस की सामूहिक बैठक आयोजित हुई थी. जिसमें रामलीला मैदान में पटाखों की दुकान लगाने का फैसला लिया गया था. जिसके बाद रामलीला समिति ने एक प्रेस कॉन्फेंस की. जिसमें एक गुट ने वर्तमान रामलीला समिति पर आरोप लगाया कि जब इस सला रामलीला का आयोजन नहीं हुआ तो जनता से क्यों रामलीला मंचन के लिए बाजार भर में चंदा मांगा गया? जबकि, चंदे का भी कोई हिसाब भी अन्य पदाधिकारियों को नहीं दिया जा रहा है. जिसके चलते संरक्षक मंडल, पदाधिकारी व सदस्यों ने वर्तमान कार्यकारिणी को भंग करने का फैसला लिया है.

वहीं, रामलीला समिति के उपाध्यक्ष दीपक उनियाल का कहना है कि प्रशासन ने कोरोनाकाल का हवाला देते हुए रामलीला का आयोजन नहीं करने दिया, लेकिन अब बस्ती के बीच में पटाखों के लिए रामलीला मैदान को उपयोग करने की बात कही है. जिसे किसी भी सूरत में लगने नहीं दिया जाएगा. उन्होंने इसे जनता के भावनाओं से खिलवाड़ भी बताया.

ये भी पढ़ेंः कूड़ा डंपिंग जोन में एक साथ दिखे 5 भालू, लोगों के उड़े होश

नियमों के पालन कराने के लिए टास्क फोर्स गठित
कोटद्वार में दीपावली के त्योहार के मद्देनजर स्थानीय प्रशासन ने सख्ती से नियमों के पालन कराने के लिए टास्क फोर्स का गठन कर दिया है. साथ ही भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में पटाखे की दुकान लगाने वालों के खिलाफ जुर्माना का प्रावधान भी रखा है. नियमों का उल्लंघन करने पर व्यापारी का सामान को जब्त किया जाएगा. साथ ही उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

बता दें कि कोटद्वार नगर क्षेत्र में पहले भी भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में ही पटाखों की दुकान लगाई जाती थी, जिस कारण हरदम आगजनी जैसी घटनाओं का डर बना रहता था. तीन साल पहले भी बाजार चौकी के पास आतिशबाजी से एक कार और स्कूटर पर आग लग गई थी, तब बड़ी मुश्किल से फायर ब्रिगेड की गाड़ी ने आग पर काबू पाया था. इन घटनाओं का संज्ञान लेते हुए इस बार स्थानीय प्रशासन ने पटाखों की दुकान को बाजार से बाहर खुले स्थान पर लगाने का निर्णय लिया है.

पंजीकरण करवाना अनिवार्य
केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय की ओर से जारी पोर्टल पर होटल, धर्मशाला, गेस्ट हाउस, रेस्टोरेंट का पंजीकरण करना अनिवार्य कर दिया है. जिला पर्यटन अधिकारी खुशहाल सिंह नेगी ने कोटद्वार में होटल, रेस्टोरेंट, धर्मशाला, गेस्ट हाउस स्वामियों की बैठक ली. इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार के निर्देशों का हवाला देते हुए पर्यटन मंत्रालय की ओर से जारी पोर्टल पर पंजीकरण कराने की जानकारी दी तो वहीं, इस दौरान होटल स्वामियों ने जिला पर्यटन अधिकारी को अपनी समस्याएं बताई. वहीं, पर्यटन अधिकारी ने होटल संचालकों को कोरोना को लेकर विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए.

श्रीनगर/कोटद्वारः श्रीनगर में रामलीला समिति और स्थानीय प्रशासन आमने-सामने आ गए है. रामलीला समिति ने प्रशासन पर आरोप लगाया है कि स्थानीय प्रशासन ने रामलीला मंचन की अनुमति नहीं दी, लेकिन अब रामलीला मैदान में बिना रामलीला समिति को भरोसे में लेकर पटाखों की दुकान लगाने की अनुमति दे दी है. वहीं, रामलीला समिति के उपाध्यक्ष दीपक उनियाल ने प्रशासन मैदान में पटाखों की दुकान लगाने पर आमरण अनशन करने की चेतावनी दी. उधर, कोटद्वार में भीड़भाड़ वाले स्थान पर पटाखे लगाने वालों के खिलाफ टास्क फोर्स गठित की गई है.

रामलीला समिति और स्थानीय प्रशासन के बीच रार.

श्रीनगर में रामलीला समिति और स्थानीय प्रशासन के बीच रार
दरअसल, बीते दिनों कोतवाली श्रीनगर में व्यापारियों, नगर पालिका, तहसील प्रसासन और पुलिस की सामूहिक बैठक आयोजित हुई थी. जिसमें रामलीला मैदान में पटाखों की दुकान लगाने का फैसला लिया गया था. जिसके बाद रामलीला समिति ने एक प्रेस कॉन्फेंस की. जिसमें एक गुट ने वर्तमान रामलीला समिति पर आरोप लगाया कि जब इस सला रामलीला का आयोजन नहीं हुआ तो जनता से क्यों रामलीला मंचन के लिए बाजार भर में चंदा मांगा गया? जबकि, चंदे का भी कोई हिसाब भी अन्य पदाधिकारियों को नहीं दिया जा रहा है. जिसके चलते संरक्षक मंडल, पदाधिकारी व सदस्यों ने वर्तमान कार्यकारिणी को भंग करने का फैसला लिया है.

वहीं, रामलीला समिति के उपाध्यक्ष दीपक उनियाल का कहना है कि प्रशासन ने कोरोनाकाल का हवाला देते हुए रामलीला का आयोजन नहीं करने दिया, लेकिन अब बस्ती के बीच में पटाखों के लिए रामलीला मैदान को उपयोग करने की बात कही है. जिसे किसी भी सूरत में लगने नहीं दिया जाएगा. उन्होंने इसे जनता के भावनाओं से खिलवाड़ भी बताया.

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नियमों के पालन कराने के लिए टास्क फोर्स गठित
कोटद्वार में दीपावली के त्योहार के मद्देनजर स्थानीय प्रशासन ने सख्ती से नियमों के पालन कराने के लिए टास्क फोर्स का गठन कर दिया है. साथ ही भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में पटाखे की दुकान लगाने वालों के खिलाफ जुर्माना का प्रावधान भी रखा है. नियमों का उल्लंघन करने पर व्यापारी का सामान को जब्त किया जाएगा. साथ ही उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

बता दें कि कोटद्वार नगर क्षेत्र में पहले भी भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में ही पटाखों की दुकान लगाई जाती थी, जिस कारण हरदम आगजनी जैसी घटनाओं का डर बना रहता था. तीन साल पहले भी बाजार चौकी के पास आतिशबाजी से एक कार और स्कूटर पर आग लग गई थी, तब बड़ी मुश्किल से फायर ब्रिगेड की गाड़ी ने आग पर काबू पाया था. इन घटनाओं का संज्ञान लेते हुए इस बार स्थानीय प्रशासन ने पटाखों की दुकान को बाजार से बाहर खुले स्थान पर लगाने का निर्णय लिया है.

पंजीकरण करवाना अनिवार्य
केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय की ओर से जारी पोर्टल पर होटल, धर्मशाला, गेस्ट हाउस, रेस्टोरेंट का पंजीकरण करना अनिवार्य कर दिया है. जिला पर्यटन अधिकारी खुशहाल सिंह नेगी ने कोटद्वार में होटल, रेस्टोरेंट, धर्मशाला, गेस्ट हाउस स्वामियों की बैठक ली. इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार के निर्देशों का हवाला देते हुए पर्यटन मंत्रालय की ओर से जारी पोर्टल पर पंजीकरण कराने की जानकारी दी तो वहीं, इस दौरान होटल स्वामियों ने जिला पर्यटन अधिकारी को अपनी समस्याएं बताई. वहीं, पर्यटन अधिकारी ने होटल संचालकों को कोरोना को लेकर विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए.

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