कोटद्वार: जिला प्रशासन द्वारा टैक्सी ड्राइवरों को होम क्वारंटाइन किए जाने से ड्राइवरों में नाराजगी है. टैक्सी ड्राइवरों ने उप-जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर होम क्वारंटाइन किए गए ड्राइवरों को वापस काम पर जाने की अनुमति देने की गुहार लगाई है.
दरअसल, लॉकडाउन के चौथे चरण में प्रशासन ने बाहरी राज्यों में रह रहे प्रवासियों को उत्तराखंड वापस आने के लिए पास की सुविधा उपलब्ध कराई थी. जिसके बाद टैक्सी ड्राइवर पास बनाकर बाहरी राज्यों से प्रवासियों को गढ़वाल ला रहे थे. फिलहाल कौड़िया चेक पोस्ट पर सभी टैक्सी ड्राइवरों की थर्मल स्क्रीनिंग के बाद प्रशासन उन्हें होम क्वारंटाइन करने को कह रहा है. जिसकी वजह से टैक्सी ड्राइवरों के आगे रोजी-रोटी का संकट गहराने लगा है.
टैक्सी ड्राइवर भारत सिंह के मुताबिक जो भी ड्राइवर लोकल में सवारियों को छोड़ने जा रहा है या देहरादून बिजनौर दिल्ली जा रहा है. उनको जिला प्रशासन फोन कर होम क्वारंटाइन का निर्देश दे रहा है. जबकि खनन से भरे डंपर के ड्राइवर रेड जोन में जिले में प्रवेश कर रहे हैं. उनको क्वारंटाइन नहीं किया जा रहा है.
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भाजपा नेता ऐश्वर्या राज, गौरव नौटियाल का कहना है कि जो सामान्य सवारियों के साथ टैक्सी चला रहे हैं, सिर्फ उनको ही प्रशासन क्वारंटाइन कर रहा है. जिला प्रशासन की विफलता की वजह से सरकार की छवि खराब हो रही है. जिस तरह की असुविधाएं टैक्सी ड्राइवरों को हो रही है. उसके लिए स्थानीय प्रशासन जिम्मेदार है. जबकि खनन के भरे ट्रक रेड जोन में आवाजाही कर रहे हैं. उनके लिए स्थानीय प्रशासन के पास क्वारंटाइन करने का कोई नियम-कानून नहीं है.
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वहीं, जब इस मामले पर उप जिलाधिकारी कोटद्वार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी से आदेश प्राप्त हुए हैं की टैक्सी ड्राइवरों को अब क्वारंटाइन नहीं किया जाएगा. केवल उनका स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें छोड़ दिया जाएगा.