कोटद्वार: सिद्धबली जनशताब्दी एक्सप्रेस चलने से पहले ही विवादों के घेरे में आ गई है. रेल मंत्रालय ने 3 मार्च को कोटद्वार से जनशताब्दी एक्सप्रेस चलाने का निर्णय लिया है, जिसकी तैयारियां भी पूरी हो चुकी हैं.
पहाड़ के लोगों का कहना है कि वो लंबे समय से दिन के समय कोटद्वार से एक नई ट्रेन की मांग करते आ रहे हैं, जो कि देर शाम पहाड़ वासियों को दिल्ली छोड़ दे, लेकिन रेल मंत्रालय ने ऐसा ना कर गढ़वाल और मसूरी एक्सप्रेस को बंद कर सिद्धबली जनशताब्दी एक्सप्रेस चलाने का फैसला लिया है. इसका समय भी 3:45 बजे कोटद्वार से चलने का दिया है. 10:20 बजे रात्रि दिल्ली पहुंचने का समय है. इससे पहाड़ वासियों व कोटद्वार वासियों को क्या फायदा होगा ?
पूर्व प्रधान संजय पटवाल का कहना है कि जिस तरह सरकार ने सिद्धबली जनशताब्दी एक्सप्रेस चलाने की घोषणा की है इसका कोई औचित्य नहीं है. सरकार क्षेत्र की जनता को भ्रमित करने का काम कर रही है. इस ट्रेन को चलाने का सरकार का क्या औचित्य है ? यह किसी के गले नहीं उतर रहा है.
क्षेत्र पंचायत सदस्य भरत नेगी का कहना है कि ट्रेन चलाकर जनता की समस्या का कोई हल नहीं हो सकता है. पहले हमें लखनऊ या दिल्ली जाना होता था तो सीधा कोटद्वार से बैठकर लखनऊ-दिल्ली चले जाते थे. लेकिन सरकार के द्वारा इन ट्रेनों को बंद कर दिया गया, जबकि इसका विरोध समय-समय पर लोगों द्वारा किया गया. गढ़वाल के लोग मायूस हैं.