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OROP: कोटद्वार में वन रैंक वन पेंशन को लेकर पूर्व सैनिकों का प्रदर्शन - Uttarakhand Budget Session 2023

कोटद्वार में वन रैंक वन पेंशन लागू करने को लेकर पूर्व सैनिक सड़कों पर उतर गए हैं. सरकार से पेंशन विसंगतियों को दूर करने की मांग कर रहे हैं.

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Published : Mar 14, 2023, 3:01 PM IST

कोटद्वार: वन रैंक वन पेंशन लागू करने के लिए पूर्व सैनिक सड़कों पर उतर गए हैं. प्रदर्शनकारी पूर्व सैनिकों का कहना है कि केंद्र सरकार ने पूर्व में घोषणा की थी रैंक के आधार पर उनको पेंशन का लाभ मिलेगा. लेकिन, अभी तक उन्हें वन रैंक वन पेंशन का लाभ नहीं मिला है. पूर्व सैनिक पेंशन विसंगतियों को लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर पर भी प्रदर्शन कर चुके हैं. पूर्व सैनिकों का कहना है कि केंद्र सरकार और रक्षा मंत्रालय पूर्व सैनिकों की पेंशन को कम कर रहे हैं. जबकि सरकार द्वारा पूर्व में ही पूर्व सैनिकों को वन रैंक वन पेंशन का लाभ देने की घोषणा की गई थी.

पौड़ी जनपद के पूर्व सैनिक संगठन समिति के बैनर तले सैकड़ों पूर्व सैनिकों ने कोटद्वार झंडीचौड़ से तहसील परिसर तक रैली निकाल कर विरोध प्रदर्शन किया. पूर्व सैनिकों ने कोटद्वार तहसील पहुंच कर उप जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को ज्ञापन सौंंपा और जल्द समाधान की मांग की है.
ये भी पढ़ें: Protest for OROP: वन रैंक वन पेंशन को लेकर पूर्व सैनिकों का प्रदर्शन, चुनाव बहिष्कार की दी धमकी

वहीं, पूर्व सैनिकों के समर्थन में कांग्रेस भी उतर आई है. गैरसैंण बजट सत्र के दौरान कांग्रेस ने पूर्व सैनिकों की पेंशन विसंगतियों की मांग को लेकर भराड़ीसैंण विधानसभा के बाहर प्रदर्शन भी किया. पूर्व सैनिक संगठन संघर्ष समिति के अध्यक्ष महेन्द्र पाल सिंह रावत ने बताया कि सैन्य अधिकारियों एवं अन्य पदों पर पेंशन बढ़ोत्तरी पर रक्षा मंत्रालय ने अलग से मानक निर्धारित किए हैं. जबकि सैन्य सर्विस में सभी जवान एक हालात में देश की सेवा करते हैं.

शहीद सैनिकों की विरांगनाओं के लिए सर्विस के अनुसार पेंशन लागू होनी चाहिए. रक्षा मंत्रालय ने सैन्य अधिकारियों की विधवाओं की पेंशन को बढ़ाया है. सैन्य सेवा के दौरान दिव्यांग सैनिक एवं अधिकारी को एक समान पेंशन का लाभ दिया जाना चाहिए. वेतन एवं पेंशन विसंगतियों के लिए कमेटी गठित की जानी चाहिए.

कोटद्वार: वन रैंक वन पेंशन लागू करने के लिए पूर्व सैनिक सड़कों पर उतर गए हैं. प्रदर्शनकारी पूर्व सैनिकों का कहना है कि केंद्र सरकार ने पूर्व में घोषणा की थी रैंक के आधार पर उनको पेंशन का लाभ मिलेगा. लेकिन, अभी तक उन्हें वन रैंक वन पेंशन का लाभ नहीं मिला है. पूर्व सैनिक पेंशन विसंगतियों को लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर पर भी प्रदर्शन कर चुके हैं. पूर्व सैनिकों का कहना है कि केंद्र सरकार और रक्षा मंत्रालय पूर्व सैनिकों की पेंशन को कम कर रहे हैं. जबकि सरकार द्वारा पूर्व में ही पूर्व सैनिकों को वन रैंक वन पेंशन का लाभ देने की घोषणा की गई थी.

पौड़ी जनपद के पूर्व सैनिक संगठन समिति के बैनर तले सैकड़ों पूर्व सैनिकों ने कोटद्वार झंडीचौड़ से तहसील परिसर तक रैली निकाल कर विरोध प्रदर्शन किया. पूर्व सैनिकों ने कोटद्वार तहसील पहुंच कर उप जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को ज्ञापन सौंंपा और जल्द समाधान की मांग की है.
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वहीं, पूर्व सैनिकों के समर्थन में कांग्रेस भी उतर आई है. गैरसैंण बजट सत्र के दौरान कांग्रेस ने पूर्व सैनिकों की पेंशन विसंगतियों की मांग को लेकर भराड़ीसैंण विधानसभा के बाहर प्रदर्शन भी किया. पूर्व सैनिक संगठन संघर्ष समिति के अध्यक्ष महेन्द्र पाल सिंह रावत ने बताया कि सैन्य अधिकारियों एवं अन्य पदों पर पेंशन बढ़ोत्तरी पर रक्षा मंत्रालय ने अलग से मानक निर्धारित किए हैं. जबकि सैन्य सर्विस में सभी जवान एक हालात में देश की सेवा करते हैं.

शहीद सैनिकों की विरांगनाओं के लिए सर्विस के अनुसार पेंशन लागू होनी चाहिए. रक्षा मंत्रालय ने सैन्य अधिकारियों की विधवाओं की पेंशन को बढ़ाया है. सैन्य सेवा के दौरान दिव्यांग सैनिक एवं अधिकारी को एक समान पेंशन का लाभ दिया जाना चाहिए. वेतन एवं पेंशन विसंगतियों के लिए कमेटी गठित की जानी चाहिए.

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