श्रीनगर: बदरीनाथ धाम के तीर्थ-पुरोहितों ने शनिवार को देवप्रयाग में बैठक की. इस दौरान तीर्थ-पुरोहितों ने साफ किया है कि जबतक पुनर्वास नीति स्पष्ट नहीं होती है, वे एक इंच भूमि भी नहीं देंगे. साथ ही देवस्थानम बोर्ड को निरस्त करने बिना सरकार से कोई वार्ता नहीं करेंगे.
बैठक में एसडीएम जोशीमठ के आने पर तीर्थ-पुरोहितों ने रोष जताया. बैठक में तहसीलदार जोशीमठ आरपी ममगाई, कानूनगो सुजान सिंह नेगी, राजस्व उपनिरीक्षक देवेंद्र सिंह नेगी और सुनील कुमार पहुंचे थे. श्री बदरीश पंडा पंचायत अध्यक्ष प्रवीन ध्यानी ने चमोली प्रशासन द्वारा देवप्रयाग में बैठक आयोजित करने पर आभार जताया.
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उन्होंने कहा कि सरकार तीर्थ-पुरोहितों की भावनाओं के अनुसार बदरीनाथ में मास्टर प्लान लागू करें. तीर्थ-पुरोहितों की सहमति के बिना मास्टर प्लान स्वीकार नहीं होगा. दो साल बाद शुरू होने वाले मास्टर प्लान में फेज टू पर बात करने का अभी कोई औचित्य नहीं है, जबकि सरकार अभी फेज वन पर ही कार्य कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार मास्टर प्लान को लेकर किसी भी तीर्थ-पुरोहित को नोटिस ना भेजे.
चारधाम तीर्थ-पुरोहित हक-हकूकधारी महापंचायत के अध्यक्ष ने कहा कि सरकार जब तक तीर्थ-पुरोहितों को दिये जानेवाली भूमि भवन की रजिस्ट्री नहीं करती, तबतक उनके भवनों को ध्वस्त करने की कोई कार्रवाई नहीं करे.
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उन्होंने कहा कि केदारनाथ के तीर्थ-पुरोहितों के साथ सरकार ने जो धोखा किया है, वह बदरीनाथ में नहीं होने देंगे. मास्टर प्लान के तहत खाता खतौनी की स्थिति स्पष्ट करने के लिये एक माह का कैम्प देवप्रयाग में लगाया जाए.
पूर्व अध्यक्ष भगवती प्रसाद ध्यानी ने कहा कि 1952 के बाद बदरीनाथ में कोई भूमि बंदोबस्त नहीं हुआ है. जिस कारण सभी हकदारों के नाम के खाता खतौनियों में नहीं आए हैं. डॉ गिरधर पंडित ने बदरीनाथ में रेगुलेटिंग एरिया एक्ट लागू होने से पहले स्थित आवासों के अनुसार मुआवजा तय करने की मांग की.
सूर्यकांत पंडित ने मंदिर से सटे नरसिंह मंदिर को नहीं हटाने की मांग की. डॉ शैलेन्द्र नारायण ने कहा कि बदरीनाथ मास्टर प्लान में धार्मिक और पौराणिक मूल्यों को बनाया रखा जाए. सरकार इसको लागू करने में कोई जल्दबाजी ना करे. तीर्थ-पुरोहितों ने एक स्वर में कहा कि मास्टर प्लान से प्रभावित होने वाले लोगों की पूरी सूची जारी की जाए.
तहसीलदार जोशीमठ आरएस ममगाई ने कहा बैठक में रखी गयी मांगों को डीएम चमोली के समक्ष रखा जाएगा, जिस पर प्रशासन द्वारा अपना निर्णय लिया जायेगा. उन्होंने कहा पुनर्वास नीति का खाका तय होने के बाद सभी के सामने रखा जायेगा.